मधुसूदन गौतम 250 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next मधुसूदन गौतम 10 Jan 2021 · 1 min read चाहत लाखो लाइक या वोट से मुझे कोई खुशी नही होती। दिल से कोई एक लाइक भी मिले तो पूंजी हज़ार की। कलम घिसाई Hindi · शेर 1 2 501 Share मधुसूदन गौतम 9 Jan 2021 · 1 min read चाहत या चाह किसी की चाह से बोलो ,कभी होता भलापाया। सभी की चाह होती है ,यही जग की सदा पाया। मगर फिर चाह भी रखना फ़क़त कितना जरूरी है। बिना इस चाह... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 8 589 Share मधुसूदन गौतम 5 Jan 2021 · 1 min read वोट मांगते देखा है। सरस्वती तेरे पुत्रो को मैंने गिरते देखा है। तेरा दामन स्वेत कहाँ ,दाग लगाते देखा है। तेरे अब पूजक माता,वोट मांगते डोल रहे। सच तेरे अनुयायिओं को ,नेता जैसे देखा... Hindi · कविता 2 13 363 Share मधुसूदन गौतम 29 Dec 2020 · 1 min read तेरी चाहत में मापनी --212 122 222 212 दिल भटक भटक कर बंजारा हो गया। (तेरी चाहत में।) दिल तड़प तडफ़ कर आवारा हो गया। ( तेरी चाहत में ) तुम तो हाथ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 4 503 Share मधुसूदन गौतम 14 Aug 2020 · 1 min read छंद आज चौदह अगस्त का , दिवस वह काला। टुकड़े टुकड़े हिन्द को,कभी कर डाला। पर्व आया आजादी,डूबा उजाला। सत्ता के लिये ही तो , विघ्न कर डाला। जल्दबाज़ी भीक्या थी... Hindi · कविता 1 2 357 Share मधुसूदन गौतम 14 Aug 2020 · 1 min read राधिका छंद आज चौदह अगस्त का , दिवस वह काला। टुकड़े टुकड़े हिन्द को,कभी कर डाला। पर्व आया आजादी,डूबा उजाला। सत्ता के लिये ही तो , विघ्न कर डाला। जल्दबाज़ी भीक्या थी... Hindi · गीत 1 494 Share मधुसूदन गौतम 20 May 2020 · 1 min read काश हम बेज़ुबां होते काश हम बेज़ुबान होते। फिर न तो बदगुमान होते। और न ही बदजुबान होते। गर न होता किसी को , कुछ भी जताने का हुनर। तो कहां से होती किसी... Hindi · कविता 3 3 286 Share मधुसूदन गौतम 18 May 2020 · 1 min read मुबारक हो जन्म दिन जन्म दिन हो मुबारक तुझे । मेरी बिटिया तुझे जन्म दिन। नित नई कामयाबी मिले। फूल खुशियों के नित ही खिले। ख्वाब पूरे हो तेरे सभी । हर्ष से हो... Hindi · गीत 2 430 Share मधुसूदन गौतम 6 May 2020 · 1 min read पियक्कड़ संत कभी मर्ज़ी से पीते हैं ,कभी मुफ्त में पीते हैं। कभी बेशर्म बनकर के ,कभी इज़्ज़त से जीते हैं। कोई फोकट पिलाये तो ,बना सरकार भी डाले। पड़े ज़रूरत वतन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 479 Share मधुसूदन गौतम 15 Apr 2020 · 1 min read डर के साये में डर के साये में जिये जाते है। खुद को तन्हा से किये जाते है। वक्त इक दिन यह चला जाएगा, घूँट संयम के पिये जाते है। डर के साये में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 4 550 Share मधुसूदन गौतम 5 Apr 2020 · 1 min read दीपक नही जलाये जी जिनके दिमाग मे भूसा हो ,वो दीपक नहीं जलाये जी। क्या मालूम वो आग पकड़ले ,सारा भेजा जल जाये जी। यह बात बहुत ही गहरी है ,सबको मत समझाओ, मूरख... Hindi · मुक्तक 1 735 Share मधुसूदन गौतम 3 Apr 2020 · 1 min read एक डायलॉग ★पुराना शेर याद आ गया जो एक सेमिनार में लिखा था मैंने।★ चंद किताबें पढ़कर मेरे सिध्दांतों को समझने की कोशिश न करो। मेरे सिध्दांतों को समझने के लिये अभी... Hindi · तेवरी 2 458 Share मधुसूदन गौतम 1 Apr 2020 · 5 min read परवाह (लोक डाउन पर लिखी कहानी) *क्यों की हमे परवाह है तुम्हारी* ★आया न कोई फोन खत , गए तीन दिन बीत। आखिर उस पर क्या कहाँ ,कैसी रही हो बीत।