शीर्षक -"माँ" परिवार की धुरी...

कितना छोटा सा शब्द है “माँ” !
इस छोटे से शब्द में बच्चों की,
सारी दुनिया समायी होती है।
सब पराये हो जायें तो भी माँ
कभी नहीं पराई होती है।।
माँ एक रोशनी है प्यार की,
जो बच्चों के जीवन को नयी रोशनी देती है।
माँ खुद एक अनमोल उपहार है,
जो हमें जीवन भर उपहार देती है।।
माँ की ममता है एक अथाह सागर ,
जिसमें हम जीवन भर भरते हैं सुरक्षा की गागर।
एक मजबूत सहारा है मांँ का हाथ,
जीवन की किसी भी चुनौती में नहीं छोड़ती हमारा साथ।।
मांँ भगवान का ही स्वरुप है,
हर कदम हमें सुरक्षा प्रदान करती है।
मांँ के आशीर्वाद से सारी बलाएं टलती हैं,
मां अपने बच्चों से ही अपने सपने बुरे करती है।।
माँ शब्द में निहित हैं सभी दिव्य शक्तियों का स्वरूप,
माँ ही सृष्टि -वृष्टि ममता की है प्रतीक
माँ ही छाँव धूप।
कर लेना जीवन में चाहे कितनी भी प्रगति,
लेकिन हमेशा ही मस्तक पर लगाना माँ के चरणों की धूल।।
मदर्स डे पर, हम माँ को धन्यवाद देते हैं,
उनके प्यार और समर्पण के लिए।
हमें माँ का सम्मान करना चाहिए,
और उनके प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करनी चाहिए।।
रानी शशि दिवाकर।