Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Feb 2024 · 1 min read

समय की कविता

समय ही है, जो भुला देता है हर जख्म को
समय ही है, जो बुला लेता है हर जख्म को
कहीं ऐसा ना हो
कि तुम ही भूल जाओ समय को।

समय को कभी मत करना अनदेखा
वरना समय लेगा तुम्हारा मज़ा
मत करना बेइज्जती समय की
वरना तुम्हें रोना पड़ेगा ।।

Language: Hindi
Tag: Time
69 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
वृक्षारोपण का अर्थ केवल पौधे को रोपित करना ही नहीं बल्कि उसक
वृक्षारोपण का अर्थ केवल पौधे को रोपित करना ही नहीं बल्कि उसक
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
यादो की चिलमन
यादो की चिलमन
Sandeep Pande
शुभ रक्षाबंधन
शुभ रक्षाबंधन
डॉ.सीमा अग्रवाल
आजा माँ आजा
आजा माँ आजा
Basant Bhagawan Roy
यह तो होता है दौर जिंदगी का
यह तो होता है दौर जिंदगी का
gurudeenverma198
जीवन भर मरते रहे, जो बस्ती के नाम।
जीवन भर मरते रहे, जो बस्ती के नाम।
Suryakant Dwivedi
अनसोई कविता...........
अनसोई कविता...........
sushil sarna
तुम्हीं  से  मेरी   जिंदगानी  रहेगी।
तुम्हीं से मेरी जिंदगानी रहेगी।
Rituraj shivem verma
इंसानो की इस भीड़ में
इंसानो की इस भीड़ में
Dr fauzia Naseem shad
होली की आयी बहार।
होली की आयी बहार।
Anil Mishra Prahari
मैं तुम और हम
मैं तुम और हम
Ashwani Kumar Jaiswal
जीने की वजह हो तुम
जीने की वजह हो तुम
Surya Barman
घर वापसी
घर वापसी
Aman Sinha
'बेटी बचाओ-बेटी पढाओ'
'बेटी बचाओ-बेटी पढाओ'
Bodhisatva kastooriya
किसी के साथ सोना और किसी का होना दोनों में ज़मीन आसमान का फर
किसी के साथ सोना और किसी का होना दोनों में ज़मीन आसमान का फर
Rj Anand Prajapati
"बहुत दिनों से"
Dr. Kishan tandon kranti
मौसम  सुंदर   पावन  है, इस सावन का अब क्या कहना।
मौसम सुंदर पावन है, इस सावन का अब क्या कहना।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
हर खुशी को नजर लग गई है।
हर खुशी को नजर लग गई है।
Taj Mohammad
*शादी से है जिंदगी, शादी से घर-द्वार (कुंडलिया)*
*शादी से है जिंदगी, शादी से घर-द्वार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
* सिला प्यार का *
* सिला प्यार का *
surenderpal vaidya
- फुर्सत -
- फुर्सत -
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
🍁अंहकार🍁
🍁अंहकार🍁
Dr. Vaishali Verma
हम कितने आजाद
हम कितने आजाद
लक्ष्मी सिंह
क्यों ज़रूरी है स्कूटी !
क्यों ज़रूरी है स्कूटी !
Rakesh Bahanwal
यहाँ श्रीराम लक्ष्मण को, कभी दशरथ खिलाते थे।
यहाँ श्रीराम लक्ष्मण को, कभी दशरथ खिलाते थे।
जगदीश शर्मा सहज
फितरत
फितरत
Kanchan Khanna
"उल्फ़त के लिबासों में, जो है वो अदावत है।
*Author प्रणय प्रभात*
मन से हरो दर्प औ अभिमान
मन से हरो दर्प औ अभिमान
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
चंद्रयान
चंद्रयान
Mukesh Kumar Sonkar
शादी कुँवारे से हो या शादीशुदा से,
शादी कुँवारे से हो या शादीशुदा से,
Dr. Man Mohan Krishna
Loading...