Sushma Singh 348 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Sushma Singh 21 Mar 2022 · 1 min read विश्व कविता दिवस विश्व कविता दिवस ++++++++++++++++ निज कष्टों को पीकर के में, अंतर की प्यास बुझाती हूं रचनाएं लिखती जाती हूं। जब-जब अंतर अकुलाता है, भावों की धार बहाती है में निज... Hindi · कविता 4 4 648 Share Sushma Singh 28 Jul 2022 · 1 min read चांद है तन्हां चांद है तन्हां --------- चांद भी है तन्हां, आसमां भी तन्हां, जहां भी क्यूं है, वीरान और तन्हां। दिल की हर धड़कन का धक-धक होना, सांसों का ऐसे चलना, क्यूं... Hindi · ग़ज़ल 3 1 120 Share Sushma Singh 15 Jun 2023 · 1 min read गर्मी का कहर विषय -गर्मी का कहर ------------------ हे सूर्य! तुम अभी न निकलना, अभी तुम बादल में छुप जाना। सभी बच्चे जब पहुंच जाएं --- अपने घर तब तुम निकलना? धूप बहुत... Hindi · कविता 3 2 343 Share Sushma Singh 1 Jan 2024 · 1 min read नव वर्ष तुम्हारा स्वागत। शीर्षक -नव वर्ष तुम्हारा स्वागत! ---------------------- स्वागत!है नव वर्ष तुम्हारा, आओ हम सभी परोपकार करें। दीन , दुःखी, असहायों की हम, सभी मिलकर हम मदद करें ।। नया जोश और... Hindi · कविता 3 242 Share Sushma Singh 18 Apr 2022 · 1 min read पिता मेरी प्रेरणा पिता मेरी प्रेरणा --------------------- बचपन से देखा था मैनें, उनको नियम से चलना करते थे मेहनत बहुत, हम बच्चों के लिए! आसमां जमीं एक करते थे, हम सबके लिए? देते... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 2 3 89 Share Sushma Singh 18 Apr 2022 · 1 min read पिता के पदचिन्ह पिता के पदचिन्ह ------------------- में सोचती हूं मैं भी चलूं, उस पथ पर जिसको पापा ने रोशन किया, बन जांऊ उन कदमों के निशां! जो एक पहचान बन अमर हो... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 2 3 104 Share Sushma Singh 18 Apr 2022 · 1 min read रूठने पर मनाना मुझको रूठने पर मनाना मुझको ---------------------------- में रूठ जाती अगर, तो मुझको मनाते थे। मेरे पापा तुम सदा , मुझको पुकारते थे। सीने से लगाकर मुझको, मेरे बालों को सहलाते थे,... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 2 3 79 Share Sushma Singh 18 Apr 2022 · 1 min read बचपन की यादें बचपन की यादें ----------------- याद है मुझको ,जब में छोटा था, बनकर घोड़ा मुझको अपनी, पीठ में बिठाया था, छुप-छुप कर खेले , क ई खेल तुमने थे- जब में... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 2 2 95 Share Sushma Singh 18 Apr 2022 · 1 min read पापा मेरे दोस्त पापा मेरे दोस्त --------------- उंगली पकड़ के तूने , चलना सिखाया था गिर जाने पर तुमने ही उठना सिखाया था। जब भी कहीं ठोकर, खाई है मेंने-- तुमने ही मुझको... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 2 3 107 Share Sushma Singh 18 Apr 2022 · 1 min read अंबर होते पिता अंबर होते पिता ------------------ अंबर से ऊंचा होता,पिता का साथ, मां धरा है होती---- किस्मत वाले होतें हैं वो जिसके सिर है पिता का हाथ। परेशानी सारी कट जाती, हंसते-हंसते... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 2 4 102 Share Sushma Singh 20 Apr 2022 · 1 min read बरगद की छांव हैं पिता बरगद कि छांव हैं पिता -------------------------- जैसे हर एक राही को, छांव बरगद हे देता। वैसे ही पिता का साया,बच्चों को! खुशियों से भर देता।। पिता ही तो हैं हमारे... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 2 2 112 Share Sushma Singh 20 Apr 2022 · 1 min read मेरी हर खुशी पिता मेरी हर खुशी पिता ---------------------- हम सभी को बचपन से लेकर , आज तक हर खुशी दी है तुमने। दिन-रात मेहनत करके , हम सबको पढ़ाया है तुमने।। कभी नहीं... