शीर्षक -मन करता है मैं सब लिखूं।
मैं क्या छोड़ूं मैं क्या लिखूं,
मन करता है मैं सब लिखूं।
बचपन का जमाना लिखूं,
तेरा जिंदगी में आना लिखूं।
तू ही बता मैं क्या लिखूं
तेरे प्यार की बातें लिखूं,
तेरी दी हुई सौगातें लिखूं।
दिन की सारी बातें लिखूं
घोर अंधेरी रातें में लिखूं।
तू ही बता मैं क्या लिखूं
अपनी नेकी ,शराफत लिखूं
तेरी शातिर शरारत लिखूं।
अपना बेशुमार प्यार लिखूं
तेरी सारी तकरार लिखूं।
तू ही बता मैं क्या लिखूं
अपनी पहली मुलाकात लिखूं
अपनी आखिरी बात लिखूं।
टूटे सारे सपने लिखूं
कैसे रूठे अपने लिखूं।
तू ही बता मैं क्या लिखूं
आंखों का बहता पानी लिखूं
तेरी मेरी अधूरी कहानी लिखूं।
मोहब्बत की रवानी लिखूं।
तुझे अपनी जिंदगानी लिखूं।
तू ही बता मैं क्या लिखूं
तेरा इकरार लिखूं
तेरा इज़हार लिखूं।
अपना ऐतवार लिखूं
अपना इंतजार लिखूं।
तू ही बता मैं क्या लिखूं।
तेरा अभिमान लिखूं….
मेरा स्वाभिमान लिखूं….
तेरा किया अपमान लिखूं
कैसे बचा आत्मसम्मान लिखूं।
तू ही बता मैं क्या लिखूं
रानी शशि दिवाकर अमरोहा