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11 May 2024 · 1 min read

चंद आंसूओं से भी रौशन होती हैं ये सारी जमीं,

चंद आंसूओं से भी रौशन होती हैं ये सारी जमीं,
कौन कहता है अंधेरों को बस चराग ही रौशन करते हैं

©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”

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