shashisingh7232 28 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid shashisingh7232 13 Jul 2025 · 1 min read शीर्षक - स्कूल हमारे ना मर्ज कराओ।* *शीर्षक - स्कूल हमारे ना मर्ज कराओ।* स्कूल हमारे ना मर्ज कराओ, शिक्षा हमारी ना बंद कराओ। शिक्षा है अधिकार हमारा, इससे वंचित ना हमें कराओ।। छोटे-छोटे बच्चे हैं हम,... 66 Share shashisingh7232 6 Jul 2025 · 1 min read शीर्षक -विचार सिर्फ आपका है। ये जिंदगी आपकी है, जीने का तरीका आपका है। जिंदगी के हर कर्म में, विचार सिर्फ आपका है।। जिंदगी के उतार-चढ़ाव में, जिंदगी के हर एक पढ़ाव में। करना है... 3 84 Share shashisingh7232 5 Jul 2025 · 1 min read शीर्षक - छुट्टी हो गयी खत्म तुम्हारी** छुट्टी हो गयी खत्म तुम्हारी, स्कूल की अब करो तैयारी। यूनिफॉर्म है कहांँ तुम्हारी, अपनी समझो जिम्मेदारी।। स्कूल बैग तैयार करो अब, कॉपी-किताबें रखो सब। पेन, पेन्सिल भी ना हो... 103 Share shashisingh7232 21 May 2025 · 1 min read समर कैंप समर कैंप में आये बच्चे, प्यारे-प्यारे, अच्छे-अच्छे। समर कैंप में होगी मस्ती, धूम मचेगी बस्ती बस्ती।। चित्रों में हम रंग भरेंगे, हब सब रेनी डांस करेंगे। नये-नये सीखेंगें खेल, गतिविधियों... 119 Share shashisingh7232 11 May 2025 · 1 min read शीर्षक -"माँ" परिवार की धुरी... कितना छोटा सा शब्द है "माँ" ! इस छोटे से शब्द में बच्चों की, सारी दुनिया समायी होती है। सब पराये हो जायें तो भी माँ कभी नहीं पराई होती... 100 Share shashisingh7232 9 May 2025 · 1 min read शीर्षक - आपरेशन सिन्दूर । पाक मिट्टी में मिला दिया, जो था तुझको गुरूर। सिन्दूर ने ले लिया बदला, चला कर आपरेशन सिन्दूर।। सिन्दूर की ताकत को, पाक अब तो तू जान गया । भारत... 1 89 Share shashisingh7232 25 Apr 2025 · 1 min read शीर्षक -क्या स्वर्ग यही है।* कश्मीर है भारत का स्वर्ग, सब कहते हैं स्वर्ग यहीं है। पहलगांव की घटना से तो, लगता शायद नरक यहीं है।। धर्म पूछ कर मारा उसने, किसने यह अधिकार दिया।... 101 Share shashisingh7232 23 Apr 2025 · 1 min read शीर्षक : भगवान दिखता क्यों नहीं है तू।* हे आदि तू,हे अनंत तू कण-कण में तू ,रज- रज में तू । खेतों की हरियाली में तू बच्चों की किलकारी में तू।। भगवान है कहां रे तू।। भगवान दिखता... 91 Share shashisingh7232 22 Apr 2025 · 1 min read विश्व पुस्तक दिवस किताबें हमारे लिए, होती बहुत खास है। जिनमें छिपे कितने, खूबसूरत एहसास है।। किताबों में समाज का, चेहरा छुपा होता है। लिखने वाले का भी, कमाल छिपा होता है।। कुछ... 104 Share shashisingh7232 21 Apr 2025 · 1 min read पृथ्वी दिवस पृथ्वी है माता हमारी, जीवन हमको देती है। इसकी सब रक्षा करो, आश्रय सबको देती है।। इसके संसाधनों का, सही करो उपयोग। बिगड़ जाएगा संतुलन, करोगे जो दुरुपयोग।। पृथ्वी की... 83 Share shashisingh7232 21 Apr 2025 · 1 min read शीर्षक -एक मुलाकात आज ही कर लो। करना है जो कल तुम्हें वह आज अभी तुम कर लो। कल को किसने देखा है एक मुलाकात आज ही कर लो। क्योंकि वक्त गुजर जाता है जो फिर लौट... 1 91 Share shashisingh7232 20 Apr 2025 · 1 min read *शीर्षक- प्यार में प्यार से हमको बुलाया करो* प्यार में प्यार से हमको बुलाया तो करो। दिल लगाकर हमसे न नज़रें चुराया करो।। दुनिया की हर एक चीज़ से प्रेम है तुमको। कभी हम पर भी प्रेम अपना... 132 Share shashisingh7232 20 Apr 2025 · 1 min read शीर्षक -मन करता है मैं सब लिखूं। मैं क्या छोड़ूं मैं क्या लिखूं, मन करता है मैं सब लिखूं। बचपन का जमाना लिखूं, तेरा जिंदगी में आना लिखूं। तू ही बता मैं क्या लिखूं तेरे प्यार की... 4 3 255 Share shashisingh7232 17 Apr 2025 · 1 min read शीर्षक - कठपुतली सा मेरा जीवन शीर्षक - कठपुतली सा मेरा जीवन कठपुतली सा मेरा जीवन रिश्तो के धागे इसकी सीवन। हर रिश्ते ने खेला इससे अपना दर्द कहूं मैं किससे। हाथ विधाता के मेरी डोरी... 