Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Jan 2025 · 1 min read

दिनांक 12/07/2024

दिनांक 12/07/2024
शीर्षक* जल प्रवाह सा मेरा जीवन
कविता –

जल प्रवाह सा मेरा जीवन,
बहता ही रहा, बहता ही रहा।।

टस से मस न हुए कुछ रिश्ते,
मैंने उनके लिए सब कुछ सहा।

अविरल चलता ये जीवन है ,
सुख – दुःख इसमें बहते रहते।।

जीवन प्रवाह होता है शान्त,
धीरे -धीरे हम चलते रहते।।

जीवन की कुछ घटनाओं से,
ये प्रवाह विकराल हो जाता है।।

इसके विकराल रूप से फिर ,
सब कुछ बर्बाद हो जाता है।।

कोशिश ये करूं मेरा जीवन ,
जल प्रवाह बन ही बहता रहे।।

राह में आये जो कोई बाधा,
धीरे -धीरे उनको मिटाता रहे।।

मेरी है बस एक यही आरज़ू ,
जल प्रवाह सी बहती जाऊं।।

थकूं न, रुकूं न, अविरल बहती जाऊं
जल प्रवाह सी बहती जाऊं, बहती जाऊं।।

रानी शशि दिवाकर अमरोहा

40 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

इस ज़िंदगी  में जो जरा आगे निकल गए
इस ज़िंदगी में जो जरा आगे निकल गए
Dr Archana Gupta
हिंदुत्व - जीवन का आधार
हिंदुत्व - जीवन का आधार
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
गहरे जख्म
गहरे जख्म
Ram Krishan Rastogi
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Surya Barman
पिता और पुत्र
पिता और पुत्र
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
चाहो जिसे चाहो तो बेलौस होके चाहो
चाहो जिसे चाहो तो बेलौस होके चाहो
shabina. Naaz
सबके लिए मददगार बनें परंतु मददगार बनकर किसी को भी नुकसान न प
सबके लिए मददगार बनें परंतु मददगार बनकर किसी को भी नुकसान न प
गौ नंदिनी डॉ विमला महरिया मौज
नामकरण।
नामकरण।
Kumar Kalhans
Cottage house
Cottage house
Otteri Selvakumar
कुछ ज़ख्म अब
कुछ ज़ख्म अब
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
*आवारा कुत्ते हुए, लोभी नमकहराम (कुंडलिया)*
*आवारा कुत्ते हुए, लोभी नमकहराम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
कौर दो कौर की भूख थी
कौर दो कौर की भूख थी
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
परी छाया
परी छाया
C S Santoshi
किताबें
किताबें
अमित मिश्र
पतझड़ के मौसम हो तो पेड़ों को संभलना पड़ता है
पतझड़ के मौसम हो तो पेड़ों को संभलना पड़ता है
दीपक बवेजा सरल
वंसत पंचमी
वंसत पंचमी
Raju Gajbhiye
"पानी की हर बूंद और जीवन का हर पल अनमोल है। दोनों को कल के ल
*प्रणय प्रभात*
एक हसीन लम्हा
एक हसीन लम्हा
Shutisha Rajput
"अपनी भूल नहीं मानते हम ll
पूर्वार्थ
जियो जी भर के,
जियो जी भर के,
Sunny kumar kabira
2943.*पूर्णिका*
2943.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बाबू
बाबू
Ajay Mishra
अधर्म पर धर्म की विजय: आज के संदर्भ में एक विचारशील दृष्टिकोण
अधर्म पर धर्म की विजय: आज के संदर्भ में एक विचारशील दृष्टिकोण
Dr Nisha Agrawal
दुनिया के मशहूर उद्यमी
दुनिया के मशहूर उद्यमी
Chitra Bisht
स्त्री बाकी है
स्त्री बाकी है
Arun Prasad
कुंडलिया
कुंडलिया
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
DR ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
एक बार हीं
एक बार हीं
Shweta Soni
आम का वृक्ष
आम का वृक्ष
आशा शैली
तुम जुनून हो
तुम जुनून हो
Pratibha Pandey
Loading...