Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Nov 2021 · 1 min read

यादें

तुम्हारी भयानक यादों कीं
छोटी बड़ी छिपकलियां
रेंगती रहती हैं
दिन रात
मेरे टूटे दिल की
खुरदरी दीवारों पर
कभी उल्टी कभी सीधी
छत से ज़मीन तक
चढ़ती और उतरती हैं
अपने तेज़ और नुकीले नाखूनों के सहारे
कस के पकड़े हुए
मेरी नब्ज़ की चादर
अपलक साधे हुए निशाना
मेरे सुख और चैन पर
छलांग लगा देती हैं
और निगल जाती हैं
पतँगों की तरह
तुम्हारी भयानक यादों की
छोटी बड़ी छिपकलियां
****

सरफ़राज़ अहमद “आसी”

Language: Hindi
184 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
पीने -पिलाने की आदत तो डालो
पीने -पिलाने की आदत तो डालो
सिद्धार्थ गोरखपुरी
ଚୋରାଇ ଖାଇଲେ ମିଠା
ଚୋରାଇ ଖାଇଲେ ମିଠା
Bidyadhar Mantry
विचार और भाव-2
विचार और भाव-2
कवि रमेशराज
उन से कहना था
उन से कहना था
हिमांशु Kulshrestha
कीमत
कीमत
Paras Nath Jha
जिंदगी भी फूलों की तरह हैं।
जिंदगी भी फूलों की तरह हैं।
Neeraj Agarwal
शुरुआत जरूरी है
शुरुआत जरूरी है
Shyam Pandey
मोबाइल फोन
मोबाइल फोन
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
अल्प इस जीवन में
अल्प इस जीवन में
Dr fauzia Naseem shad
Three handfuls of rice
Three handfuls of rice
कार्तिक नितिन शर्मा
तुम्हारे दीदार की तमन्ना
तुम्हारे दीदार की तमन्ना
Anis Shah
"रंग"
Dr. Kishan tandon kranti
स्नेह का बंधन
स्नेह का बंधन
Dr.Priya Soni Khare
भारत सनातन का देश है।
भारत सनातन का देश है।
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
■ आज का दोहा
■ आज का दोहा
*प्रणय प्रभात*
So many of us are currently going through huge energetic shi
So many of us are currently going through huge energetic shi
पूर्वार्थ
दिव्यांग वीर सिपाही की व्यथा
दिव्यांग वीर सिपाही की व्यथा
लक्ष्मी सिंह
मैं बिल्कुल आम-सा बंदा हूँ...!!
मैं बिल्कुल आम-सा बंदा हूँ...!!
Ravi Betulwala
हदें
हदें
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
23/131.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/131.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
फागुन आया झूमकर, लगा सताने काम।
फागुन आया झूमकर, लगा सताने काम।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
बैगन के तरकारी
बैगन के तरकारी
Ranjeet Kumar
“जगत जननी: नारी”
“जगत जननी: नारी”
Swara Kumari arya
मी ठू ( मैं हूँ ना )
मी ठू ( मैं हूँ ना )
Mahender Singh
खुद को तलाशना और तराशना
खुद को तलाशना और तराशना
Manoj Mahato
आफ़ताब
आफ़ताब
Atul "Krishn"
नवरात्र में अम्बे मां
नवरात्र में अम्बे मां
Anamika Tiwari 'annpurna '
कत्ल खुलेआम
कत्ल खुलेआम
Diwakar Mahto
'हिंदी'
'हिंदी'
पंकज कुमार कर्ण
लौट चलें🙏🙏
लौट चलें🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
Loading...