Sarfaraz Ahmed Aasee 71 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Sarfaraz Ahmed Aasee 3 Jan 2024 · 1 min read क़रार आये इन आँखों को तिरा दर्शन ज़रूरी है क़रार आये इन आँखों को तिरा दर्शन ज़रूरी है रहे उल्फ़त की ये शमआ सदा रौशन ज़रूरी है वगरना बेच खायेंगे वतन को ये सियासी लोग क़लमकारों का आपस में... Hindi 204 Share Sarfaraz Ahmed Aasee 3 Jan 2024 · 1 min read अब तो ख़िलाफ़े ज़ुल्म ज़ुबाँ खोलिये मियाँ अब तो ख़िलाफ़े ज़ुल्म ज़ुबाँ खोलिये मियाँ ये वक़्त बोलने का है कुछ बोलिये मियाँ अब हो सके तो नींद से ग़फ़लत की जागिये दिन चढ़ चुका है,आप बहुत सो... Hindi · ग़ज़ल 184 Share Sarfaraz Ahmed Aasee 3 Jan 2024 · 1 min read है अभी भी वक़्त प्यारे, मैं भी सोचूंँ तू भी सोच है अभी भी वक़्त प्यारे, मैं भी सोचूंँ तू भी सोच फिर न होंगे ये नज़ारे, मैं भी सोचूंँ तू भी सोच ख़ाक कर देंगे यक़ीनन अम्न के सब आशियाँ... Hindi · ग़ज़ल 179 Share Sarfaraz Ahmed Aasee 3 Jan 2024 · 1 min read बदनाम ये आवारा जबीं हमसे हुई है बदनाम ये आवारा जबीं हमसे हुई है सच ये है ख़ता तुमसे नहीं हमसे हुई है हमने ही दिया रंग मुसव्विरा को लहू के तस्वीर मुहब्बत की हसीं हमसे हुई... Hindi · Book Review · Poem · ग़ज़ल 264 Share Sarfaraz Ahmed Aasee 3 Jan 2024 · 1 min read यक़ीनन एक ना इक दिन सभी सच बात बोलेंगे यक़ीनन एक ना इक दिन सभी सच बात बोलेंगे ख़िलाफ़े ज़ुल्म इक होकर ये अख़बारात बोलेंगे ये तन्हाई, ये रुसवाई, ये आंसू , रन्ज और नाले तुम्हारी बे वफ़ाई की... Hindi · ग़ज़ल 176 Share Sarfaraz Ahmed Aasee 3 Jan 2024 · 1 min read تونے جنت کے حسیں خواب دکھائے جب سے تونے جنت کے حسیں خواب دکھائے جب سے ہے عجب حال یہ دنیا ہی نہ بھائے جی کو Quote Writer 245 Share Sarfaraz Ahmed Aasee 3 Jan 2024 · 1 min read यूँ भी हल्के हों मियाँ बोझ हमारे दिल के यूँ भी हल्के हों मियाँ बोझ हमारे दिल के चायख़ाने चलो कुछ बात करेंगे मिलके Aasee yusufpuri Quote Writer 226 Share Sarfaraz Ahmed Aasee 3 Jan 2024 · 1 min read अब किसी की याद पर है नुक़्ता चीनी अब किसी की याद पर है नुक़्ता चीनी इस दिले - बेदाद पर है नुक़्ता चीनी कौन सी तहज़ीब है ये नस्ले नव की अपने ही अजदाद पर है नुक़्ता... Hindi · ग़ज़ल 1 1 202 Share Sarfaraz Ahmed Aasee 11 Nov 2021 · 1 min read अपने घर में हूँ मैं बे मकां की तरह मेरी हालत है उर्दू ज़बां की की तरह अपने घर में हूँ मैं बे मकां की तरह मेरी हालत है उर्दू ज़बां की की तरह मेरा क़द इस ज़मीं से तो ऊँचा न था मुझको देखा गया आसमां... Hindi · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 369 Share Sarfaraz Ahmed Aasee 11 Nov 2021 · 1 min read तेरी महफ़िल में सभी लोग थे दिलबर की तरह तेरी महफ़िल में सभी लोग थे दिलबर की तरह एक मैं ही था फ़क़त, काबे में काफ़र की तरह मेरे भीतर तो कोई डूबता सूरज भी न था मुझको देखा... Hindi · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 253 Share Sarfaraz Ahmed Aasee 5 Nov 2021 · 1 min read माइल है दर्दे-ज़ीस्त,मिरे जिस्मो-जाँ के बीच माइल है दर्दे-ज़ीस्त,मिरे जिस्मो-जाँ के बीच उलझा हुआ है दिल ये, ग़मे-दो जहां के बीच कोई तो है मक़ाम तिरा मर्कज़े - सजूद खोई हुई जबीं है कई आस्ताँ के... