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15 Jun 2023 · 1 min read

गर्मी का कहर

विषय -गर्मी का कहर
——————
हे सूर्य! तुम अभी न निकलना,
अभी तुम बादल में छुप जाना।
सभी बच्चे जब पहुंच जाएं —
अपने घर तब तुम निकलना?

धूप बहुत होती है तेज,
जिससे खूब पसीना आता ।
थोड़ी देर को तुम छुप जाना रे!
अपने घर को पहुंचे सब बच्चे।
फिर! तुम चाहे निकल आना रे?

ऐ सूरज तुम अभी न निकलना —–

गरम-गरम लू है चलती,
सब बाहर नहीं निकल पाते।
ऐसे में सारे बालक नित्य —
अपनी कोचिंग को हे जाते!

तुमको क्या दया नहीं आती,
उन मासूम ढेरों बच्चों पर।
जो नित ऐसी गर्मी में भी,
डटे रहते अपने कर्तव्य पथ पर?

ऐसी कहर ढाती गर्मी में भी,
सब बच्चे अपनी परीक्षा देते।
भरी दुपहरी में बच्चे सारे,
अपने पेपर देने को जाते!

सड़कें सूनी चहुं ओर सन्नाटा,
इक्का-दुक्का लोग ही
सड़कों पर नजर आवे।
महिलाएं सिर पर चुन्नी ओंढे,
और हाथ में छतरी लिए,
ऐसी भीषण गर्मी का कहर,
किसी को नहीं भावे!!

ऐ सूरज तुम अभी न निकलना —-

सुषमा सिंह*उर्मि,,
कानपुर

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 342 Views
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