★ यह ख्याल बार बार वन्दन... Hindi · कहानी 1 718 Share मधुसूदन गौतम 29 Mar 2020 · 1 min read इतना डर क्यो ? *भय किससे,किसको ,किसलिये* ************************** थम सा गया है, यह जन जीवन , यह मचलते तन, पार्लर जाते बदन, उछलता यौवन, शरारती बचपन , कक्ष में रम सा गया है थम... Hindi · कविता 3 4 323 Share मधुसूदन गौतम 26 Mar 2020 · 2 min read लोक डाउन में उपयोगी टिप्स मुक्तक के जरिये ★ लोक डाउन में उपयोगी टिप्स* ******************************* बंधें घर पर रहेंगे तो ,बताओ खाएंगे क्या जी? किया वो ही बताने का ,जतन मैंने यहाँ पर जी। मगर हर हाल में... Hindi · मुक्तक 2 546 Share मधुसूदन गौतम 19 Mar 2020 · 1 min read समझते हो ना तुम शब्दों को गोली मारो,मेरा मौन समझते हो ना। अपना रिश्ता क्या है भूलो,मैं हूँ कौन समझते हो ना। रिश्ते क्या है स्वाद बदलते , पककर शब्दो की भट्टी में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 322 Share मधुसूदन गौतम 17 Mar 2020 · 1 min read भोजन ,भक्ति ,भोग ?? आज का मुक्तक?? भोग ,भक्ति, भोजन सदा , फल देते तन्हाई में। मूर्ख ही इनको करते ,केवल जग दर्शाई में। मन तुष्ट हो भी जावे , पर इष्ट नहीं... Hindi · मुक्तक 1 297 Share मधुसूदन गौतम 8 Mar 2020 · 1 min read तू परिंदा है... तू परिंदा है मर्ज़ी जहां तक तू उड़। तेरी मर्ज़ी पड़े उसजहाँ तक तू उड़। ************************** तुझको उड़ने से कोई नही रोकता। तेरा कमजोर मन ही तुझे टोकता। होंसला अपने... Hindi · गीत 2 4 349 Share मधुसूदन गौतम 29 Feb 2020 · 1 min read दुर्मिळ सवैया ,विधान सहित *दुर्मिल सवैया* विधान दुर्मिल सवैया छंद 24 वर्णों में आठ सगणों (।।ऽ) से सुसज्जित होता है। जिसमें 12, 12 वर्णों पर यति का प्रयोग किया जाता है। अन्त सम तुकान्त... Hindi · मुक्तक 4 1 946 Share मधुसूदन गौतम 28 Feb 2020 · 1 min read जला वतन को ये आग बोलो ,किसने लगाई, ये पूछ टीवी एंकर रहे है। जला वतन को बेशर्म सारे , अजब सी बातें पूछ रहे है। बड़ा मजा ये लेते थे बुजदिल, लगा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 517 Share मधुसूदन गौतम 28 Feb 2020 · 1 min read जला वतन को ये आग बोलो ,किसने लगाई, ये पूछ टीवी एंकर रहे है। जला वतन को बेशर्म सारे , अजब सी बातें पूछ रहे है। बड़ा मजा ये लेते थे बुजदिल, लगा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 309 Share मधुसूदन गौतम 27 Feb 2020 · 1 min read सवैया मत्तगयंद छन्द विधान सहित मत्तगयन्द सवैया विधान मत्तगयन्द सवैया 23 वर्णों का छन्द है, जिसमें सात भगण (ऽ।।) और दो गुरुओं का योग होता है। मध्यकालीन एवम।आधुनिक कवियों ने इसका काफ़ी प्रयोग किया है।... Hindi · मुक्तक 1 4k Share मधुसूदन गौतम 22 Feb 2020 · 1 min read शिव स्तुति हे आशुतोष सब मंगल कर जीवन मे न दंगल कर। तेरी पूजा में कौर कसर। हो जाती है गौर न कर। है आशुतोष सब मंगल कर। तू शक्ति स्वामी, शिव... Hindi · गीत 1 729 Share मधुसूदन गौतम 17 Feb 2020 · 2 min read रोला छन्द आधारित गीत रोला छंद सममात्रिक छंद है। रोला छंद के चार पद (पंक्तियाँ) और आठ चरण होते हैं) इसका मात्रिक विधान लगभग दोहे के विधान के विपरीत होता है। अर्थात मात्राओं के... Hindi · गीत 1 1k Share मधुसूदन गौतम 16 Feb 2020 · 2 min read समझौता का जीवन -- समझौतों