नहीं रखा अंदर कुछ भी दबा सा छुपा सा
Tum khas ho itne yar ye khabar nhi thi,
किसी को इतना मत करीब आने दो
देव्यपराधक्षमापन स्तोत्रम
23/122.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
मुक्तक-विन्यास में रमेशराज की तेवरी
*महाराजा अग्रसेन और महात्मा गॉंधी (नौ दोहे)*
जरासन्ध के पुत्रों ने
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
💐प्रेम कौतुक-208💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
बनी दुलहन अवध नगरी, सियावर राम आए हैं।
वक्त को वक्त समझने में इतना वक्त ना लगा देना ,