Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Jan 2024 · 1 min read

2895.*पूर्णिका*

2895.*पूर्णिका*
🌷 अपना बनाया तुझे🌷
2212 212
अपना बनाया तुझे।
दिल से लगाया तुझे।।
खुशियाँ मिलेगी यहाँ ।
अवगत कराया तुझे।।
बस प्यार की हरकतें ।
कितना रटाया तुझे।।
छूटे न दामन यूं कभी।
सपना दिखाया तुझे।।
बलिदान खेदू यहाँ ।
समर्पण सिखाया तुझे।।
……..✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
05-01-2024शुक्रवार

80 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ज़िंदगी नही॔ होती
ज़िंदगी नही॔ होती
Dr fauzia Naseem shad
यह आखिरी खत है हमारा
यह आखिरी खत है हमारा
gurudeenverma198
एक सपना
एक सपना
Punam Pande
किसी भी चीज़ की आशा में गवाँ मत आज को देना
किसी भी चीज़ की आशा में गवाँ मत आज को देना
आर.एस. 'प्रीतम'
समान आचार संहिता
समान आचार संहिता
Bodhisatva kastooriya
प्रार्थना
प्रार्थना
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
तुम्हारा चश्मा
तुम्हारा चश्मा
Dr. Seema Varma
■ सामयिक सवाल...
■ सामयिक सवाल...
*Author प्रणय प्रभात*
धमकी तुमने दे डाली
धमकी तुमने दे डाली
Shravan singh
मन से उतरे लोग दाग धब्बों की तरह होते हैं
मन से उतरे लोग दाग धब्बों की तरह होते हैं
ruby kumari
ग़ज़ल
ग़ज़ल
SURYA PRAKASH SHARMA
सत्यम शिवम सुंदरम
सत्यम शिवम सुंदरम
Harminder Kaur
*मजदूर*
*मजदूर*
Shashi kala vyas
।। श्री सत्यनारायण कथा द्वितीय अध्याय।।
।। श्री सत्यनारायण कथा द्वितीय अध्याय।।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मन ही मन में मुस्कुराता कौन है।
मन ही मन में मुस्कुराता कौन है।
surenderpal vaidya
समझ ना आया
समझ ना आया
Dinesh Kumar Gangwar
कैसा होगा कंटेंट सिनेमा के दौर में मसाला फिल्मों का भविष्य?
कैसा होगा कंटेंट सिनेमा के दौर में मसाला फिल्मों का भविष्य?
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
उठो, जागो, बढ़े चलो बंधु...( स्वामी विवेकानंद की जयंती पर उनके दिए गए उत्प्रेरक मंत्र से प्रेरित होकर लिखा गया मेरा स्वरचित गीत)
उठो, जागो, बढ़े चलो बंधु...( स्वामी विवेकानंद की जयंती पर उनके दिए गए उत्प्रेरक मंत्र से प्रेरित होकर लिखा गया मेरा स्वरचित गीत)
डॉ.सीमा अग्रवाल
सृष्टि भी स्त्री है
सृष्टि भी स्त्री है
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
"अगर"
Dr. Kishan tandon kranti
दो अपरिचित आत्माओं का मिलन
दो अपरिचित आत्माओं का मिलन
Shweta Soni
*चार साल की उम्र हमारी ( बाल-कविता/बाल गीतिका )*
*चार साल की उम्र हमारी ( बाल-कविता/बाल गीतिका )*
Ravi Prakash
वो एक विभा..
वो एक विभा..
Parvat Singh Rajput
2627.पूर्णिका
2627.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
किसी से प्यार, हमने भी किया था थोड़ा - थोड़ा
किसी से प्यार, हमने भी किया था थोड़ा - थोड़ा
The_dk_poetry
💐प्रेम कौतुक-209💐
💐प्रेम कौतुक-209💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
"प्रीत की डोर”
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
वक्त के दामन से दो पल चुरा के दिखा
वक्त के दामन से दो पल चुरा के दिखा
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
फागुन में.....
फागुन में.....
Awadhesh Kumar Singh
हमें याद आता  है वह मंज़र  जब हम पत्राचार करते थे ! कभी 'पोस्
हमें याद आता है वह मंज़र जब हम पत्राचार करते थे ! कभी 'पोस्
DrLakshman Jha Parimal
Loading...