Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 May 2024 · 1 min read

वो बुद्ध कहलाया …

वो बुद्ध कहलाया …

दुःख-दर्द,खुशी,
सांसारिक व्याधियों के
कोलाहल में
आडंबर भरे संसार में
झूठे दिखावटी प्यार में
भौतिक रिश्तों के व्यापार में
जो निर्लिप्त भाव से
स्वयं को स्वयं में
समाहित कर सका
वो बुद्ध कहलाया

जिसने
यशोधरा को
देह प्रेम की शाश्वत आसक्ति को
जीवन उत्सव की
खिड़की खुलने से पूर्व ही
त्याग कर
वेदना का
सागर पीला
स्वयं को सांसारिक सुख से
विरक्त कर लिया
वो बुद्ध कहलाया

बोधि वृक्ष के नीचे
ध्यानमग्न हो
जिसने
जन्म-मरण से मोक्ष
हर्ष-विषाद की गहराई
अज्ञान और शोक की सच्चाई
प्रेम और क्रोध परतों की
ऊंचाई को पहचान
विश्व को अहिंसा और शान्ति का
सन्देश दिया
मोक्ष की राह दिखाई
वो दुनियावी सिद्धार्थ
बुद्ध
अर्थात
महात्मा बुद्ध कहलाया

सुशील सरना

20 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
प्यार के मायने बदल गयें हैं
प्यार के मायने बदल गयें हैं
SHAMA PARVEEN
*बताए मेरी गलती जो, उसे ईनाम देता हूँ (हिंदी गजल)*
*बताए मेरी गलती जो, उसे ईनाम देता हूँ (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
कोलाहल
कोलाहल
Bodhisatva kastooriya
चाहत 'तुम्हारा' नाम है, पर तुम्हें पाने की 'तमन्ना' मुझे हो
चाहत 'तुम्हारा' नाम है, पर तुम्हें पाने की 'तमन्ना' मुझे हो
Sukoon
6) जाने क्यों
6) जाने क्यों
पूनम झा 'प्रथमा'
उदासी एक ऐसा जहर है,
उदासी एक ऐसा जहर है,
लक्ष्मी सिंह
हर इश्क में रूह रोता है
हर इश्क में रूह रोता है
Pratibha Pandey
तलाश हमें  मौके की नहीं मुलाकात की है
तलाश हमें मौके की नहीं मुलाकात की है
Tushar Singh
तपाक से लगने वाले गले , अब तो हाथ भी ख़ौफ़ से मिलाते हैं
तपाक से लगने वाले गले , अब तो हाथ भी ख़ौफ़ से मिलाते हैं
Atul "Krishn"
न्याय के लिए
न्याय के लिए
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
आज फिर इन आँखों में आँसू क्यों हैं
आज फिर इन आँखों में आँसू क्यों हैं
VINOD CHAUHAN
रास्ते पर कांटे बिछे हो चाहे, अपनी मंजिल का पता हम जानते है।
रास्ते पर कांटे बिछे हो चाहे, अपनी मंजिल का पता हम जानते है।
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
व्यस्तता
व्यस्तता
Surya Barman
गुलाम
गुलाम
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
हरितालिका तीज
हरितालिका तीज
Mukesh Kumar Sonkar
कलियुग में सतयुगी वचन लगभग अप्रासंगिक होते हैं।
कलियुग में सतयुगी वचन लगभग अप्रासंगिक होते हैं।
*प्रणय प्रभात*
जिसनै खोया होगा
जिसनै खोया होगा
MSW Sunil SainiCENA
संवेदना अभी भी जीवित है
संवेदना अभी भी जीवित है
Neena Kathuria
मेरे जीने की एक वजह
मेरे जीने की एक वजह
Dr fauzia Naseem shad
सच में कितना प्यारा था, मेरे नानी का घर...
सच में कितना प्यारा था, मेरे नानी का घर...
Anand Kumar
इतना आदर
इतना आदर
Basant Bhagawan Roy
लाभ की इच्छा से ही लोभ का जन्म होता है।
लाभ की इच्छा से ही लोभ का जन्म होता है।
Rj Anand Prajapati
सपने
सपने
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
हिन्दू और तुर्क दोनों को, सीधे शब्दों में चेताया
हिन्दू और तुर्क दोनों को, सीधे शब्दों में चेताया
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मोबाइल है हाथ में,
मोबाइल है हाथ में,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
वर्ल्डकप-2023 सुर्खियां
वर्ल्डकप-2023 सुर्खियां
गुमनाम 'बाबा'
"एक नज़र"
Dr. Kishan tandon kranti
क्या मथुरा क्या काशी जब मन में हो उदासी ?
क्या मथुरा क्या काशी जब मन में हो उदासी ?
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
Wishing you a Diwali filled with love, laughter, and the swe
Wishing you a Diwali filled with love, laughter, and the swe
Lohit Tamta
चाहते हैं हम यह
चाहते हैं हम यह
gurudeenverma198
Loading...