Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jun 2023 · 1 min read

हलके किरदार

किरदार ही हल्के थे
हलुआ सुस्वादिष्ठ
मगर एक चुटकी
रेत मिट्टी किरकिरा
भरे हुआ,शर्त बस एक थी,
वहीं के वहीं पारखी पस्त थे,
लोक लुभावने वायदे,
कसीदे पढ़ते नारद,
छुपा ली सब व्यापद,
हर तरफ विज्ञापन,
हर रोज सैंकड़ों ज्ञापन,
भटक रहे, नहीं कोई उद् यापन,
खरपतवार खड़े रही,
फसल सब उजाड़ कर,
किसान सब आबाद,
साल में तीन खेप, दो हजार पाकर,
एक मुश्त ले लिये,
खाद बीज डीज़ल पैट्रोल पर,
असीमित बढ़ते कर,
हल्के किरदार चुन लिए,
देशभक्ति राष्ट्रवाद के झूठे गीत सुन कर,
आओ सब कामकाज छोड़कर,
राम-मंदिर चलें,घर गृहस्थी सब छोड़ कर,
आओ आबोहवा है कश्मीर जम्मू
चलो चलें, गाड़ने तम्बू
वोट का दौर है, आओ सुने वंचना
हल्के किरदार हैं करें न झूठी वंदना
स्पंदन होने लगी, हालात देख कर,
लड़ना पड़ेगा, अपनों से गीता पढ़ पढ़कर,
संविधान सिर्फ़ पहला विधान,
न्याय समानता में सब एक समान,
शिक्षा चिकित्सा से मत रहना वंचित,
भूखे रह कर भी होना है शिक्षित,
बिक गये सब सब संपदा और संसाधन,
दो जून की रोटी को तरस जाओगे,
गर बचा न पाते संविधान,
किरदार हल्के हैं, खोज लें कोई वफादार,
बंद हो जायेंगे, सब व्याभिचार अत्याचार,
खोज सको तो खोज लो, नवयान सा कुटुम्ब

Language: Hindi
212 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mahender Singh
View all
You may also like:
रहना चाहें स्वस्थ तो , खाएँ प्रतिदिन सेब(कुंडलिया)
रहना चाहें स्वस्थ तो , खाएँ प्रतिदिन सेब(कुंडलिया)
Ravi Prakash
यहां नसीब में रोटी कभी तो दाल नहीं।
यहां नसीब में रोटी कभी तो दाल नहीं।
सत्य कुमार प्रेमी
"कोई तो है"
Dr. Kishan tandon kranti
Mere shaksiyat  ki kitab se ab ,
Mere shaksiyat ki kitab se ab ,
Sakshi Tripathi
👌फार्मूला👌
👌फार्मूला👌
*Author प्रणय प्रभात*
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"परखना सीख जाओगे "
Slok maurya "umang"
इत्तिहाद
इत्तिहाद
Shyam Sundar Subramanian
अक्सर लोगों को बड़ी तेजी से आगे बढ़ते देखा है मगर समय और किस्म
अक्सर लोगों को बड़ी तेजी से आगे बढ़ते देखा है मगर समय और किस्म
Radhakishan R. Mundhra
नहीं चाहता मैं किसी को साथी अपना बनाना
नहीं चाहता मैं किसी को साथी अपना बनाना
gurudeenverma198
उर्वशी की ‘मी टू’
उर्वशी की ‘मी टू’
Dr. Pradeep Kumar Sharma
खुशी ( Happiness)
खुशी ( Happiness)
Ashu Sharma
परिवर्तन जीवन का पर्याय है , उसे स्वीकारने में ही सुख है । प
परिवर्तन जीवन का पर्याय है , उसे स्वीकारने में ही सुख है । प
Leena Anand
अनिल
अनिल "आदर्श "
अनिल "आदर्श"
आया बसंत
आया बसंत
Seema gupta,Alwar
बेवजह ही रिश्ता बनाया जाता
बेवजह ही रिश्ता बनाया जाता
Keshav kishor Kumar
3356.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3356.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
मरीचिका
मरीचिका
लक्ष्मी सिंह
सदा बेड़ा होता गर्क
सदा बेड़ा होता गर्क
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
श्रम दिवस
श्रम दिवस
SATPAL CHAUHAN
मुश्किलों से क्या
मुश्किलों से क्या
Dr fauzia Naseem shad
शिवांश को जन्म दिवस की बधाई
शिवांश को जन्म दिवस की बधाई
विक्रम कुमार
खोने के लिए कुछ ख़ास नहीं
खोने के लिए कुछ ख़ास नहीं
The_dk_poetry
आ ठहर विश्राम कर ले।
आ ठहर विश्राम कर ले।
सरोज यादव
"सुनो एक सैर पर चलते है"
Lohit Tamta
दिल का हाल
दिल का हाल
पूर्वार्थ
9. *रोज कुछ सीख रही हूँ*
9. *रोज कुछ सीख रही हूँ*
Dr Shweta sood
🙏*गुरु चरणों की धूल*🙏
🙏*गुरु चरणों की धूल*🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
लेकिन क्यों
लेकिन क्यों
Dinesh Kumar Gangwar
बेचारी माँ
बेचारी माँ
Shaily
Loading...