sushil sarna 569 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid sushil sarna 23 May 2024 · 1 min read दोहा पंचक. . . . . गर्मी दोहा पंचक. . . . . गर्मी मेघा बरसें बाद में, पहले बरसे आग । सागर से लेकर चलें, बादल मीठे राग ।। धरती अम्बर तप रहे, सूखे सारे ताल... 3 Share sushil sarna 22 May 2024 · 1 min read आधुनिक समाज ….. आधुनिक समाज ….. उफ्फ ! ये कैसी आधुनिकता है जिसमें हर पल संस्कारों का दम घुट रहा है हर तरफ एक क्रंदन है सभ्यता आज कितनी असभ्य हो गयी है... 8 Share sushil sarna 21 May 2024 · 1 min read आज दिवाकर शान से, आज दिवाकर शान से, करे गगन पर राज । हरी धरा पर ताप की, गिरा रहा वो गाज ।। सुशील सरना / 21-5-24 Quote Writer 11 Share sushil sarna 21 May 2024 · 1 min read धाम- धाम में ईश का, धाम- धाम में ईश का, खूब लगाया ध्यान । दान -दक्षिणा से लुटे, पर न मिला भगवान ।। सुशील सरना / 21-5-24 Quote Writer 10 Share sushil sarna 21 May 2024 · 1 min read दोहा पंचक. . . .इश्क दोहा पंचक. . . .इश्क क्या सोये दिल इश्क में,खड़े सिरहाने ख्वाब । नशा हुस्न का यूँ चढ़ा, फीकी लगी शराब ।। उफ्फ बला की शोखियाँ, वो कातिल अंदाज ।... 6 Share sushil sarna 20 May 2024 · 1 min read पल- पल बदले जिंदगी, पल- पल बदले जिंदगी, गिरगिट जैसे रंग । जीवन से मिटने लगी, खुशियों भरी उमंग ।। सुशील सरना / 20-5-24 Quote Writer 14 Share sushil sarna 20 May 2024 · 1 min read हर खतरे से पुत्र को, हर खतरे से पुत्र को, पिता करे आगाह । जीवन में हर लक्ष्य की , दुर्गम होती राह ।। सुशील सरना / 20-5-24 Quote Writer 12 Share sushil sarna 20 May 2024 · 1 min read ताप संताप के दोहे. . . . ताप संताप के दोहे. . . . आई गर्मी ताप में , विहग ढूँढते छाँव । शहर भरा कंक्रीट से, वृक्षहीन हैं गाँव ।। कहाँ टिकाएं पाँव । हुए भयंकर... 9 Share sushil sarna 19 May 2024 · 1 min read वो बुद्ध कहलाया ... वो बुद्ध कहलाया ... दुःख-दर्द,खुशी, सांसारिक व्याधियों के कोलाहल में आडंबर भरे संसार में झूठे दिखावटी प्यार में भौतिक रिश्तों के व्यापार में जो निर्लिप्त भाव से स्वयं को स्वयं... 9 Share sushil sarna 19 May 2024 · 1 min read दोहा पंचक. . . . . पिता दोहा पंचक. . . . . पिता फटी बनियान बाप के, श्रम की है पहचान । भूली उसके त्याग को, नव युग की सन्तान।। धन अर्जन के वास्ते, क्या -क्या... 9 Share sushil sarna 18 May 2024 · 1 min read श्याम भयी न श्वेत भयी … श्याम भयी न श्वेत भयी … श्याम भयी न श्वेत भयी जब काया मिट के रेत भयी लौ मिली जब ईश लौ से भौतिक आशा निस्तेज भयी रंग बिरंगे रिश्ते... 10 Share sushil sarna 18 May 2024 · 1 min read दोहा पंचक. . . . दोहा पंचक. . . . जब तक बैठी पास माँ , कर लो दिल की बात । आशीषों की फिर कहाँ, पाओगे सौगात ।। वसन जुदा तन से हुए, अधर... 13 Share sushil sarna 17 May 2024 · 1 min read दोहा ग़ज़ल .....(सुगंध ) दोहा ग़ज़ल .....(सुगंध ) पावन नजरें हों अगर , पावन हों सम्बंध । पावन रिश्तों में बहे , पावन प्रेम सुगंध । जब होती हैं स्वार्थ की,आपस में तकरार ,... 10 Share sushil sarna 17 May 2024 · 1 min read माँ से मिलने के लिए, माँ से मिलने के लिए, मन तड़पा सौ बार । अब तो होते चित्र में, बस माँ के दीदार ।। सुशील सरना / 17-5-24 Quote Writer 20 Share sushil sarna 17 May 2024 · 1 min read तन्हाई को तोड़ कर, तन्हाई को तोड़ कर, आई तेरी याद । तारीकी में खो गई, मिलने की फरियाद ।। सुशील सरना / 17-5-24 Quote Writer 17 Share sushil sarna 17 May 2024 · 1 min read दोहा पंचक. . . . दोहा पंचक. . . . हर बंधन से मुक्ति ही, कहलाती निर्वाण । आदि - अन्त के मध्य का, जीवन तन में प्राण ।। श्वास नाद है जीव के, जीवन... 12 Share sushil sarna 16 May 2024 · 1 min read दोहा पंचक. . . . काल दोहा पंचक. . . . काल जाने कल क्या वक्त का , होगा नया कमाल । कदम - कदम पर जिंदगी, करती यही सवाल ।। पढ़ पाया है आज तक,... 11 Share sushil sarna 15 May 2024 · 1 min read दोहा पंचक - परिवार दोहा पंचक - परिवार वृक्षहीन आँगन हुए, वृद्धहीन परिवार । बच्चों को कैसे मिलें , जीवन के संस्कार ।। हर तिनके ने कर लिया, अपना- अपना नीड़ । मुखिया आँगन... 15 Share sushil sarna 14 May 2024 · 1 min read दोहा सप्तक. . . . जिन्दगी दोहा सप्तक. . . . जिन्दगी किसे कहें बलवान हम ,किसे कहें कमजोर । चींटी हाथी मार दे, बिना मचाए शोर ।। पानी का है बुलबुला, बन्दे तेरी जान ।... 12 Share sushil sarna 13 May 2024 · 1 min read घर : घर : अच्छा है या बुरा है जैसा भी है मगर ये घर मेरा है इस घर का हर सवेरा सिर्फ और सिर्फ मेरा है मैं दिन रात इसकी दीवारों... 12 Share sushil sarna 13 May 2024 · 1 min read दोहा त्रयी. . . दोहा त्रयी. . . अवगुंठन में काल के, लुप्त हुए सब हर्ष । जरा अवस्था देखती, मुड़ -मुड़ बीते वर्ष ।। पीत पात सी काँपती, जरा काल में देह ।... Quote Writer 16 Share sushil sarna 13 May 2024 · 1 min read नई फरेबी रात … नई फरेबी रात … छोडिये साहिब ! ये तो बेवक्त बेवजह ही ज़मीं खराब करते हैं आप अपनी अंगुली के पोर इनसे क्यूं खराब करते हैं। ज़माने के दर्द हैं... 8 Share sushil sarna 12 May 2024 · 1 min read लौटेगी ना फिर कभी, लौटेगी ना फिर कभी, माँ जाने के बाद । कर लो उससे दो घड़ी , कुछ मीठे संवाद ।। सुशील सरना / 12-5-24 Quote Writer 22 Share sushil sarna 12 May 2024 · 1 min read बाट जोहती पुत्र का, बाट जोहती पुत्र का, माँ निहारती द्वार । अविरल बहती आँख से, खारे जल की धार ।। सुशील सरना / 12-5-24 Quote Writer 19 Share sushil sarna 12 May 2024 · 1 min read बड़े हुए सब चल दिये, बड़े हुए सब चल दिये, अपने - अपने नीड़ । माँ आँखों से पोंछती, पुत्र विरह की पीड़ ।। सुशील सरना / 12-5-25 Quote Writer 17 Share sushil sarna 12 May 2024 · 1 min read दोहा सप्तक. . . . माँ दोहा सप्तक. . . . माँ माँ क्या जाने पुत्र के, मन में है क्या बात । वो तो चाहे पुत्र को, देखूं मैं दिन- रात ।। माँ है तो... 