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416 posts
पेड़ पौधे से लगाव
पेड़ पौधे से लगाव
शेखर सिंह
बढ़ती तपीस
बढ़ती तपीस
शेखर सिंह
झुकता आसमां
झुकता आसमां
शेखर सिंह
परत
परत
शेखर सिंह
मैं बनारस का बेटा हूँ मैं गुजरात का बेटा हूँ मैं गंगा का बेट
मैं बनारस का बेटा हूँ मैं गुजरात का बेटा हूँ मैं गंगा का बेट
शेखर सिंह
भारी पहाड़ सा बोझ कुछ हल्का हो जाए
भारी पहाड़ सा बोझ कुछ हल्का हो जाए
शेखर सिंह
किसने क्या खूबसूरत लिखा है
किसने क्या खूबसूरत लिखा है
शेखर सिंह
किसने क्या खूबसूरत लिखा है
किसने क्या खूबसूरत लिखा है
शेखर सिंह
फिल्म तो सती-प्रथा,
फिल्म तो सती-प्रथा,
शेखर सिंह
गलत लोग, गलत परिस्थितियां,और गलत अनुभव होना भी ज़रूरी है
गलत लोग, गलत परिस्थितियां,और गलत अनुभव होना भी ज़रूरी है
शेखर सिंह
-शेखर सिंह
-शेखर सिंह
शेखर सिंह
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शेखर सिंह
चैन से रहने का हमें
चैन से रहने का हमें
शेखर सिंह
देखिए प्रेम रह जाता है
देखिए प्रेम रह जाता है
शेखर सिंह
काश तुम कभी जोर से गले लगा कर कहो
काश तुम कभी जोर से गले लगा कर कहो
शेखर सिंह
भारत में सबसे बड़ा व्यापार धर्म का है
भारत में सबसे बड़ा व्यापार धर्म का है
शेखर सिंह
आप कभी 15% मनुवादी सोच को समझ ही नहीं पाए
आप कभी 15% मनुवादी सोच को समझ ही नहीं पाए
शेखर सिंह
आप क्या समझते है जनाब
आप क्या समझते है जनाब
शेखर सिंह
दिल से कह देना कभी किसी और की
दिल से कह देना कभी किसी और की
शेखर सिंह
बेवजह ख़्वाहिशों की इत्तिला मे गुज़र जाएगी,
बेवजह ख़्वाहिशों की इत्तिला मे गुज़र जाएगी,
शेखर सिंह
बता दिया करो मुझसे मेरी गलतिया!
बता दिया करो मुझसे मेरी गलतिया!
शेखर सिंह
जता दूँ तो अहसान लगता है छुपा लूँ तो गुमान लगता है.
जता दूँ तो अहसान लगता है छुपा लूँ तो गुमान लगता है.
शेखर सिंह
तेरा इश्क जब ख़ुशबू बनकर मेरी रूह में महकता है
तेरा इश्क जब ख़ुशबू बनकर मेरी रूह में महकता है
शेखर सिंह
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शेखर सिंह
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शेखर सिंह
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शेखर सिंह
-शेखर सिंह
-शेखर सिंह
शेखर सिंह
- शेखर सिंह
- शेखर सिंह
शेखर सिंह
अब तो इस राह से,वो शख़्स गुज़रता भी नहीं
अब तो इस राह से,वो शख़्स गुज़रता भी नहीं
शेखर सिंह
जिस देश मे पवन देवता है
जिस देश मे पवन देवता है
शेखर सिंह
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शेखर सिंह
-शेखर सिंह
-शेखर सिंह
शेखर सिंह
ध्यान एकत्र
ध्यान एकत्र
शेखर सिंह
एक पति पत्नी भी बिलकुल बीजेपी और कांग्रेस जैसे होते है
एक पति पत्नी भी बिलकुल बीजेपी और कांग्रेस जैसे होते है
शेखर सिंह
42 °C
42 °C
शेखर सिंह
अगर मुझे पढ़ सको तो पढना जरूर
अगर मुझे पढ़ सको तो पढना जरूर
शेखर सिंह
हाथों में डिग्री आँखों में निराशा,
हाथों में डिग्री आँखों में निराशा,
शेखर सिंह
आज कल पढ़ा लिखा युवा क्यों मौन है,
आज कल पढ़ा लिखा युवा क्यों मौन है,
शेखर सिंह
इस कदर आज के ज़माने में बढ़ गई है ये महगाई।
इस कदर आज के ज़माने में बढ़ गई है ये महगाई।
शेखर सिंह
मिल जाएँगे कई सिकंदर कलंदर इस ज़माने में मगर,
मिल जाएँगे कई सिकंदर कलंदर इस ज़माने में मगर,
शेखर सिंह
पिता वह व्यक्ति होता है
पिता वह व्यक्ति होता है
शेखर सिंह
पिता,वो बरगद है जिसकी हर डाली परबच्चों का झूला है
पिता,वो बरगद है जिसकी हर डाली परबच्चों का झूला है
शेखर सिंह
मां वो जो नौ माह कोख में रखती और पालती है।
मां वो जो नौ माह कोख में रखती और पालती है।
शेखर सिंह
“जो पानी छान कर पीते हैं,
“जो पानी छान कर पीते हैं,
शेखर सिंह
ज़ब जीवन मे सब कुछ सही चल रहा हो ना
ज़ब जीवन मे सब कुछ सही चल रहा हो ना
शेखर सिंह
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शेखर सिंह
वो राम को भी लाए हैं वो मृत्युं बूटी भी लाए थे,
वो राम को भी लाए हैं वो मृत्युं बूटी भी लाए थे,
शेखर सिंह
शेखर ✍️
शेखर ✍️
शेखर सिंह
शेखर ✍️
शेखर ✍️
शेखर सिंह
मंज़िलों से गुमराह भी कर देते हैं कुछ लोग.!
मंज़िलों से गुमराह भी कर देते हैं कुछ लोग.!
शेखर सिंह
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