का जीवन समझौता के पहियों पर,जीवन चलता आया है , जिसने वरना जो चाहा , सबको कब मिल पाया है। आंख खुली तो समझौता ,किस घर में मैं... Hindi · गीत 1 546 Share मधुसूदन गौतम 16 Feb 2020 · 1 min read हे बसन्त तू क्यो आया हे वसन्त तू क्यों आया। दसों दिशा से चढ़ आया। मादकता का मौसम क्या, हर डाली इतराती है। सूखी सूखी टहनी पर , तेरी लाली छाती है। फूल बाग में... Hindi · कविता 1 2 252 Share मधुसूदन गौतम 15 Feb 2020 · 1 min read Slap day पर मुक्तक *Slap day* हाथ की थाप लगे माँ की ,गुरु की मार मिले पटरी। डांट की मार बड़ों की ही ,बाप की मार बड़ी तगड़ी। और की मार नही अच्छी,खानी भी... Hindi · मुक्तक 1 326 Share मधुसूदन गौतम 15 Feb 2020 · 1 min read कृष्ण पिंड से कृष्ण पिंड से निकली दुनियाँ,कृष्ण पिंड में जाएगी। कृष्ण तत्व को बिन समझे ,बात समझ नहीं आएगी। प्रेम ,घृणा सब पागलपन है ,घुप्प अंधेरे के जैसा, रूह अनन्त है अनन्त... Hindi · मुक्तक 1 479 Share मधुसूदन गौतम 8 Feb 2020 · 1 min read टेढ़े संग मुलाकात *शिल्प रहित कुछ बन्ध* टेढ़े मेढे यार की टेडी टेढ़ी मैड़ी बात। मैं जानूँ क्या री सखी,क्या मेरी ओकात। टेढ़ो सो मेरो सखा ,बाँके वाको नाम। बिन बाँके बन बावरी,... Hindi · कविता 1 268 Share मधुसूदन गौतम 7 Feb 2020 · 1 min read रोज दिवस पर गीत सप्त श्रृंगार से धरा सुशोभित ,इस बासन्ती मौसम में। सप्त दिवस का सप्ताह नामित ,यह बासन्ती मौसम में। मदनोतस्व या वेलेंटाइन ,कुछ भी नाम भले दे दो। शब्द अनेकों मिल... Hindi · गीत 294 Share मधुसूदन गौतम 23 Jan 2020 · 1 min read उड़ान उड़ानें भर बड़ी भारी ,गगन को नाप बैठा मैं। कहां धरती फ़लक तक को , परो से माप बैठा मैं। थका थोड़ा तो आई याद ,मिल जाये पनाह माँ की... Hindi · मुक्तक 2 277 Share मधुसूदन गौतम 28 Nov 2019 · 1 min read डायलॉग क-- क्या करते हो आजकल काम धंधा? ख-- सुबह थूंकता हूँ शाम को चाट लेता हूँ। Hindi · तेवरी 2 341 Share मधुसूदन गौतम 28 Nov 2019 · 1 min read मुक्तक अध्यात्म रस ?? भोर वंदन?? (एक मुक्तक मात्रिक छन्द ) ******************************** कंचन खरा निकष पर होता, चार जांच कर लेने पर। काया भी परखी जाती है ,पांच आग तप लेने पर। पर... Hindi · मुक्तक 1 345 Share मधुसूदन गौतम 17 Nov 2019 · 1 min read लघुकथा एक मनचले ने किसी गरीब के हाथ से रोटी छीनकर एक कुत्ते को डाल दी। गरीब ने मनचले को जब पकड़ कर मारना चाहा तो कुत्ते ने उस गरीब को... Hindi · लघु कथा 1 361 Share मधुसूदन गौतम 8 Nov 2019 · 1 min read दोहा छन्द ,चाणक्य नीति आधारित *चाणक्य नीति आधारित दोहा छन्द का प्रयास* 1★ नियत बात को छोड़कर ,करे अनियती ध्यान। उसका निश्चित जानिये , कैसे हो कल्यान। 2★ सब बातों को देखकर , करिए आप... Hindi · दोहा 452 Share मधुसूदन गौतम 3 Nov 2019 · 2 min read रिश्ते कैसे कैसे रिश्ते कैसे कैसे* ************************************ देव प्रबोधिनी एकादशी का दिन था। दुल्हन की विदाई का माहौल था। बारी बारी से केतिका गले मिल रही थी। उसका दुल्हन का श्रृंगार भी छलकते... Hindi · कहानी 501 Share मधुसूदन गौतम 2 Nov 2019 · 6 min read साहित्य स्वरूप *वर्तमान में साहित्य * साहित्य एक व्यापक शै है। जिस प्रकार सृष्टि त्रिगुणात्मक स्वरूप लिए है उसी प्रकार साहित्य भी सकारात्मक,नकारात्मक एवं निर्विकारात्मक होता है। साहित्य आंतरिक मनोभावों का प्राकट्य... Hindi · लेख 365 Share मधुसूदन गौतम 2 