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · शेर 1 335 Share Sarfaraz Ahmed Aasee 5 Nov 2021 · 1 min read हर क़दम पर सराब है सचमुच हर क़दम पर सराब है सचमुच तिशनगी बे-हिसाब है सचमुच दूर तुझसे हुआ हूँ तब जाना हिज्र क्या है अज़ाब है सचमुच तेरा आँचल है चांदनी गोया चाँद का तू... Hindi · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 274 Share Sarfaraz Ahmed Aasee 5 Nov 2021 · 1 min read ख़ाइफ़ है क्यों फ़स्ले बहारांँ, मैं भी सोचूँ तू भी सोच ख़ाइफ़ है क्यों फ़स्ले बहारांँ, मैं भी सोचूँ तू भी सोच फूल हैं गोया ख़ार बदामाँ, मैं भी सोचूँ तू भी सोच किसने है दीवार उठाई आज हमारे आँगन में... Hindi · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 259 Share Sarfaraz Ahmed Aasee 5 Nov 2021 · 1 min read दिल रंज का शिकार है और किस क़दर है आज दिल रंज का शिकार है और किस क़दर है आज आहट जो धड़कनों की थी, ख़ामोशतर है आज आंखों को तेरी बख़्शा है जिसने हया का जाम साक़ी तिरी निगाह... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 262 Share Sarfaraz Ahmed Aasee 5 Nov 2021 · 1 min read कोई शुहरत का मेरी है, कोई धन का वारिस कोई शुहरत का मेरी है, कोई धन का वारिस काश होता कोई इस ख़ाके - बदन का वारिस जान से प्यारी है मुझको ये वतन की मिट्टी मुल्क का अपने... Hindi · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 499 Share Sarfaraz Ahmed Aasee 5 Nov 2021 · 1 min read इक चाँद नज़र आया जब रात ने ली करवट इक चाँद नज़र आया जब रात ने ली करवट दिल मेरा मचल उट्ठा जज़्बात ने ली करवट हर सिम्त अंधेरा था, तुम आये ख़ुशा क़िस्मत नूरानी हुई महफ़िल, ज़ुल्मात ने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 254 Share Sarfaraz Ahmed Aasee 5 Nov 2021 · 1 min read की है निगाहे - नाज़ ने दिल पे हया की चोट की है निगाहे - नाज़ ने दिल पे हया की चोट ये इब्तदा की चोट है, या इन्तेहा की चोट वो इस अदा से कर गये इज़हारे - दिल लगी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 270 Share Sarfaraz Ahmed Aasee 5 Nov 2021 · 1 min read किया है यूँ तो ज़माने ने एहतिराज़ बहुत किया है यूँ तो ज़माने ने एहतिराज़ बहुत मगर हमें है मुहब्बत पे अपनी नाज़ बहुत ख़ुदा करे कोई सज्दा, क़बूल हो जाये पढ़ी है हमने ख़ुदा की क़सम नमाज़... