Mahender Singh Language: Hindi 789 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Mahender Singh 13 Oct 2023 · 1 min read आधे अधूरा प्रेम तुम्हारी संरचना बहुमुखी प्रतिभा बहुआयामी व्यक्तित्व वाली है, कहाँ ठहर जाते, सबका अपना कब्जा (अधिकार) संवाद से तू बचते रहा, अपवाद से दो चार, करते रहा, वंचित रहा, लाचार बेबस... Hindi 300 Share Mahender Singh 12 Oct 2023 · 1 min read ब्रह्मांड अस्तित्व अस्तित्व रखने वाले सूक्ष्म, अतिसूक्ष्म जीव, जड़ और चेतन के मध्य खड़े हुए वायरस,, बड़े से बड़े और नजदीक तारा, सूरज गति दूरी और समय के हिसाब से स्थिर पिंड... Hindi 1 468 Share Mahender Singh 9 Oct 2023 · 1 min read अंधविश्वास का पोषण संचय और संग्रह कर करके. तथाकथित ईश्वर भगवान को थोपा गया, तुलसीदास की रामायण और वेदव्यास के महाभारत, महाकाव्य, वैदिक काल ने इसे संजोए रखा । नाम पड़ा सनातन शाश्वत... Hindi 227 Share Mahender Singh 6 Oct 2023 · 1 min read संदेश बिन विधा तुम कहते रहे,विरोध की कोई वजह न थी, तुमने जो छुपा कर जो हकीकत पेश की. वो पटरी रेल के डिब्बे, मेरे अपने देश के थे, हैं. अब न संसाधन... Hindi 1 1 242 Share Mahender Singh 1 Oct 2023 · 2 min read खोखला वर्तमान भारतीय परिवेश की सभ्यता और संस्कृति, के साथ साथ, विभिन्न आयामों में बहुआयामी चहुंमुखी विकास उन्नत क्यों नहीं हो पाया, क्या देश ने अपनी गुलामी के कारणों का अध्ययन नहीं... Hindi 483 Share Mahender Singh 28 Sep 2023 · 1 min read मुक्तक मत फेर मेरे अरमानों पर पानी हो चुकी हर घर की ये कहानी है तेरी बातें मनमोहक सुहानी लोगों की भी सुन उनके जुबानी. Mahender Singh Hans ✌️ Hindi 79 Share Mahender Singh 26 Sep 2023 · 1 min read प्रयास जारी रखें यह कैसा दौर है, बाहर देखो बहुत शोर है, इस चकाचौंध में खोये कितने अपने ओर हैं, . पल्लू में कुछ है नहीं, दहाड़ मारते जैसे युवा शेर, समय समय... Hindi 435 Share Mahender Singh 14 Sep 2023 · 1 min read हिन्दी दिवस मेरी पसंद तेरी पसंद हम सबकी पसंद कुण्डलिया छंद खाकर मूल कंद खिल उठे मकरंद महसूस हमेशा आनंद जठराग्नि होगी मंद गर खाया शकरकंद आलू भी वही कंद शूगर वाले... Hindi 2 1 583 Share Mahender Singh 13 Sep 2023 · 1 min read श्याम हारे, गोरे हारे, पाये नहीं जीत श्याम हारे, गोरे हारे, बच सका न कोइ मीत, जान सके तो जान लें , किससे हो भयभीत, . भेष बदल कर चढ़ गये, चुन चुन रंगमंच, अभिनय किये सफल,... Hindi · Quote Writer 85 Share Mahender Singh 12 Sep 2023 · 1 min read सहज सरल प्रयास कर गये उल्लेख, चढ़ा कर चश्मा, बन गये फुटवियर,हटा कर तसमा(१ हटा कर तसमा,बैठ गये लघु उद्योग, बिकते महंगे चश्मा, अंधे हुए लोग(२ विज्ञापन पर जोर, धरातल पे कर्कट, जीवन... Hindi 45 Share Mahender Singh 23 Jun 2023 · 1 min read जंगल है तो मंगल है जंगल किसी भी भूभाग की निहित संपदा, प्रकृति का निवास स्थल, पशु पक्षी जीव-जन्तुओं का आश्रय सथल, आदिवासी इनके संरक्षक,, धरती पर भले ही भूभाग के लगभग सत्तर प्रतिशत पानी... Hindi 127 Share Mahender Singh 15 Jun 2023 · 1 min read हलके किरदार किरदार ही हल्के थे हलुआ सुस्वादिष्ठ मगर एक चुटकी रेत मिट्टी किरकिरा भरे हुआ,शर्त बस एक थी, वहीं के वहीं पारखी पस्त थे, लोक लुभावने वायदे, कसीदे पढ़ते नारद, छुपा... Poetry Writing Challenge 212 Share Mahender Singh 15 Jun 2023 · 1 min read चित्त में जो शेर है टहलते बादलों का