Nov 2019 · 1 min read एक चतुष्पदी यूँ ही प्रेम जिसको भी होता है अंधा बना देता है। इश्क की क्या कहूँ यह भी बिन बात सजा देता है। मुहब्बत भी दुनिया को जी भर सताती है । दिल... Hindi · मुक्तक 300 Share मधुसूदन गौतम 28 Oct 2019 · 1 min read हैपी या अनहैपी दीवाली? हेप्पी दिवाली कहने वालो तोते जैसे रटने वालो किस से बोल रहे हो तोलो फिर चाहो तो खुलकर बोलो किस का निकला आज दिवाला और किसकी मनी दिवाली। किसका छिना... Hindi · कविता 2 2 244 Share मधुसूदन गौतम 28 Oct 2019 · 2 min read दीपावली**** ? दीपावली आखिर आ ही गई। 15दिन से विशु के घर तैयारियाँ चल रही थी। 5 मज़दूर मिलकर पुताई ,रंग रोगन कर रहे थे। 3 बाईयां झाड़ू पौछा कर रही थी।क्या... Hindi · कहानी 2 296 Share मधुसूदन गौतम 27 Oct 2019 · 1 min read हैपी दीवाली। विष्णुपद छंद पर कलम....ई। 16 +10 पंक्ति पूँछ(पदांत) 112 ******************************* दीपमालिका के अवसर पर प्रेमिल दीप जले। आलोकित हो हर पथ प्रियतम मन का तिमिर ढ़ले। शूल बने सब फूल... Hindi · मुक्तक 225 Share मधुसूदन गौतम 26 Oct 2019 · 1 min read रूप चौदस सुबह उठकर करो मालिश, मनालो रूप चौदस को। मिला उबटन लगालो जी, निखारो रूप चौदस को। लगाकर दूध थोड़ा सा, बदन कमनीय कर लो जी, मगर मुस्कान लब पर रख... Hindi · मुक्तक 2 268 Share मधुसूदन गौतम 26 Oct 2019 · 1 min read बन्धन ******अल सुबह****** चल पंछी पिंजरे के अंदर। देख भला बन्धन के मंजर। हो आजाद बहुत तू घूमा। इस दर से उस दर को चूमा। बन्धन तोड़ निकलना। किससे मुक्ति ?क्यो... Hindi · कविता 1 242 Share मधुसूदन गौतम 25 Oct 2019 · 1 min read एक डायलॉग मैंने बहुत अमीरों को गरीब होते देखा है। हेल्थ की वेल्थ गंवाकर , कमाते देखा है। Hindi · तेवरी 1 262 Share मधुसूदन गौतम 21 Oct 2019 · 2 min read दीवाली की सफाई *लिखाई या सफ़ाई* ******************************* अरे सुनो तो .. क्या है यार, फ़िज़ूल ही डिस्टर्ब कर रही हो। अरे ऐसा क्या कर रहे हो, जो डिस्टर्ब हो रहे हो।। कुछ नही... Hindi · लघु कथा 3 2 328 Share मधुसूदन गौतम 21 Oct 2019 · 1 min read मतदान दिवस पर सुनो सब को ही बतलाओ,दिवस मतदान आया है। बड़े दिन बाद ऐसा चांस हम सबने जो पाया है। निकलकर घर से जाना है ,हमें मतदान करना है। समझकर जिम्मेदारी को... Hindi · गीत 1 321 Share मधुसूदन गौतम 20 Oct 2019 · 1 min read एक आंख मार गई *मनहरन कवित्त* ******************** एक आंख मार गई ,दिल को उजाड़ गई। जीभ को निकाल कर ,नींदें मेरी छीन ली। कब दिन रात आये , कब दिन रात जाए , चैन... Hindi · घनाक्षरी 2 308 Share मधुसूदन गौतम 20 Oct 2019 · 1 min read किसलिये मुँह में रखते राम आखिर किसलिये। गर हुए बदनाम आखिर किसलिये। प्यार में पगलाये जाते हो सुनो । पूछते अंजाम आखिर किसलिये। *कलम घिसाई* Hindi · कविता 2 393 Share मधुसूदन गौतम 18 Oct 2019 · 1 min read स्वाभिमान की चिड़िया स्वाभिमान की चिड़िया भी लगती बिलकुल अलबेली है। सबको अच्छी लगती है पर उड़ती निपट अकेली है। नाज़ुक इतनी होती है, बातों से घायल होती है। वो बात अलग है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 460 Share मधुसूदन गौतम 17 Oct 2019 · 2 min read करवा चौथ टशन हाँ ,कितनी देर में आ रहे हो यही लगभग 8.30 पर क्यो इतनी देर क्यों? अरे तुम्हारी कॉल अटेंड कर ली जो ही बहुत है। 100 अटेंडेंट लगा रखे है... Hindi · लघु कथा 3 585 Share Previous Page 2 Next