ऐसे न देख पगली प्यार हो जायेगा ..
हब्स के बढ़ते हीं बारिश की दुआ माँगते हैं
సంస్థ అంటే సేవ
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
संभव की हदें जानने के लिए
जिसने हर दर्द में मुस्कुराना सीख लिया उस ने जिंदगी को जीना स
तुम्हारी खूब़सूरती क़ी दिन रात तारीफ क़रता हूं मैं....
चांद सितारे टांके हमने देश की तस्वीर में।
पुरुष को एक ऐसी प्रेमिका की चाह होती है!
उसके पलकों पे न जाने क्या जादू हुआ,
*चरण पादुका भरत उठाए (कुछ चौपाइयॉं)*
छीना झपटी के इस युग में,अपना स्तर स्वयं निर्धारित करें और आत
दादा का लगाया नींबू पेड़ / Musafir Baitha
आनंद जीवन को सुखद बनाता है
क्या अजब दौर है आजकल चल रहा