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 251 Share Sarfaraz Ahmed Aasee 5 Nov 2021 · 1 min read दिल से दिलदार को मिलते हुए देखे हैं बहुत दिल से दिलदार को मिलते हुए देखे हैं बहुत फूल जज़्बात के खिलते हुए देखे हैं बहुत कौन आया है चमन में ये हवा की सूरत बर्ग को शाख़ पे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 235 Share Sarfaraz Ahmed Aasee 5 Nov 2021 · 1 min read छन-छन के आ रही है जो बर्गे-शजर से धूप छन-छन के आ रही है जो बर्गे-शजर से धूप कम हो गयी है आप ही अपने असर से धूप कांधे पे लेके बैठा हूँ ग़ुर्बत का आफ़ताब निकलेगी आज सब्र... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 333 Share Sarfaraz Ahmed Aasee 5 Nov 2021 · 1 min read आंखों में ख़्वाब है न कोई दास्ताँ है अब आंखों में ख़्वाब है न कोई दास्ताँ है अब तन्हाईयाँ हैं, मैं हूँ, ग़मे - बेकराँ है अब फ़ुर्क़त का एक लम्हा गवारा न था जिसे होकर जुदा वो मुझसे,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 270 Share Sarfaraz Ahmed Aasee 4 Nov 2021 · 1 min read दीवाली की रात आयी चरागाँ है हर इक आँगन, है दीवाली की रात आई ज़मीं सजकर बनी दूल्हन, है दीवाली की रात आई उतर आये हैं धरती पर सितारे आसमानों के ख़ुशी से क्यों... Hindi · गीत 299 Share Sarfaraz Ahmed Aasee 4 Nov 2021 · 1 min read बात तनिक ह हउवा जादा बात तनिक ह हउवा जादा लोग बनल ह कउवा जादा हाल बुरा बा चुल्हानी के रोटी से ह तउवा जादा घर मे अन्न के दाना नइखे गांव गांव में चउवा... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 329 Share Sarfaraz Ahmed Aasee 4 Nov 2021 · 1 min read दश्त में शह्र की बुनियाद नहीं रख सकता दश्त में शह्र की बुनियाद नहीं रख सकता ख़ुश्क आंखों में परीज़ाद नहीं रख सकता हर किसी को है फ़क़त मुझसे वफ़ा की उम्मीद हर किसी को तो कोई शाद... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 401 Share Sarfaraz Ahmed Aasee 4 Nov 2021 · 1 min read अहसासे ग़मे हिज्र बढ़ाने के लिए आ अहसासे ग़मे हिज्र बढ़ाने के लिए आ इस बार मुझे छोड़ के जाने के लिए आ बेचैन तेरे वास्ते कब से हैं निगाहें आ दिल पे मेरे बर्क़ गिराने के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 269 Share Sarfaraz Ahmed Aasee 4 Nov 2021 · 1 min read दहशत कई ऐसे भिखारी हैं हमारे शहर में जो किसी देवता या भगवान् के नाम का सहारा नहीं लेते और मांगते हैं भीख दो चार नहीं हज़ार रुपये वो कमाते हैं... Hindi · कविता 193 Share Sarfaraz Ahmed Aasee 4 Nov 2021 · 1 min read सुगन्ध शर्म से लाल पड़ गया था डूबते हुए सूरज की तरह उसका चाँद सा हसीन सफ़ेद चेहरा जब मैंने चूम लिया था उसकी नर्मो-नाज़ुक गुदाज़ हथेली जिनमें बसी हुई थी... Hindi · कविता 387 Share Sarfaraz Ahmed Aasee 4 Nov 2021 · 1 min read समय की उत्पत्ति समय की उत्पत्ति ईश्वर के अस्तित्व से हुई है या ईश्वर की उत्पत्ति समय के अस्तित्व से सत्य चाहे जो भी हो पर है सर्वोपरि समय ही क्यों कि समय... Hindi · कविता 160 Share Sarfaraz