कविता
❤️❤️जीवनसाथी❤️❤️
तुम ही मेरे जीवन का श्रृंगार हो,
तुम ही मेरे आसमां तुम ही संसार हो,
दिल कि हर धड़कन में तुम हो ,
सांसों की हर लय में तुम हो,
मुझे नहीं पता कि तुम मेरे क्या हो,
फरिश्ता, रब या तुम मेरे भगवान हो।
जब तक ये स्वर्णिम सूरज होगा,
तू सदा यूं ही दुनिया में रोशन होगा,
मेरे जीवन का साज और विश्वास तुम्ही हो,
तुम ही मेरी ताकत और तुम ही मेरा नाज हो,
तुम ही मेरे जीवन की सतरंगी दुनिया,
और युगों -युगों का प्यार हो ।।
तुम ही मेरे जीवन का श्रृंगार हो,
सुषमा सिंह उर्मि