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5 May 2024 · 1 min read

मेरी तुझ में जान है,

मेरी तुझ में जान है,
तेरी मुझ में जान।
जान धड़कती जान से ,
आखिर क्यों अंजान ।।

सुशील सरना / 5-5-24

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