Ahmed Aasee 4 Nov 2021 · 1 min read मरीचिका जीवन के पथ पर भागता रहता हूँ मैं सदैव अपनों से परायों से जिस्मों से सायों से धर्मों समुदायों से भागम-भाग के जीवन में कहाँ ठहराव है मैं नहीं जानता... Hindi · कविता 207 Share Sarfaraz Ahmed Aasee 4 Nov 2021 · 1 min read दौड़ कभी दौड़ा करता था मैं तितलियों के पीछे पीछे अब दौड़ रहा हूँ मैं शब्दों के पीछे पीछे यह शब्द ही जैसे तितलियों के पर रूप हैं और दौड़ना मेरे... Hindi · कविता 212 Share Sarfaraz Ahmed Aasee 4 Nov 2021 · 1 min read संविधान दाता गणतन्त्र दिवस की सुबह आज मैंने देखा है गलियों से गुज़रती हुई बच्चों की लम्बी- लम्बी कतारें हाथों में तिरंगा और चित्रपट लिए अलग अलग समूहों में राष्ट्रगान गाते हुए... Hindi · कविता 189 Share Sarfaraz Ahmed Aasee 4 Nov 2021 · 1 min read प्रदूषण संगे मरमर का गढ़ा प्रेम का प्रतीक मैं चन्द्रमाँ का बनके दर्पण एक महल के रूप में मुद्दतों से मैं खड़ा हूँ एक नदी के छोर पर सिसकियाँ भरता हुआ... Hindi · कविता 305 Share Sarfaraz Ahmed Aasee 4 Nov 2021 · 1 min read अवतार अवतार शब्द मात्र भ्रम के हैं नहीं होता कोई किसी का पर-रूप पर-आत्मा सबकी अपनी आत्मा है सबका अपना रूप। यदि सत्य है अवतरण की धारणा तो मैं ही हूँ... Hindi · कविता 225 Share Sarfaraz Ahmed Aasee 4 Nov 2021 · 1 min read दीप मैं हूँ एक दीप किसी आरती की थाल का प्रज्वलित हूँ कामना और वेदना की अग्नि से। कामना कि - आये कोई वीर मेरे सामने उसकी छाती में उतर कर... Hindi · कविता 246 Share Sarfaraz Ahmed Aasee 4 Nov 2021 · 1 min read अवरोधक मन चाहता है देखूं वह सैकडों वर्ष पुरानी देशी-स्वदेशी सलिल-अश्लील समस्त हस्त कलाएँ परन्तु रोक देती हैं मुझे मादक-उन्मादक नग्न और संभोगरत कामलिप्त मूर्तियां।। मैं नहीं गया कभी घूमने-घुमाने मन... Hindi · कविता 206 Share Sarfaraz Ahmed Aasee 4 Nov 2021 · 1 min read कवि रात्रि जागरण केवल उल्लूक ही नहीं करता कवि भी करता है वैचारिक मन्थन के लिए समाजिक चिन्तन के लिए। देखता है वह सारी रात अपने दूरदर्शी नेत्रों से रात की... Hindi · कविता 1 198 Share Sarfaraz Ahmed Aasee 4 Nov 2021 · 1 min read प्रेम नन्ही सी मासूम कली वह गुड़िया जैसी भोली भाली बात बात पर लड़ती मुझसे हंसती रोती शोर मचाती कभी झनककर दूर हो जाती कभी चहक कर पास वो आती छिना... Hindi · कविता 198 Share Sarfaraz Ahmed Aasee 4 Nov 2021 · 1 min read तुम अकड़ गयीं मेरी रीढ़ की सारी हड्डियां और तन गयीं हैं सारी नसें मेरी गर्दन कीं नहीं झुकता अब यह सर कहीं किसी के आगे मन्दिर, मस्जिद चर्च, गरुद्वारा सब... Hindi · कविता 201 Share Sarfaraz Ahmed Aasee 4 Nov 2021 · 1 min read विश्वास मैं निराश हो चुका हूँ अपनी कविताओं में छुपे भावों के भविष्य से जिनकी कल्पना वर्षों पहले की थी मैंने तुझे अपनाने की कल्पना तुझे बस पाने की कल्पना मेरी... Hindi · कविता 212 Share