Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Mar 2024 · 1 min read

जीवन में दिन चार मिलें है,

जीवन में दिन चार मिलें है,
बीत रहे बन सांझ सवेरे ।
चाहे जो भी कर ले उनका,
आज का पल बस हाथ में तेरे ।

बीता कल तो चला गया,
आने वाले का पता नहीं ।
न उपयोग किया यदि ‘अब’ का,
तो ईश्वर की खता नहीं ।

एक सवेरा नित्य गुजरता,
गया हुआ पल कभी न आता।
पुनरावृति नहीं साँसों की,
कोई हमें यही समझाता।

मिला जन्म मानव देही का,
ले विवेक जग में आया ।
है स्वतन्त्र जो चाहे कर ले,
प्रभ ने सब अवरोध हटाया।

बुरा किया तो बुरा मिलेगा,
विधि का कर्म विधान अटल।
अच्छे का अच्छा फल मिलता,
आज नहीं तो निश्चय कल।

65 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Satish Srijan
View all
You may also like:
मुट्ठी भर आस
मुट्ठी भर आस
Kavita Chouhan
हिंदी दिवस - विषय - दवा
हिंदी दिवस - विषय - दवा
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
Jin kandho par bachpan bita , us kandhe ka mol chukana hai,
Jin kandho par bachpan bita , us kandhe ka mol chukana hai,
Sakshi Tripathi
"सँवरने के लिए"
Dr. Kishan tandon kranti
चींटी रानी
चींटी रानी
Dr Archana Gupta
"नींद की तलाश"
Pushpraj Anant
विरक्ति
विरक्ति
swati katiyar
हम कोई भी कार्य करें
हम कोई भी कार्य करें
Swami Ganganiya
सनम  ऐसे ना मुझको  बुलाया करो।
सनम ऐसे ना मुझको बुलाया करो।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
शाश्वत प्रेम
शाश्वत प्रेम
Bodhisatva kastooriya
■ सलामत रहिए
■ सलामत रहिए
*Author प्रणय प्रभात*
*समृद्ध भारत बनायें*
*समृद्ध भारत बनायें*
Poonam Matia
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कुंडलिया
कुंडलिया
sushil sarna
ऐसा नही था कि हम प्यारे नही थे
ऐसा नही था कि हम प्यारे नही थे
Dr Manju Saini
महबूब से कहीं ज़्यादा शराब ने साथ दिया,
महबूब से कहीं ज़्यादा शराब ने साथ दिया,
Shreedhar
एक अबोध बालक डॉ अरुण कुमार शास्त्री
एक अबोध बालक डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*दुर्गा अंबे रानी, पधारो लेकर नन्हे पॉंव (गीत)*
*दुर्गा अंबे रानी, पधारो लेकर नन्हे पॉंव (गीत)*
Ravi Prakash
किस के लिए संवर रही हो तुम
किस के लिए संवर रही हो तुम
Ram Krishan Rastogi
कैसे हो हम शामिल, तुम्हारी महफ़िल में
कैसे हो हम शामिल, तुम्हारी महफ़िल में
gurudeenverma198
पेट भरता नहीं है बातों से
पेट भरता नहीं है बातों से
Dr fauzia Naseem shad
हम भी जिंदगी भर उम्मीदों के साए में चलें,
हम भी जिंदगी भर उम्मीदों के साए में चलें,
manjula chauhan
देव्यपराधक्षमापन स्तोत्रम
देव्यपराधक्षमापन स्तोत्रम
पंकज प्रियम
मेरे हृदय ने पूछा तुम कौन हो ?
मेरे हृदय ने पूछा तुम कौन हो ?
Manju sagar
23/123.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/123.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
द्वंद अनेकों पलते देखे (नवगीत)
द्वंद अनेकों पलते देखे (नवगीत)
Rakmish Sultanpuri
ये  दुनियाँ है  बाबुल का घर
ये दुनियाँ है बाबुल का घर
Sushmita Singh
* मुस्कुरा देना *
* मुस्कुरा देना *
surenderpal vaidya
ऐ,चाँद चमकना छोड़ भी,तेरी चाँदनी मुझे बहुत सताती है,
ऐ,चाँद चमकना छोड़ भी,तेरी चाँदनी मुझे बहुत सताती है,
Vishal babu (vishu)
“नये वर्ष का अभिनंदन”
“नये वर्ष का अभिनंदन”
DrLakshman Jha Parimal
Loading...