सौंदर्य टकराव से उत्पन्न गर्जना बादलों की गड़गड़ाहट तीव्र गर्जना के साथ अर्चना छुपी है इसमें भी संरचना मन विक्षुब्ध लुप्त तृष्णा छोड़ ना दे कहीं हृदय... Poetry Writing Challenge 255 Share Mahender Singh 15 Jun 2023 · 1 min read झूठ परोसा गया तुम्हारे *फ़साने *तराने बन गये, झूठ परोसा *जो सब *सद् गये, *भूखे रुखे *सूखे खाके सो गये, बेचैन *धर्म के नाम पे *जो उठे, *गुनगुना रहे थे, वे जो *फ़साने,... Poetry Writing Challenge 230 Share Mahender Singh 15 Jun 2023 · 1 min read व्यंग्य धार्मिक शैली पर आदमी खाना छोड़ देते हैं नाम व्रत उपवास लेते है, कोई हठ करके छोड़ देता है, कौन परवाह करें, आशा करता है, कोई आगे आये, एक गिलास नारियल पानी, उसके... Poetry Writing Challenge 156 Share Mahender Singh 15 Jun 2023 · 1 min read अतीत के झरोखे अतीत के झरोखे हैं, कुछ है, कुछ मिटा दिये गये कुछ सहायक, राह में रोड़े अधिक, फैला दिये गये मील के पत्थर, सहायक, मार्ग सही है, आगे बढें , हर... Poetry Writing Challenge 264 Share Mahender Singh 15 Jun 2023 · 1 min read दो छोर प्रेम और प्रेम संवाद रुकना नहीं चाहिए, संविदा इसकी नींव, बहस सदन की संकल्पना, सुख पावे है जीव. . कला कला से धराकला काहे की मरोड़. मत देखो सिर्फ़ राम कला, टूट जायेंगे... Poetry Writing Challenge 265 Share Mahender Singh 15 Jun 2023 · 1 min read प्रकृति है बेटी बेटी बचाओ बेटी पढाओ फूल पड़े हो, गर, थरा पर, कोई हाथ नहीं लगाता, बेटी को भी ऐसा ही,समझ लिया, फूल है बेटी, पर धरा पर, पड़ा हुआ, फूल नहीं,... Poetry Writing Challenge 99 Share Mahender Singh 15 Jun 2023 · 1 min read संवाद आत्म-अवलोकन पूछे अपने अपने मन से, क्या है प्रकृति, क्या है प्रवृति, उलझन देता है, सुलह भी, फिर कहाँ है विकृति, कोई इंद्र जीता नहीं, ये मन में भ्रम रहता है,... Poetry Writing Challenge 189 Share Mahender Singh 15 Jun 2023 · 1 min read भौतिकता ये कैसी विडंबना इस भौतिक युग की देन हुई भला, सब साधन मौजूद, . बढ़ने चाहिए सुख शांति अमन चैन भला सब उलट-पुलट हो चला, कलियुग का दोष दशो जरा,... Poetry Writing Challenge 292 Share Mahender Singh 15 Jun 2023 · 1 min read प्ररेक दृष्टिकोण आओ मिलकर करें, जरा विचार, मिलजुलकर बदल दें, भारत वा दुनिया में,सपनों का संसार. धर्म धरातल हमें बाँट सके ना, शिक्षित होकर,स्वावलंबन का धरे आधार, बन जायें आत्मनिर्भर,स्वच्छंदता का हो... Poetry Writing Challenge 254 Share Mahender Singh 15 Jun 2023 · 1 min read रास्ते पर घर घर हो जिनका, सड़क रास्ते पर, हो जाती है चांदी, कोई पड़ोसी नहीं सामने उनके, छोड़ सकेंगे, पानी सड़क पर, खड़ी होगी, मोटर कार, रेहडी सजेगी, साथ में, क्योंकि प्रशासन... Poetry Writing Challenge 166 Share Mahender Singh 15 Jun 2023 · 1 min read सफलता का श्रेय सफलता का श्रेय किसी एक *खुश *नसीब को मिलता है, असफलता में हर बदनसीब जिम्मेदार. सफलता में कौन आधार, कूटनीति मसालेदार, वरन् लोकतंत्र की हार, संविधान में हर जन-मानुष की... Poetry Writing Challenge 241 Share Mahender Singh 15 Jun 2023 · 1 min read हास्य व्यंग्य एक रात रास्ते से गुजरते हुए मुश्किल में जान पड़ गई, मुहल्ले वालो के लिए मैं भी अनजान था, गुजरते तो सभी हैं, पर मेरा, पैर फिसल गया, स्लोप से... Poetry Writing Challenge 174 Share Mahender Singh 15 Jun 2023 · 1 min read पाखंड को विराम पाखंड