चंद आंसूओं से भी रौशन होती हैं ये सारी जमीं,
तंग अंग देख कर मन मलंग हो गया
कर्मठता के पर्याय : श्री शिव हरि गर्ग
जिस प्रकार प्रथ्वी का एक अंश अँधेरे में रहकर आँखें मूँदे हुए
कुछ रातों के घने अँधेरे, सुबह से कहाँ मिल पाते हैं।
बीड़ी की बास
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
ये मन तुझसे गुजारिश है, मत कर किसी को याद इतना
**** फागुन के दिन आ गईल ****
आप वो नहीं है जो आप खुद को समझते है बल्कि आप वही जो दुनिया आ
'समय की सीख'
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
विषय:- विजयी इतिहास हमारा। विधा:- गीत(छंद मुक्त)
की है निगाहे - नाज़ ने दिल पे हया की चोट
"ऊँची ऊँची परवाज़ - Flying High"
लोग कहते हैं कि प्यार अँधा होता है।
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी