Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Apr 2022 · 1 min read

रूठने पर मनाना मुझको

रूठने पर मनाना मुझको
—————————-
में रूठ जाती अगर,
तो मुझको मनाते थे।
मेरे पापा तुम सदा ,
मुझको पुकारते थे।
सीने से लगाकर मुझको,
मेरे बालों को सहलाते थे,
मेरे प्यारे पापा जी तुम!
मुझको बहुत याद आते हो —
जब भी कभी ,नाराज हो!
में रूठ जाती थी—
बनकर एक खिलाड़ी,
तुम मुझको हंसाते थे।।
कोई भी फरमाइश हो मेरी,
उनको तुम सदा करते थे।
शैतानियों को तुम —
नजर अंदाज करते थे मेरी।।
मेरे पापा तुम मुझको,
बहुत याद आते हो—–

सुषमा सिंह *उर्मि,,
कानपुर उ०प्र०

2 Likes · 3 Comments · 82 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Sushma Singh
View all
You may also like:
एक हाथ में क़लम तो दूसरे में क़िताब रखते हैं!
एक हाथ में क़लम तो दूसरे में क़िताब रखते हैं!
The_dk_poetry
संसार में मनुष्य ही एक मात्र,
संसार में मनुष्य ही एक मात्र,
नेताम आर सी
वो इबादत
वो इबादत
Dr fauzia Naseem shad
अमर शहीद स्वामी श्रद्धानंद
अमर शहीद स्वामी श्रद्धानंद
कवि रमेशराज
!! हे लोकतंत्र !!
!! हे लोकतंत्र !!
Akash Yadav
शीर्षक – फूलों के सतरंगी आंचल तले,
शीर्षक – फूलों के सतरंगी आंचल तले,
Sonam Puneet Dubey
Pain of separation
Pain of separation
Bidyadhar Mantry
जागी जवानी
जागी जवानी
Pt. Brajesh Kumar Nayak
खरा इंसान
खरा इंसान
Dr. Pradeep Kumar Sharma
महिलाएं जितना तेजी से रो सकती है उतना ही तेजी से अपने भावनाओ
महिलाएं जितना तेजी से रो सकती है उतना ही तेजी से अपने भावनाओ
Rj Anand Prajapati
हमें लिखनी थी एक कविता
हमें लिखनी थी एक कविता
shabina. Naaz
3136.*पूर्णिका*
3136.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"विश्ववन्दनीय"
Dr. Kishan tandon kranti
पेड़ और चिरैया
पेड़ और चिरैया
Saraswati Bajpai
जाना जग से कब भला , पाया कोई रोक (कुंडलिया)*
जाना जग से कब भला , पाया कोई रोक (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
Love yourself
Love yourself
आकांक्षा राय
संवेदना...2
संवेदना...2
Neeraj Agarwal
समीक्षा- रास्ता बनकर रहा (ग़ज़ल संग्रह)
समीक्षा- रास्ता बनकर रहा (ग़ज़ल संग्रह)
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
.......... मैं चुप हूं......
.......... मैं चुप हूं......
Naushaba Suriya
लिखना चाहूँ  अपनी बातें ,  कोई नहीं इसको पढ़ता है ! बातें कह
लिखना चाहूँ अपनी बातें , कोई नहीं इसको पढ़ता है ! बातें कह
DrLakshman Jha Parimal
#दोहा-
#दोहा-
*Author प्रणय प्रभात*
ऐसे तो दूर नहीं होगी यह मुश्किल
ऐसे तो दूर नहीं होगी यह मुश्किल
gurudeenverma198
मुंशी प्रेमचंद की जयंती पर उन्हें नमन।
मुंशी प्रेमचंद की जयंती पर उन्हें नमन।
Paras Nath Jha
आज फिर वही पहली वाली मुलाकात करनी है
आज फिर वही पहली वाली मुलाकात करनी है
पूर्वार्थ
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"ज्ञ " से ज्ञानी हम बन जाते हैं
Ghanshyam Poddar
Price less मोहब्बत 💔
Price less मोहब्बत 💔
Rohit yadav
सूरज आएगा Suraj Aayega
सूरज आएगा Suraj Aayega
Mohan Pandey
वृक्ष बन जाओगे
वृक्ष बन जाओगे
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
Charlie Chaplin truly said:
Charlie Chaplin truly said:
Vansh Agarwal
Loading...