Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Oct 2023 · 1 min read

संदेश बिन विधा

तुम कहते रहे,विरोध की कोई वजह न थी,
तुमने जो छुपा कर जो हकीकत पेश की.

वो पटरी रेल के डिब्बे, मेरे अपने देश के थे, हैं.
अब न संसाधन हमारे अपने,न सड़क,न वायुयान,

रेवेन्यू सरकार के सीमित थे, व्यवस्था बडी सुंदर,
हर आदमी के कपडों के पसीने से सजा समंदर.

लहू की बूंद बूंद चूस ली गई फिर भी हो कलेंदर,
झारखंड का कोयला वाया मुंबई पहुंचा पोरबंदर.

ईंधन पैट्रोल डीजल सीएनजी पीएनजी पबजी
खेल से भी घातक,घूम कर आओ गोवा पणजी.

उम्मीद हर जन-मानस रखता है, घर चले रसोई जले,
ये अव्यवस्था लील गई, आओ वित्त-मंत्री से पूछने चलें.

गौ रक्षक हैं या गौ तस्कर, गौवंश पालते नहीं, गोस्त बिक्री बढ़ गई,
हिंदू कोड बिल का जमकर विरोध हुआ, ये दुनिया सनातनी कब हुई.

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 238 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mahender Singh
View all
You may also like:
स्त्री मन
स्त्री मन
Surinder blackpen
सारे एहसास के
सारे एहसास के
Dr fauzia Naseem shad
धीरज और संयम
धीरज और संयम
ओंकार मिश्र
खुशनसीब
खुशनसीब
Naushaba Suriya
वो कड़वी हक़ीक़त
वो कड़वी हक़ीक़त
पूर्वार्थ
अनुभव
अनुभव
Dr. Pradeep Kumar Sharma
विचार और रस [ दो ]
विचार और रस [ दो ]
कवि रमेशराज
आहुति  चुनाव यज्ञ में,  आओ आएं डाल
आहुति चुनाव यज्ञ में, आओ आएं डाल
Dr Archana Gupta
💐प्रेम कौतुक-198💐
💐प्रेम कौतुक-198💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
जिन्दगी से शिकायत न रही
जिन्दगी से शिकायत न रही
Anamika Singh
मुझे याद आता है मेरा गांव
मुझे याद आता है मेरा गांव
Adarsh Awasthi
प्रथम किरण नव वर्ष की।
प्रथम किरण नव वर्ष की।
Vedha Singh
खुशबू बनके हर दिशा बिखर जाना है
खुशबू बनके हर दिशा बिखर जाना है
VINOD CHAUHAN
बल से दुश्मन को मिटाने
बल से दुश्मन को मिटाने
Anil Mishra Prahari
दिल होता .ना दिल रोता
दिल होता .ना दिल रोता
Vishal Prajapati
ज़िंदगी का दस्तूर
ज़िंदगी का दस्तूर
Shyam Sundar Subramanian
जिंदगी में दो ही लम्हे,
जिंदगी में दो ही लम्हे,
Prof Neelam Sangwan
2935.*पूर्णिका*
2935.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
नव वर्ष हमारे आए हैं
नव वर्ष हमारे आए हैं
Er.Navaneet R Shandily
लोकतंत्र में शक्ति
लोकतंत्र में शक्ति
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
फूल खिलते जा रहे
फूल खिलते जा रहे
surenderpal vaidya
मां
मां
Sanjay ' शून्य'
*जानो तन में बस रहा, भीतर अद्भुत कौन (कुंडलिया)*
*जानो तन में बस रहा, भीतर अद्भुत कौन (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
"बलवान"
Dr. Kishan tandon kranti
बेटियां
बेटियां
Neeraj Agarwal
■ त्रिवेणी धाम : हरि और हर का मिलन स्थल
■ त्रिवेणी धाम : हरि और हर का मिलन स्थल
*Author प्रणय प्रभात*
चॅंद्रयान
चॅंद्रयान
Paras Nath Jha
बहुत अंदर तक जला देती हैं वो शिकायतें,
बहुत अंदर तक जला देती हैं वो शिकायतें,
शेखर सिंह
यह जो कानो में खिचड़ी पकाते हो,
यह जो कानो में खिचड़ी पकाते हो,
Ashwini sharma
जिसने भी तुमको देखा है पहली बार ..
जिसने भी तुमको देखा है पहली बार ..
Tarun Garg
Loading...