Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 May 2024 · 1 min read

दोहा पंचक. . . .

दोहा पंचक. . . .

हर बंधन से मुक्ति ही, कहलाती निर्वाण ।
आदि – अन्त के मध्य का, जीवन तन में प्राण ।।

श्वास नाद है जीव के, जीवन का संवाद ।
नाद मौन जैसे हुई, मिटे सभी उन्माद ।।

तन में चलती साँस है, जीने का विश्वास ।
एक विभा है आस की, एक अंत की दास ।।

सुख- दुख का अभिलेख हैं, तन में चलती साँस ।
तन मिटता मिटती नहीं, इच्छाओं की प्यास ।।

मिटते ही लो हो गया, बोझ देह का नाम ।
धाम पुराना छोड़ कर, देह चली नव धाम ।।
मरघट अन्तिम धाम ।।

सुख जीवन की प्यास है, दुख, सुख का बनवास ।
दोनों का है जीव के, अन्तर्घट में वास ।।

सुशील सरना / 17-5-24

22 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कर्म-बीज
कर्म-बीज
Ramswaroop Dinkar
Holding onto someone who doesn't want to stay is the worst h
Holding onto someone who doesn't want to stay is the worst h
पूर्वार्थ
रामभक्त हनुमान
रामभक्त हनुमान
Seema gupta,Alwar
ఓ యువత మేలుకో..
ఓ యువత మేలుకో..
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
विडंबना
विडंबना
Shyam Sundar Subramanian
देखिए मायका चाहे अमीर हो या गरीब
देखिए मायका चाहे अमीर हो या गरीब
शेखर सिंह
-: चंद्रयान का चंद्र मिलन :-
-: चंद्रयान का चंद्र मिलन :-
Parvat Singh Rajput
क्षितिज के पार है मंजिल
क्षितिज के पार है मंजिल
Atul "Krishn"
बहुत से लोग तो तस्वीरों में ही उलझ जाते हैं ,उन्हें कहाँ होश
बहुत से लोग तो तस्वीरों में ही उलझ जाते हैं ,उन्हें कहाँ होश
DrLakshman Jha Parimal
आज इस देश का मंजर बदल गया यारों ।
आज इस देश का मंजर बदल गया यारों ।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
जंग अहम की
जंग अहम की
Mamta Singh Devaa
भाषा और बोली में वहीं अंतर है जितना कि समन्दर और तालाब में ह
भाषा और बोली में वहीं अंतर है जितना कि समन्दर और तालाब में ह
Rj Anand Prajapati
।।अथ सत्यनारायण व्रत कथा पंचम अध्याय।।
।।अथ सत्यनारायण व्रत कथा पंचम अध्याय।।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मन
मन
Ajay Mishra
"वो यादगारनामे"
Rajul Kushwaha
भौतिकता
भौतिकता
लक्ष्मी सिंह
सफलता
सफलता
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
हृदय परिवर्तन
हृदय परिवर्तन
Awadhesh Singh
*अब हिंद में फहराएगा, हर घर तिरंगा (हिंदी गजल)*
*अब हिंद में फहराएगा, हर घर तिरंगा (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
हम खुद से प्यार करते हैं
हम खुद से प्यार करते हैं
ruby kumari
रंजीत कुमार शुक्ल
रंजीत कुमार शुक्ल
Ranjeet kumar Shukla
भेड़ चालों का रटन हुआ
भेड़ चालों का रटन हुआ
Vishnu Prasad 'panchotiya'
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मेरा वजूद क्या है
मेरा वजूद क्या है
भरत कुमार सोलंकी
जेठ कि भरी दोपहरी
जेठ कि भरी दोपहरी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
नारी के बिना जीवन, में प्यार नहीं होगा।
नारी के बिना जीवन, में प्यार नहीं होगा।
सत्य कुमार प्रेमी
2716.*पूर्णिका*
2716.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दिमाग नहीं बस तकल्लुफ चाहिए
दिमाग नहीं बस तकल्लुफ चाहिए
Pankaj Sen
"चुम्बकीय शक्ति"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...