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 2 2 93 Share Sushma Singh 23 Apr 2022 · 1 min read पापा की परी हूं मैं पापा की परी हूं मैं ++++++++++ बचपन से लेकर, यौवन तक, यही सुनती आई हूं। सबकी राजदुलारी हूं मैं, पापा की परी हूं मैं---- मां की आंख का तारा हूं,... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 2 2 232 Share Sushma Singh 23 Apr 2022 · 1 min read पिता से मेरी पहचान पिता से मेरी पहचान ------------------------ मुझको इस धरा पर लाकर, दी है एक अमूल्य पहचान। जगत में नाम रोशन कर , में समझूं अपनी ही शान। पिता से मेरी पहचान---... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 2 1 210 Share Sushma Singh 20 May 2022 · 1 min read जीवन नैया जीवन नैया ------------- प्राणी का जीवन भी नौका जैसा है, तूफानों जैसे संघर्ष आते रहते हैं । लेकिन तुम मानव चट्टान बन खड़े रहना। लहरों से भी टकराकर नौका को... Hindi · कविता 2 1 117 Share Sushma Singh 20 May 2022 · 1 min read पापा मेरे सबसे अच्छे पापा मेरे सबसे अच्छे ----------------------- पापा मेरे सबसे अच्छे , नित नए सपने बुनते हैं। हम बच्चों के खातिर सपनों की कीमत क्या क्या सहके अदा करते हैं। सब कुछ... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 2 1 322 Share Sushma Singh 23 May 2022 · 1 min read पिता ही फरिश्ता पिता ही फरिश्ता ---------------------- जब कभी भी विपदा आती, सारथी बन जाते पापा है। हम बच्चों के लिए अपनी इच्छाओं का दमन कर देते हैं । और हम सब में... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 2 2 199 Share Sushma Singh 29 May 2022 · 1 min read पापा कोई आपसा नहीं पापा कोई आपसा नहीं -------------------------- पापा सारे जहां में आपसा कोई नहीं, तपते हो हम बच्चों के लिए यह है सही कभी नहीं थकते सदा मुस्कुराते हो, अपनी ताकत हम... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 2 1 120 Share Sushma Singh 1 Jan 2023 · 1 min read छाया है कोहरा शीर्षक -छाया है कोहरा ------------------ मेरे साथ! चांद है और चांदनी, और हैं सर्दी की ठिठुरती रातें! छाया है चारों और कोहरा, तुम!और में साथ,और मधुर रागिनी!! चांदनी की है... Hindi · कविता 2 1 121 Share Sushma Singh 8 Jun 2023 · 1 min read किताबों से दोस्ती शीर्षक -किताबों से दोस्ती ---------------------- तन्हा रहकर हमने, किताबों से दोस्ती कर ली। इसी तरह से बसर हमने, जिंदगी कर ली।। वक्त कटता नहीं और, जीवन भी नीरस था। इसी... Hindi · कविता 2 304 Share Sushma Singh 11 Jul 2023 · 1 min read बहादुर बच्चों शीर्षक -बहादुर बच्चों --------------- गिरने से मत डरना तुम, ठोकर हमको सिखाती है। जीवन पथ में आगे बढ़ना, ठोकर ही नई राह दिखाती है! नन्हे -मुन्ने बच्चों सुन लो, कभी... Hindi · गीत 2 82 Share Sushma Singh 7 Nov 2023 · 1 min read शीर्षक -छाई है धुंँध शीर्षक -छाई है धुंँध ------------------ मेरे साथ! चांँद है और चांँदनी, और हैं सर्दी की ठिठुरती रातें! छाई हुई है चहुं और धुंँध सी, तुम!और में साथ,और मधुर रागिनी!! चांँदनी... Hindi · कविता 2 158 Share Sushma Singh 27 Jan 2022 · 1 min read मेरे गिरधर गिरधारी रे!तेरे बिना मेरा कोई नहीं मेरे उर की पीड़ा तू ही जाने तू ही मेरा पथ गामी, तेरे बिना मेरा कोई नहीं। ऐ जगत है सारा छलिया तू ही... Hindi · कविता 1 1 176 Share Sushma Singh 28 Jan 2022 · 1 min read ??रिश्ते?? ??