Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Oct 2019 · 1 min read

स्वाभिमान की चिड़िया

स्वाभिमान की चिड़िया भी लगती बिलकुल अलबेली है।
सबको अच्छी लगती है पर उड़ती निपट अकेली है।
नाज़ुक इतनी होती है, बातों से घायल होती है।
वो बात अलग है सब दुनियाँ इसकी कायल होती है।
कोई पसन्द कब करता इसको बिलकुल न्यारी रहती है।
मैं बस मैं वाला दाना यह हर पल चुगती रहती है।
सभी परिंदे धीरे धीरे छोड़ इसे चल जाते है।
पास पटकता कोई नहीं ,नहि पास कोई आते है।
जीवन का रस पीना इसको बिलकुल अच्छा नही लगता।
इसीलिये तो भरी भीड़ में इसको रहना तन्हा पड़ता।

कलम घिसाई

1 Like · 392 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आगाज़-ए-नववर्ष
आगाज़-ए-नववर्ष
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
आओ बैठें ध्यान में, पेड़ों की हो छाँव ( कुंडलिया )
आओ बैठें ध्यान में, पेड़ों की हो छाँव ( कुंडलिया )
Ravi Prakash
■ आज का परिहास...
■ आज का परिहास...
*Author प्रणय प्रभात*
जिस काम से आत्मा की तुष्टी होती है,
जिस काम से आत्मा की तुष्टी होती है,
Neelam Sharma
Things to learn .
Things to learn .
Nishant prakhar
हमको मिलते जवाब
हमको मिलते जवाब
Dr fauzia Naseem shad
अबीर ओ गुलाल में अब प्रेम की वो मस्ती नहीं मिलती,
अबीर ओ गुलाल में अब प्रेम की वो मस्ती नहीं मिलती,
Er. Sanjay Shrivastava
* कुछ पता चलता नहीं *
* कुछ पता चलता नहीं *
surenderpal vaidya
बना एक दिन वैद्य का
बना एक दिन वैद्य का
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
*किताब*
*किताब*
Dushyant Kumar
माटी में है मां की ममता
माटी में है मां की ममता
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
సంస్థ అంటే సేవ
సంస్థ అంటే సేవ
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
*ताना कंटक सा लगता है*
*ताना कंटक सा लगता है*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जीवन है आँखों की पूंजी
जीवन है आँखों की पूंजी
Suryakant Dwivedi
संसाधन का दोहन
संसाधन का दोहन
Buddha Prakash
वो लड़की
वो लड़की
Kunal Kanth
अहंकार अभिमान रसातल की, हैं पहली सीढ़ी l
अहंकार अभिमान रसातल की, हैं पहली सीढ़ी l
Shyamsingh Lodhi (Tejpuriya)
आजादी
आजादी
नूरफातिमा खातून नूरी
आत्मा की शांति
आत्मा की शांति
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
नहीं लगता..
नहीं लगता..
Rekha Drolia
घर हो तो ऐसा
घर हो तो ऐसा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
अपनी टोली
अपनी टोली
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
कितनी हीं बार
कितनी हीं बार
Shweta Soni
तेरे मन मंदिर में जगह बनाऊं मै कैसे
तेरे मन मंदिर में जगह बनाऊं मै कैसे
Ram Krishan Rastogi
किसी भी चीज़ की आशा में गवाँ मत आज को देना
किसी भी चीज़ की आशा में गवाँ मत आज को देना
आर.एस. 'प्रीतम'
प्रभु राम अवध वापस आये।
प्रभु राम अवध वापस आये।
Kuldeep mishra (KD)
होली के मजे अब कुछ खास नही
होली के मजे अब कुछ खास नही
Rituraj shivem verma
*हिंदी दिवस*
*हिंदी दिवस*
Atul Mishra
2849.*पूर्णिका*
2849.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कब तक कौन रहेगा साथी
कब तक कौन रहेगा साथी
Ramswaroop Dinkar
Loading...