को विराम, निसर्ग को सलाम, त्यागी अब्दुल कलाम, लगे पाखंड को विराम, शरीर को मिले विश्राम, बातें भगवत दर्शन की, विज्ञापन कामुक होते है, भोजन शुद्ध शाकाहारी, भेंट चढ़े... Poetry Writing Challenge 165 Share Mahender Singh 15 Jun 2023 · 1 min read मैं कह न सका मैं कह न सका झिझक मेरे मन में थी, वह कह न सकी, लोक लाज के डर से, डरपोक कह आगे बढी, मन उसको भी था, शर्म सोलह श्रृंगार का... Poetry Writing Challenge 269 Share Mahender Singh 15 Jun 2023 · 1 min read महाझूठ के आधार वाला सच एक ऐसा सच, जिसका आधार ही महाझूठ, कब हुआ फैसला,,दो लड़ने वालों में, बदल बदल कर जीत जाते है, बोल कर एकदम सफेद झूठ, कुचले गये, निर्दोष बेचारे, हर कोई,,अशोक... Poetry Writing Challenge 94 Share Mahender Singh 15 Jun 2023 · 1 min read संवाद असत्य का सत्य पर, हार का जीत पर, बुराई के अच्छाई पर, सबल का निर्बल पर, धनी का निर्धन पर, हमेशा से , यही संवाद है तुम कुछ नहीं,,हम ही... Poetry Writing Challenge 86 Share Mahender Singh 15 Jun 2023 · 1 min read भूखे की बेबसी हर बार भूखे ही कुचले जाते हैं, बने हुए है, समाज में फर्श (जमीं) सबको असुविधा से बचाते हैं, फिर भी हर बार, भूखे ही कुचले जाते हैं, . खुद... Poetry Writing Challenge 198 Share Mahender Singh 15 Jun 2023 · 1 min read गृहस्थ आश्रम शांति की चाहत में, गया पहुंच जंगल में, मंगल की आश में, गये पहुंच दंगल में, मार्ग दर्शक थे जो बचपन के, वीणा कस, वाणी उनकी, सुनाते थे, परम पूज्य... Poetry Writing Challenge 174 Share Mahender Singh 15 Jun 2023 · 1 min read लकीर के फकीर लकीर के फकीर कब तस्वीर बना पाते है, जो बैठे है भाग्य के भरोसे, कब तकदीर अपनी लिख पाते है उठ कर सुबह, हस्त-रेखाओं के दर्शन कर कर्म करने वाले,... Poetry Writing Challenge 130 Share Mahender Singh 15 Jun 2023 · 1 min read तकलीफ और शिकायतें तकलीफ किसे बस शिकायतें हैं, जमाना गुजर गया तारीफ सुने हुए, होती गर तकलीफ, जरूर मिट गई होती, बस शिकायतों का चिट्ठा है, पढ कर प्रशासन में उच्च पद पाना... Poetry Writing Challenge 232 Share Mahender Singh 15 Jun 2023 · 1 min read मजदूर की पीड़ा दो वक्त की रोटी को जिंदगी छोटी पड़ जाती है, सुबह का निवाला खाकर, जब धूप निकल आती है, संध्या होने तक कष्ट सहा भरपूर, कष्ट और भी गहरा जाता... Poetry Writing Challenge 69 Share Mahender Singh 10 Jun 2023 · 1 min read दोहे - सुलह नज़र रख विचारों पर, खोज ले अपनी कमी उठने वाला तूफां उड़ा लेगा पैरों तले जमीं . चिंता भविष्य की त्याग तत्क्षण ले संभाल अनुभव अतीत का उतारे पार रखे... Poetry Writing Challenge 63 Share Mahender Singh 9 Jun 2023 · 1 min read दोहे - अटपटे वादा खिलाफी न करो, ये चरित्र पर दाग, बोलने से पहले सोच, भड़क न जाये आग. . अनुभवहीन के भाष सुन खोते अपने मूल. कुदरत की महिमा कांटों संग खिलते... Poetry Writing Challenge 1 295 Share Mahender Singh 9 Jun 2023 · 1 min read दोहे खटपट जैसे भाव मन में हैं वैसा ही धरातल तैयार, प्रेम भाव से सींचा करो उग आयेगा प्यार.. . जिस देश में गूंजती, महिलाओं की चीख, ऐसे दरिंदे देखो देते ,,... Poetry Writing Challenge 1 311 Share Mahender Singh 9 Jun 2023 · 1 min read दोहे - सरपट मानक मणियां पहनकर, पारख लाज लगाव, बिन सुध बुध ठोकर खाये,आये कौन बचाव,. . मनोरंजन के खेत में बोये जाते संज्ञाहरण बीज, मनोभंजन एक कला, लौट