12 Share sushil sarna 11 May 2024 · 1 min read माटी :कुछ दोहे माटी :कुछ दोहे माटी मिल माटी हुआ, माटी का इंसान। माटी अंतिम हो गई,मानव की पहचान।। ...........माटी अंतिम हो गई,मानव की पहचान। ...........माटी- माटी हो गया, साँसों का अभिमान।। माटी... 1 16 Share sushil sarna 11 May 2024 · 1 min read दोहे . . . . दोहे . . . . नैन शरों की वेदना, होती है गंभीर । चोटिल मन की बात को, कह देता फिर नीर ।। भोर काल में भागता , लगे सकल... 13 Share sushil sarna 10 May 2024 · 1 min read यकीं के बाम पे ... यकीं के बाम पे ... हो जाता है सब कुछ फ़ना जब जिस्म ख़ाक नशीं हो जाता है गलत है मेरे नदीम न मैं वहम हूँ न तुम वहम हो... 14 Share sushil sarna 10 May 2024 · 1 min read ग़म मौत के ......(.एक रचना ) ग़म मौत के ......(.एक रचना ) ग़म मौत के कहाँ जिन्दगी भर साथ चलते हैं चराग़ भी कुछ देर ही किसी के लिए जलते हैं इतने अपनों में कोई अपना... 17 Share sushil sarna 10 May 2024 · 1 min read दोहा पंचक. . . . . दोहा पंचक. . . . . लँगड़ा दौड़े दौड़ में, गूँगा गाए गीत । बहरों की सब टोलियाँ , चलें दिशा विपरीत ।। व्यथा पूछ उस वृक्ष से, जिसके टूटे... 16 Share sushil sarna 9 May 2024 · 1 min read डूब गए ... डूब गए ... तिमिर गहराने लगा एक ख़ामोशी सांसें लेने लगी तेरे अंदर भी मेरे अंदर भी तैर रहे थे निष्पंद से कुछ स्पर्श तेरे अंदर भी मेरे अंदर भी... 15 Share sushil sarna 9 May 2024 · 1 min read दोहा त्रयी. . . . . दोहा त्रयी. . . . . नयन बड़े बेशर्म हैं, नयनों का क्या धर्म। प्रीत सयानी जानती , प्रणय क्षुधा का मर्म।। अभिसारों के वेग में, टूट गए सब बंध... Quote Writer 23 Share sushil sarna 8 May 2024 · 1 min read बूढ़ी माँ ... बूढ़ी माँ ... अपनी आँखों से गिरते खारे जल को अपनी फटी पुरानी साड़ी के पल्लू से बार- बार पौंछती फिर पढ़ती गोद में रखी रामायण को बूढ़ी माँ व्यथित... 22 Share sushil sarna 8 May 2024 · 1 min read थाली भोजन की लगी, वधू करे मनुहार । थाली भोजन की लगी, वधू करे मनुहार । पापड़ चलेगा साथ में , या फिर चले अचार । या फिर चले अचार, पिया जी कुछ तो बोलो । गुस्से की... 19 Share sushil sarna 8 May 2024 · 1 min read पहले अपने रूप का, पहले अपने रूप का, कर लूँ मैं शृंगार । साजन फिर आराम से, कर लेना दीदार ।। सुशील सरना / 8-5-24 Quote Writer 23 Share sushil sarna 8 May 2024 · 1 min read दोहा सप्तक. . . . रिश्ते दोहा सप्तक. . . . रिश्ते आपस के माधुर्य को, हरते कड़वे बोल । मिटें जरा सी चूक से, रिश्ते सब अनमोल ।। शंका से रिश्ते सभी, हो जाते बीमार... 16 Share sushil sarna 7 May 2024 · 1 min read दोहा त्रयी. . दोहा त्रयी. . मैखाने में जाम