यह आखिरी खत है हमारा
यह आखिरी खत है हमारा, अब नहीं लिखेंगे तुमको खत।
तुमने दिया ही क्या है हमें , कि हम करें तुमको मोहब्बत।।
यह आखिरी खत है हमारा———————।।
हमने हमेशा कोशिश की, तुमको खुश रखने को हमेशा।
मिली बददुहायें बदले में, किया नाराज हमको हमेशा।।
लगा दिये हमपे इल्जाम बहुत, ऐसी की हमारी फजीहत।
यह आखिरी खत है हमारा———————।।
हमको खिलौना तुमने समझकर, खेला हमसे जीभरकै।
कर लिया आबाद खुद को, बर्बाद हमको तुमने करकै।।
तुमको पवित्र माने कैसे,बेच दी तुमने शर्मो- इज्जत।
यह आखिरी खत है हमारा———————।।
तुमको है चाह दौलत की, यह सब मिल जायेगा तुम्हें।
होगा दीवाना तेरे हुस्न का वो, कभी सुख नहीं देगा तुम्हें।।
होगी अगर बर्बादी तेरी, आँसू नहीं बहायेंगे हम उस वक़्त।
यह आखिरी खत है हमारा——————–।।
हमसे ज्यादा यहाँ कौन तुमको, अच्छी तरह समझेगा।
जो अपने दिल के लहू से, गुलशन तेरा यह सींचेगा।।
लिख रहे हैं हम अंत में अब,तेरी नहीं हमको जरूरत।
यह आखिरी खत है हमारा——————–।।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)