Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Mar 2024 · 2 min read

घर वापसी

आज का दिन है बड़ा सुहाना, फ़िज़ा में खुशियां फैली है
आओ मिलकर ख़ुशी मनाए, घाटी ने बाहें खोली है

सत्तर साल से जिन पैरों को, जंजीरों ने जकड़ा था
घाटी के दामन को अबतक, जिन धाराओं ने पकड़ा था

ख़त्म हुआ अनुच्छेद आज वो, अब तुम खुलकर साँसे लो
कदम बढ़ाओ तुम भी आगे, इस राष्ट्र पुरुष के संग हो लो

शायद थोड़ी देर हुई है, ये पहले ही हो जाना था
भारत माँ को ये धरोहर, अब तक मिल ही जाना था

घाटी केवल स्थान नहीं है, भारत माँ का सम्मान है
मुकुट शीष का सदा रहा है , ये देश का अभिमान है

बहुत सहा है अब तक तुमने, जाने कितने दुःख पाए है
तेरी सीमा के रक्षा में अबतक, कितनों ने प्राण गवाएं है

आतंकवाद के दाग को तुमने, बड़े दिनों तक झेला है
धूल जाएंगे दाग ये सारे, बस चार दिन का खेला है

अभी तलक जो दबी हुई थी, वो सब इच्छा पूरी होगी
दिल्ली से अब कश्मीर की, बे शर्त तय दूरी होगी

फांस जो दिल में लगी हुई थी, दिल को जो दुखलाती थी
कश्मीर के बिछडो को अबतक,जो हर पल बड़ा रुलाती थी

ख़त्म वो सारी बंदिश है अब, डर की कोई बात नहीं
ये तो एक नई सुबह है, लम्बी काली रात नहीं

शत्रु की कोई बुरी नज़र, अब तुझ पर ना पड़ने देंगे
आँख उठाई अगर किसी ने, धर से शीष अलग कर देंगे

अब कोई बर्बाद ना होगा, ना अपना घर कोई खोएगा
नए नस्ल की बिज़ यहाँ पर, अब हर काश्मिरी बोएगा

जो खुद घर को लौट ना पाए, वो बच्चों को बतलाएंगे
सफर शुरू बस आज हुआ है, हम लौट के घर को जाएंगे

35 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अपनी हिंदी
अपनी हिंदी
Dr.Priya Soni Khare
संवेदना का कवि
संवेदना का कवि
Shweta Soni
मैयत
मैयत
शायर देव मेहरानियां
मेरी फितरत है, तुम्हें सजाने की
मेरी फितरत है, तुम्हें सजाने की
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
"सफलता की चाह"
Dr. Kishan tandon kranti
शहनाई की सिसकियां
शहनाई की सिसकियां
Shekhar Chandra Mitra
ले चल मुझे उस पार
ले चल मुझे उस पार
Satish Srijan
हिटलर ने भी माना सुभाष को महान
हिटलर ने भी माना सुभाष को महान
कवि रमेशराज
चाहत नहीं और इसके सिवा, इस घर में हमेशा प्यार रहे
चाहत नहीं और इसके सिवा, इस घर में हमेशा प्यार रहे
gurudeenverma198
छोड़ने वाले तो एक क्षण में छोड़ जाते हैं।
छोड़ने वाले तो एक क्षण में छोड़ जाते हैं।
लक्ष्मी सिंह
#तेवरी / #त्यौहार_गए
#तेवरी / #त्यौहार_गए
*Author प्रणय प्रभात*
💐प्रेम कौतुक-266💐
💐प्रेम कौतुक-266💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
स्वस्थ्य मस्तिष्क में अच्छे विचारों की पूॅजी संकलित रहती है
स्वस्थ्य मस्तिष्क में अच्छे विचारों की पूॅजी संकलित रहती है
Tarun Singh Pawar
भारत
भारत
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
यूँ ही नही लुभाता,
यूँ ही नही लुभाता,
हिमांशु Kulshrestha
शाश्वत प्रेम
शाश्वत प्रेम
Bodhisatva kastooriya
अटूट सत्य - आत्मा की व्यथा
अटूट सत्य - आत्मा की व्यथा
Sumita Mundhra
अंगारों को हवा देते हैं. . .
अंगारों को हवा देते हैं. . .
sushil sarna
राष्ट्रभाषा
राष्ट्रभाषा
Prakash Chandra
Love Is The Reason Behind
Love Is The Reason Behind
Manisha Manjari
मेरा यार
मेरा यार
rkchaudhary2012
*जीवन का आधार है बेटी,
*जीवन का आधार है बेटी,
Shashi kala vyas
सब्र रखो सच्च है क्या तुम जान जाओगे
सब्र रखो सच्च है क्या तुम जान जाओगे
VINOD CHAUHAN
गौरवमय पल....
गौरवमय पल....
डॉ.सीमा अग्रवाल
धर्म की खिचड़ी
धर्म की खिचड़ी
विनोद सिल्ला
सच हमारे जीवन के नक्षत्र होते हैं।
सच हमारे जीवन के नक्षत्र होते हैं।
Neeraj Agarwal
अपने आसपास
अपने आसपास "काम करने" वालों की कद्र करना सीखें...
Radhakishan R. Mundhra
अब गूंजेगे मोहब्बत के तराने
अब गूंजेगे मोहब्बत के तराने
Surinder blackpen
श्री रमेश जैन द्वारा
श्री रमेश जैन द्वारा "कहते रवि कविराय" कुंडलिया संग्रह की सराहना : मेरा सौभाग्य
Ravi Prakash
क्या होगा लिखने
क्या होगा लिखने
Suryakant Dwivedi
Loading...