रिश्ते?? किसको खबर मेरे आंशिया की जो पल-पल बिखरे हैं मोतियों सी। अपनों को खुश करने में, सदा दिल दुखाया अपना, जीवन में खुशियां तो बन गई एक सपना ।... Hindi · कविता 1 177 Share Sushma Singh 28 Jan 2022 · 1 min read दोहे ???कोरोना काल??? दोहे नये रूप में फिर आया,ये कोरोना काल। सबको उलझन हो रही,विकट हुआ यह साल।। कोई भी बीमार हो, डरे-डरे से जायं। वेक्सिन लगवाना ही,सीधा एक उपाय।। घर... Hindi · दोहा 1 1 451 Share Sushma Singh 28 Jan 2022 · 1 min read कविता ❤️❤️इंतजार❤️❤️ हरपल रहता है इंतजार तेरा, आहट सी जब भी कोई होती, आता है आंखों में चहरा तेरा। आज भी ढलती शाम में इंतजार है, ऐ आंखें भी बोझिल हो... Hindi · कविता 1 1 172 Share Sushma Singh 28 Jan 2022 · 1 min read कविता ?? पिता का साया आसमान होता है पिता से पूरा परिवार गुलज़ार होता है घर की रौनक होते हैं पिता मां उंगली पकड़ के चलना सिखाती है तो रास्ता दिखातें... Hindi · कविता 1 1 152 Share Sushma Singh 28 Jan 2022 · 1 min read कविता ????मेरा प्यारा वतन???? फहराता हे केसरिया तिरंगा, अपनी पूरी शान से। देश को आजादी मिली, वीर शहीदों के बलिदान से।। मातृभूमि की रक्षा को, पहरा देते हैं दिन रात। विश्व... Hindi · कविता 1 1 192 Share Sushma Singh 29 Jan 2022 · 1 min read कविता ??ईश?? हे! प्रभु हम सब बालक नादान तू ही जाने सब तेरी महिमा? जगत का तू ही पालन हार। कण -कण में तू हे समाया फिर मानुष काहे भरमाया एक... Hindi · कविता 1 1 226 Share Sushma Singh 29 Jan 2022 · 1 min read कविता ??सरस्वती वंदना?? हे! मां सरस्वती ज्ञान की देवी अपनी दया बरसा देना, मुझको आशिर्वाद दो मां ज्ञान की ज्योति जगा देना। तू सारे गीत संवारे, रागो में अहसास तेरा, साजों... Hindi · कविता 1 1 192 Share Sushma Singh 30 Jan 2022 · 1 min read कविता ?प्राकृतिक सुषमा? धरा के हरित पल्लवित रूप मनोहर, कहीं बहती हुई झर-झर हैं नदियां, कहीं झिलमिलाते हैं झीलों के तेवर। कहीं ऊंचे पहाड़ो पर सफेद बर्फो की चादर, कहीं पेड़ों... Hindi · कविता 1 1 357 Share Sushma Singh 30 Jan 2022 · 1 min read गीत नेता जी सुभाष चंद्र बोस देश से प्यार करते थे वो, एक नया इतिहास लिख गए वो तुम मुझे खून दो, आजादी उसके बदले में लो जय हिन्द का नारा... Hindi · गीत 1 1 161 Share Sushma Singh 30 Jan 2022 · 1 min read कुंडलियां कुंडलियां छंद रिमझिम-रिमझिम बरसात, बुंदियन की सौगात। काली छाई है घटा, आई है बरसात।। आई है बरसात, खिलें हें बगिचे सारे। धानी रंग जहान,धरा के वारे न्यारे।। नदियां सागर ताल,कहीं... Hindi · कुण्डलिया 1 1 192 Share Sushma Singh 30 Jan 2022 · 1 min read कविता ❤️❤️जीवनसाथी❤️❤️ तुम ही मेरे जीवन का श्रृंगार हो, तुम ही मेरे आसमां तुम ही संसार हो, दिल कि हर धड़कन में तुम हो , सांसों की हर लय में तुम... Hindi · कविता 1 1 357 Share Sushma Singh 30 Jan 2022 · 1 min read कविता ?विषय-घरौंदा? तिल- तिल कर घरौंदा बनाया मैने, बड़े जतन से, ऐसी आई विरह की आंधी, जो साथ में ले गई सब अपने। पर हाय!साथ में दे गई एक दर्द,एक पीड़ा,... Hindi · कविता 1 1 456 Share Sushma Singh 31 Jan 2022 · 1 min read कविता ✨✨??✨✨ सूरज की पहली किरण की स्वर्णिमा, बिखरी धरा पर सुनहरी लालिमा। सुखमय हुआ सबेर, आई सुखमय भोर, अंधियारा सारा मिट गया नभचर करते शोर। दिनकर का हुआ आगमन बीती... Hindi · कविता 1 172 Share Sushma Singh 1 Feb 2022 · 1 min read फूल ??फूल?? गिरा हुआ धरा पर फूल,कीमत उसकी कोई न जाने, सिसकियां ले जो बन गया शूल, कीमत उसकी कोई न जाने, जो प्रभु को है चढ़ाने। चमकी किस्मत उसकी जब,... Hindi · कविता 1 1 196 Share Sushma Singh 2 Feb 2022 · 1 min read कान्हा ?