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कुछ समझ ना पाऊं यह वक्त की मार है या कुदरत का कहर।
फिर भी यह सब कुछ सह कर कल के अच्छे दिनों के इंतजार में जिए जाते हैं।

श़ुक्रिया !

Thanks sir

बेहतर है ।

Thanks sir

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