106 Share shashisingh7232 17 Apr 2025 · 1 min read शीर्षक -एक मुलाकात आज ही कर लो। शीर्षक -एक मुलाकात आज ही कर लो। करना है जो कल तुम्हें वह आज अभी तुम कर लो। कल को किसने देखा है एक मुलाकात आज ही कर लो। क्योंकि... 2 1 93 Share shashisingh7232 16 Apr 2025 · 1 min read गरमी आयी गर्मी आयी गर्मी आयी, लू की लहरें संग में लाई। लू ने सबको बीमारी लगयी, हमको ये तनिक ना भायी।। गर्मी आई गर्मी आयी, संचारी रोग संग लायी। गर्मी से... 117 Share shashisingh7232 14 Apr 2025 · 1 min read अम्बेडकर जयन्ती चौदह अप्रैल 1891 को, मध्य प्रदेश में जन्म हुआ। हमरी खुशियों की खातिर, जीवन अपना कुर्बान किया।। नमन करें उस मसीहा को, जिसने है संविधान दिया। पुरुषों के प्रधान समाज... 87 Share shashisingh7232 20 Mar 2025 · 1 min read प्यारी गौरैया। छोटा सा है पेड़ हमारा, देता गौरैया को सहारा। चीं-चीं करती जब गौरैया, चहके तब आंगन हमारा।। मेरे घर नित आती गौरैया, चुन-चुन दाना खाती गौरैया। पानी पीकर हर्षाती गौरैया,... 101 Share shashisingh7232 15 Mar 2025 · 1 min read रंग भरी होली आई। नन्हे-मुन्ने की टोली आयी, रंग भरी पिचकारी लायी। हुरियारों की टोली आयी, मस्ती लेकर होली आयी।। रंग,अबीर, गुलाल उड़ाओ, गुझियांँ, शक्कर पारे खाओ। मिल-जुलकर होली मनाओ, ब्रज के सब रसिया... 88 Share shashisingh7232 3 Mar 2025 · 1 min read मेरी प्यारी माँ शिशु को जन्म देकर, बड़ा करती है माँ। अच्छे संस्कार हमें, सिखाती है माँ।। बच्चों की प्रथम, गुरु होती है मांँ। फर्ज सारे बखूबी, निभाती है मांँ। बच्चे की ग़लती... 91 Share shashisingh7232 2 Mar 2025 · 1 min read निपुण बनेंगेहम। बच्चे रोज विद्यालय आयेंगे , तो जरूर निपुण हो जाएंँगे। माता-पिता,शिक्षक भी जब, बखूबी अपना फर्ज निभाएँगे।। सभी दक्षिताएंँ प्राप्त करके, निपुण लक्ष्य प्राप्त कर पाएँगे। कक्षा एक दो निपुण... 98 Share shashisingh7232 6 Feb 2025 · 1 min read क्या-क्या होता है गोल। चमकीला चन्दा है गोल, कल आधा था आज गोल। दिन में कहाॅं छुप जाता बोल, कुछ तो बोल कुछ तो बोल।। उगता लाल सूरज गोल , पूरव का दरवाजा खोल।... 1 113 Share shashisingh7232 6 Feb 2025 · 1 min read अगर यह सब ना होते। अगर ना होता चाॅंद सुनहरा, रात चाॅंदनी करता कौन। अगर ना होता सूरज तारा, दिन को रोशन करता कौन।। कल-कल बहती नदी ना होती, निर्मल नीर फिर लाता कौन। अगर... 1 125 Share shashisingh7232 6 Feb 2025 · 1 min read बसंत ऋतु आयी। सुहानी वसंत ऋतु आयी, मलय समीर संग लायी। सरसों के दल ऐसे फूले, टेसू राजा ने आरती गायी। आम्र तरू बोरों से भर गयी, कचनार कली मुस्करायी। पवन चली जब... Hindi 1 131 Share shashisingh7232 28 Jan 2025 · 1 min read मेरा प्यार बस्ता मेरा प्यार प्यार बस्ता, सबसे सुंदर न्यारा बस्ता। इसमें रहती किताब कांपियां, खाने को चाकलेट, टोफियां। इसमें प्यारा पेंसिल बॉक्स है, सुंदर सा एक लंच बॉक्स है। एक बोतल पानी... 1 107 Share shashisingh7232 21 Jan 2025 · 1 min read दिनांक 12/07/2024 दिनांक 12/07/2024 शीर्षक* *जल प्रवाह सा मेरा जीवन* *कविता -* जल प्रवाह सा मेरा जीवन, बहता ही रहा, बहता ही रहा।। टस से मस न हुए कुछ रिश्ते, मैंने उनके... 109 Share shashisingh7232 19 Jan 2025 · 1 min read नर से भारी नारी *शीर्षक -नर से भारी नारी* एक नहीं दो-दो मात्राऐं, नर से है भारी ये नारी। पुरुष प्रधान ये समाज, समझता फिर भी उसे बेचारी। नारी ने इस जगत में, कार्य... 1 158 Share shashisingh7232 18 Jan 2025 · 1 min read चलो चले हम महाकुम्भ में, चलो चले हम महाकुम्भ में, करें भोले बाबा का ध्यान। डुबकी मारें संगम तीरे, करें पवित्र संगम में स्नान। महाकुंभ स्नान का, मिलता ऐसा वरदान। प्रयागराज की पावन धरा, लगती... Hindi · कविता 107 Share