आयेंगे सब अजीज़. .... Poetry Writing Challenge 1 154 Share Mahender Singh 8 Jun 2023 · 1 min read दोहे - झटपट छोटी छोटी बातों पर, छिड़ रहा विवाद, अति जल्द सुलह करें ,शुरू करें संवाद. . संवाद पर विराम न लगे रखें हरदम याद, गुस्से से किनारे करें करना सदा फरियाद.... Poetry Writing Challenge 1 152 Share Mahender Singh 9 May 2023 · 1 min read मेरी दादी मेरी मां मेरे बच्चों की दादी कुछ इस तरह बतियाती पुराने जमाने का आइना बच्चों के लिए एक झूला, अपने बुढापे को छुपाकर अपने बचपन परवरिश के दस्तावेज दिखाया करती... Hindi 286 Share Mahender Singh 25 Apr 2023 · 1 min read चांदनी रात कोई तप कर सोना बनता है, कोई जल कर प्रकाश देता है हीरे को किरण का प्रकाश खुद की धूरी पर घूमते घूमते धरती के चक्कर लगाते हुए. सूरज से... Hindi 238 Share Mahender Singh 24 Apr 2023 · 1 min read समुद्र की पुकार शांत रहने वाले समुद्र में हलचल है आज, जैसे एक करवट में अशांत गिरेगी गाज़ चंद्रमा पूर्ण यौवनावस्था में बिखरे आगाज इकट्ठा हुए मछुआरे, सिर पर लेकर ताज, बाट जोहते... Hindi 150 Share Mahender Singh 6 Apr 2023 · 1 min read हम सफर एक ही रास्ते के मुसाफिर, कोई अपना जो दुख दर्द बांट लें, बिन किसी मकसद दो प्रेमी हो सकते है, भाई बहन माता पिता संग, जो गालियों पर भी हंसे,... Hindi 99 Share Mahender Singh 19 Mar 2023 · 1 min read झरोखे अतीत के झरोखे हैं, कुछ है, कुछ मिटा दिये गये कुछ सहायक, राह में रोड़े अधिक, फैला दिये गये मील के पत्थर, सहायक, मार्ग सही है, आगे बढें , हर... Hindi 1 204 Share Mahender Singh 14 Nov 2022 · 1 min read समसामयिक कुण्डलियां छंद खुली बहोत टकसाल, वोट साधन बारे, काम न आई एक हुई, सब बेकार ब्यौरे, सब बेकार ब्यौरे, बढ़ गई बेगार लाचारी, जनता हुई कर्जदार,फैली अखत बिमारी, कह हंस कविराय,सबनै इब... Hindi 1 1 120 Share Mahender Singh 5 Nov 2022 · 1 min read किरदार अपना अपना कौन तय करता है किरदार कौन है नियंता, किसके हाथ है डोर, कोई है सिरमौर, जाने न कोई ओर, मगर कोई है अगर, तुम खुद हो यार, तय कर तारीख... Hindi 1 154 Share Mahender Singh 28 Oct 2022 · 1 min read नास्तिक लोगों का योगदान नास्तिक लोग काम को थोड़े अलग ढंग से करते है, काम अलग नहीं होते, वे ही सब होते है, करने का तरीका अलग होता है . दुनिया में जितना शोर,... Hindi 1 236 Share Mahender Singh 27 Oct 2022 · 1 min read जुआरी सब कुछ खो गया, पाने के चक्कर में, जो पास था, ध्यान नहीं था उस पर, रहते रहते निर्भर, निर्भार न हो सका, अधूरी ख्वाहिशें, पूरी करने खातिर, दर दर... Hindi 2 1 150 Share Mahender Singh 7 Aug 2022 · 1 min read समयातीत साधक सब चालों की काट उकाब वक्त बही धार, लहर उठे सो मन वक्त के अनुबंध के पार, . . साधु साधक एक है मत पैदा करो मतभेद, साधु निर्लिप्त निसर्ग... Hindi 1 129 Share Mahender Singh 27 Jul 2022 · 1 min read दर्शन शास्त्र के ज्ञाता, अतीत के महापुरुष जनता पूछना चाहती है, महापुरुष का फ्रेम क्या है. (मूर्ख जवाब देते हैं) मन की बात करते है. पर समाधान नहीं देते. . बाबा साहेब का जीवन किसी, एक वर्ग... Hindi 3 2 288 Share Mahender Singh 22 Jul 2022 · 2 min read अमृत महोत्सव अमृत के बारे में, आप क्या सोचते हो ! . अमृत का जिक्र आते ही, एक बात याद में जरूर आती है, समुद्र मंथन. सुर और असुर, बाई प्रोडक्ट, अमृत... Hindi 1 205 Share Previous Page 2 Next