️?️कान्हा?️?️ मुरली की मनोहर धुन, उर को विभोर लागत है। राधा के संग रास रचावैं, कान्हा झांझ बजावत हैं।। सखियां झूमें कान्हा संग, राधा रानी नाचत हैं। वंशीधर साथ रंभाती... Hindi · गीत 1 1 291 Share Sushma Singh 5 Feb 2022 · 1 min read कविता ✨✨कविता✨✨ तड़प!न कोई मजहब,न धर्म फिर भी एक दर्द है दुख मित्र हे आपका ईश्वर की खोज कराता है। शब्द भी चुभते हैं, अपशब्द जो कहते हैं, हंसाते भी हैं,... Hindi · कविता 1 215 Share Sushma Singh 5 Feb 2022 · 1 min read गीत ???वीर सपूत??? ऐ वतन-ऐ वतन मेरे प्यारे वतन तुझपे जां कुर्बान है,ऐ मेरे वतन--- वतन की आन के लिए वतन की शान के लिए जो दुश्मनों से डरते नहीं, भारत... Hindi · गीत 1 229 Share Sushma Singh 5 Feb 2022 · 1 min read लेख लेख-महात्मा गांधी??????? बापू की विचारधारा को मानने वाले दुनिया के हर कोने में मौजूद हैं। उनमें गांधी जी के अनुयाई भारतीय सुपरस्टार कमल हसन ने "हे राम,,फिल्म का निर्माण करने... Hindi · लेख 1 204 Share Sushma Singh 5 Feb 2022 · 1 min read गणतंत्र दिवस ????गणतंत्र दिवस???? आओ मिलकर हम सब आजादी का जश्न मनाते हैं मधुर राष्ट्रगीत गाते हैं। हमारे देश की सेनाएं गणतंत्र दिवस पर, लालकिले पर अपना जोहर दिखलाएं फिर झंडे का... Hindi · गीत 1 399 Share Sushma Singh 6 Feb 2022 · 1 min read हार नहीं मानूंगी ??हार नहीं मानूंगी?? हार नहीं मानूंगी, रार नहीं मानूंगी, जीवन के पथ में कभी, हार नहीं मानूंगी। चलते जाना-चलते जाना, गिर-गिर कर उठना उठ कर गिरना, जख्मों की पीड़ा सहकर!... Hindi · कविता 1 3 351 Share Sushma Singh 10 Feb 2022 · 1 min read आजकल ??आजकल?? चाह नहीं सोना ,चांदी, जवाहरातों की, मुझे तो थोड़ी जमीं, थोड़ा आसमां चाहिए। अपना प्यारा सा,सारा जहां चाहिए।। आपस में था भाईचारा, सब मिलजुल कर है रहते, प्रेम की... Hindi · कविता 1 157 Share Sushma Singh 13 Feb 2022 · 1 min read हाइकु ??हाइकु?? सरोजनी नायडू की जयंती पर कोटि-कोटि सहस्त्रों नमन??? जन्म बंगाली हैदराबाद घर मैट्रिक् टाप। कविता रूचि तैरह सो लिख दी पिता हैरान। लंदन किंग यूनिवर्सिटी पढ़ी रूचि लेखनी। दूसरी... Hindi · हाइकु 1 1 231 Share Sushma Singh 14 Feb 2022 · 1 min read राधा कृष्ण सा प्रेम ??राधा कृष्ण सा प्रेम?? अमर प्रेम हे!तेरा मेरा, जैसे धूप छांव का फेरा। जनम-जनम चलता रहे,ऐसा ही सिलसिला तेरा मेरा।। कभी कृष्ण तो कभी मीरा, कभी राधा सा हो प्रेम... Hindi · कविता 1 1 794 Share Sushma Singh 15 Feb 2022 · 1 min read कविता ?????️???? ?️????????️ विश्व धरा पर छा जांऊ, है ये मेरे मन का सपना, सकल जगत में परचम लहरे, बने एक पहचान जग में, सपना हृदय से यही है अपना!!!! सब... Hindi · कविता 1 227 Share Sushma Singh 19 Feb 2022 · 1 min read प्रेम की बयार प्रेम की बयार!!! हे!प्रभु तुम प्रेम रसधार, की बौछार करदो। प्रेममयी दरिया में नहा लें, वो नदियां बहा दो।। सकल जगत में फैलादें, निश्चल हृदय की बयार। देख सारे जहां... Hindi · कविता 1 1 200 Share Sushma Singh 7 Mar 2022 · 2 min read महिला सशक्तिकरण महिला सशक्तिकरण ++++++++++++++ प्राचीन काल से महिलाओं की हर क्षेत्र में भूमिका रही है। जैसे कि रानी लक्ष्मीबाई, दुर्गा वती, अहिल्याबाई आदि महिलाओं का विशेष योगदान रहा है। हमारे देश... Hindi · लेख 1 1 334 Share Sushma Singh 10 Mar 2022 · 1 min read विश्व धरा पर संकट विश्व धरा पर संकट +++++++++++++ हे!विषम ये युद्ध छिड़ा, सारा खौफ प्रभु हर लीजे। जन ही जन का लहु करे, अब सब के उर में प्रभु प्रेम भर दीजे।। समय... Hindi · कविता 1 1 177 Share Page 1 Next