Sarfaraz Ahmed Aasee 4 Nov 2021 · 1 min read नास्तिक मेरे भीतर भी पनपने लगा है बीज निराशिता का और रहने लगा है मन निरन्तर मेरा निराश डरता हूँ कि मैं नास्तिक ना हो जाऊँ क्यों कि निराशिता ही जनक... Hindi · कविता 207 Share Sarfaraz Ahmed Aasee 4 Nov 2021 · 1 min read मेरा अतीत हूँ एक सूखी डाल मैं जब सोचूं बीती बात भर जाते हैं नयन अश्रु की होती है बरसात। कागा मुझ पर बना घौसला तितरिया के संग नितदिन करता बात बात... Hindi · कविता 415 Share Sarfaraz Ahmed Aasee 4 Nov 2021 · 1 min read मिथ्या एक अपाहिज पंख विहीन भूरा मच्छर मेरी अ-कविता की पुस्तक रक्त-रंग की अंतिम रचना रक्त-रस शीर्षक पर बैठा स्याही का रस चूस रहा था। चूस रहा था काले मोटे शब्दों... Hindi · कविता 191 Share Sarfaraz Ahmed Aasee 4 Nov 2021 · 1 min read चांद और माँ मैं क्षितिज की गोद में जब देखता हूँ आज भी अधजली रोटी की माफ़िक़ अर्ध पीला चन्द्रमा बेधती हैं आत्मा को चन्द्रमा के मध्य उभरीं काली भूरी अधकटी चित्र सी... Hindi · कविता 198 Share Sarfaraz Ahmed Aasee 4 Nov 2021 · 1 min read युग परिवर्तन हर्षित है मन मेरा देखकर नई सहस्त्राब्दी के आगमन की शोभा को युग परिवर्तन को चन्द्रमा और सूर्य को बंधक बनाने की मानव अभिलाषा की कोरी कल्पनाओं से।। हर्षित है... Hindi · कविता 404 Share Sarfaraz Ahmed Aasee 4 Nov 2021 · 1 min read सम आयु आयुएक धुंधले दर्पण की भांति मेरी यह बुझी बुझी सी बूढ़ी आँखें जिनमें झाँक कर तुम देखना चाहते हो अपना अतीत का चेहरा। वह चेहरा जो कभी किसी कालीन की... Hindi · कविता 188 Share Sarfaraz Ahmed Aasee 4 Nov 2021 · 1 min read समय चक्र मैं इस लिए बूढ़ा हो गया क्यों कि मैं धरती के साथ समय के अनुकूल चला अनुभव किया भूत और भविष्य को रात और दिन को परिवर्तित होती ऋतु सर्दी... Hindi · कविता 176 Share Sarfaraz Ahmed Aasee 4 Nov 2021 · 1 min read अधिपत्य अधिपत्यमेरा कोई अधिकार नहीं फिर भी चाहता हूँ मैं तुम पर सम्पूर्ण अधिपत्य। नहीं चाहता हूँ देखना तुम्हे किसी और की भुजाओं में क़ैद। मन द्वेष से भर उठता है... Hindi · कविता 482 Share Sarfaraz Ahmed Aasee 4 Nov 2021 · 1 min read दर्द उगते और डूबते सूर्य की भाँति लाल मेरी माँ की बूढ़ी आँखें विवश करती हैं मुझे बार बार अपने भीतर झाँकने के लिए यह जानने के लिए कि- कौन छुपा... Hindi · कविता 259 Share Sarfaraz Ahmed Aasee 4 Nov 2021 · 1 min read लज्जा लज्जाभागती जाती थी वह थक कर थम जाती थी वह एक निर्धन नव-यौवना। समेटती वह अपने तन के जीर्ण-शीर्ण वस्त्र को एक असहाय हिरणी सी भागती जाती थी वह। वस्त्र... Hindi · कविता 230 Share Sarfaraz Ahmed Aasee 4 Nov 2021 · 1 min read यादें तुम्हारी भयानक यादों कीं छोटी बड़ी छिपकलियां रेंगती रहती हैं दिन रात मेरे टूटे दिल की खुरदरी दीवारों पर कभी उल्टी कभी सीधी छत से ज़मीन तक चढ़ती और उतरती... Hindi · कविता 206 Share Page 1 Next