जिस प्रकार प्रथ्वी का एक अंश अँधेरे में रहकर आँखें मूँदे हुए
जिस प्रकार प्रथ्वी का एक अंश अँधेरे में रहकर आँखें मूँदे हुए दुस्वप्न देखते हुए भी सूर्योदय होने पर जागने की आशा रखता है उसी प्रकार हमें भी किसी बूरे स्थिती में अच्छे वक्त के आने की ईश्वर के समक्ष सिफारिश करनी चाहिए।