से, टकराये जब जाम । जन्नत जैसी हो गई, मस्तानों की शाम ।। छम- छम करती बज्म में, साकी लायी जाम । डूबे यूँ... Quote Writer 20 Share sushil sarna 6 May 2024 · 1 min read दोहा त्रयी. . . दोहा त्रयी. . . तोड़ दिए आवेश में, मधुर सभी संबंध । कैसी फैली स्वार्थ की, संबंधों में गंध ।। मतलब निकला खो गई, आपस की पहचान । खून देखता... Quote Writer 24 Share sushil sarna 5 May 2024 · 1 min read मेरी तुझ में जान है, मेरी तुझ में जान है, तेरी मुझ में जान। जान धड़कती जान से , आखिर क्यों अंजान ।। सुशील सरना / 5-5-24 Quote Writer 23 Share sushil sarna 5 May 2024 · 1 min read कुंडलिया. . . कुंडलिया. . . जीवन जीने के सभी, बिगड़ गए अनुपात । उधर लुड़कते लोग अब, झुकती जिधर परात । झुकती जिधर परात , सभी हैं अवसरवादी । फेरे लेते सात... Quote Writer 18 Share sushil sarna 4 May 2024 · 1 min read सिन्दूर (क्षणिकाएँ )..... सिन्दूर (क्षणिकाएँ )..... सजावट की नहीं निभाने की चीज है सिन्दूर ****** निभाने की नहीं आजकल सजावट की चीज है सिन्दूर ****** छीन लिया है अर्थ सिन्दूर का वर्तमान के... 12 Share sushil sarna 4 May 2024 · 1 min read यादों के संसार की, यादों के संसार की, बड़ी अजब तासीर । पास नहीं लेकिन बसे , नैनों में तस्वीर ।। सुशील सरना / 4-5-24 Quote Writer 28 Share sushil sarna 4 May 2024 · 1 min read हुई बात तो बात से, हुई बात तो बात से, निकली फिर वही बात । बात - बात में रात को, तड़पा गया प्रभात ।। सुशील सरना / 4-5-24 Quote Writer 21 Share sushil sarna 3 May 2024 · 1 min read अहं के ताज़ को …………… अहं के ताज़ को …………… पूजा कहीं दिल से की जाती है तो कहीं भय से की जाती है कभी मन्नत के लिए की जाती है तो कभी जन्नत के... 16 Share sushil sarna 3 May 2024 · 1 min read चिंगारी के गर्भ में, चिंगारी के गर्भ में, निहित आग का ताप । आ जाए जो क्रोध में, बन जाती ये श्राप ।। सुशील सरना / 3-5-24 Quote Writer 27 Share sushil sarna 2 May 2024 · 1 min read गजब हुआ जो बाम पर, गजब हुआ जो बाम पर, देखा एक शबाब । उस पर फिर रुखसार से, उड़ता रहा हिजाब ।। सुशील सरना / 2-5-24 Quote Writer 29 Share sushil sarna 2 May 2024 · 1 min read कैसे आये हिज्र में, दिल को भला करार । कैसे आये हिज्र में, दिल को भला करार । हर करवट अब चश्म है, अश्कों से गुलज़ार ।। सुशील सरना / 2-5-24 Quote Writer 23 Share sushil sarna 1 May 2024 · 1 min read क्षणिकाएँ. . क्षणिकाएँ. . रात लग गई गरीबी की हाट सज गया फुटपाथ ...................... काली रात रोशन गरीबों से फुटपाथ ..................... वोटों का खजाना आश्वासनों पर खाली पेट गरीबों का सिर हिलाना... 1 28 Share sushil sarna 1 May 2024 · 1 min read मजदूरों से पूछिए, मजदूरों से पूछिए, उनके दिल का हाल । दूर पहुंचे पेट से, उनके आटा- दाल ।। सुशील सरना / 1-5-24 Quote Writer 26 Share Page 1 Next