शीर्षक -क्या स्वर्ग यही है।*

कश्मीर है भारत का स्वर्ग,
सब कहते हैं स्वर्ग यहीं है।
पहलगांव की घटना से तो,
लगता शायद नरक यहीं है।।
धर्म पूछ कर मारा उसने,
किसने यह अधिकार दिया।
दानव बन गए मानव सारे,
मानवता को झकझोर दिया।।
जमीन उदास गगन शर्मिंदा,
अब तक वह क्यों हैं जिंदा।
इंसानियत भी है शर्मिंदा,
उनके कृत्य की करूं मैं निंदा।।
सुहागिन का सिंदूर मिटाया,
गोद किसी की करी है खाली।
निर्दयी अत्याचारी थे वह सब,
सुन्दर घाटी खून से रंग डाली।।
रानी शशि दिवाकर अमरोहा