Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Nov 2021 · 3 min read

श्री रमेश जैन द्वारा “कहते रवि कविराय” कुंडलिया संग्रह की सराहना : मेरा सौभाग्य

श्री रमेश जैन द्वारा “कहते रवि कविराय” कुंडलिया संग्रह की सराहना : मेरा सौभाग्य
■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■
अग्रणी सामाजिक कार्यकर्ता श्री रमेश जैन आज दिनांक 20 नवंबर 2021 को मेरी पुस्तक कहते रवि कविराय पर कुछ टिप्पणियों के साथ मेरी दुकान पर पधारे। आपने बताया कि कल ही 19 नवंबर को आपके द्वारा समस्त 260 कुंडलियों को पढ़ने का कार्य पूरा हुआ है । पुस्तक के अंत में आपने जो – जो कुंडलियाँ आपको विशेष रुचिकर लगीं, उनका कुंडलिया संख्या तथा पृष्ठ संख्या अंकित करते हुए उल्लेख किया हुआ था । पुस्तक पर 19 नवंबर 2021 की तिथि भी अंकित थी ।
कुंडलिया संख्या 223 आया फागुन आपको अत्यधिक पसंद आई । आपने उस पर अति सुंदर (वेरी गुड) अंकित किया हुआ था । आया फागुन शीर्षक से कुंडलिया इस प्रकार है :

आया फागुन स्वागतम ,अभिनंदन ऋतुराज
अंतरिक्ष से आ रही ,बंसी की आवाज
बंसी की आवाज ,साँस में मस्ती छाती
गई शीत की रात ,पवन चलती मुस्काती
कहते रवि कविराय ,गीत पेड़ों ने गाया
फूलों का मकरंद ,चूसने भौंरा आया

रमेश कुमार जैन साहब से मिली सराहना वास्तव में बहुत मूल्यवान है ।आप खरी-खरी कहने के लिए प्रसिद्ध हैं। आप से प्रशंसा तभी मिलती है ,जब आपको कोई वस्तु या कार्य प्रशंसा के योग्य जान पड़ता है। प्रसंग वश आपने जानकारी दी कि सब प्रकार के फूलों पर भौंरा मँडराता है लेकिन चंपा के फूल पर नहीं आता । जबकि चंपा का फूल जब खिलता है तो सबसे ज्यादा खुशबू फैलती है ।
हरसिंगार के फूलों को आपने बताया कि नजदीक से मैंने पेड़ों से झड़ते हुए देखा है ।यह वर्ष में कुछ खास अवधि में ही खिलते और झड़ते हैं । इसी तरह से सेमल का फूल है जिसकी लालिमा से एक प्रकार से शिवजी का अभिषेक होता है । एक फल संभवतः अलूचे का आपने नाम लिया था जिसका फूल इतना सुंदर होता है कि अगर उसे कुछ सेकेंड के लिए भी टकटकी लगाकर देख लिया जाए तो नेत्रों की ज्योति बढ़ जाती है । मुझे याद आता है आपने कुछ समय पूर्व एक संस्मरण भी सुनाया था कि किस प्रकार पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर के द्वार पर आपने एक पेड़ देखा और उस पर जो कविता लिखी ,उस कविता के रचयिता की तलाश में वाइस चांसलर महोदय रामपुर में आप का पता ढूंढते रहे थे ।
बातचीत के मध्य आपने उल्लेख किया लोक अदालत में न्याय के आसन पर बैठकर लगभग 10 – 15 वर्ष तक सिविल मामलों के विवादों का फैसला करवाने में अपनी भूमिका का । आपने कहा कि तलाक करवाना कभी भी आपका ध्येय नहीं रहा। आप पति-पत्नी के विवादों को परस्पर सामंजस्य के साथ निपटाने के लिए प्रयत्नशील रहते थे ।आपने अनेक मुकदमे आपसी समझौते के आधार पर सुलह की ओर अग्रसर किए और परिवार बिखरने से बच गये।
एक मामले का उल्लेख करते हुए आपने बताया कि पति विवाह के पश्चात अपनी पत्नी को भेंट में जब कुछ न दे सका, तो इसी बात पर विवाद शुरू हो गया। बढ़ता गया । आपने पूछा कि सोने की वह उपहार की वस्तु कितने रुपए में आएगी ? लड़की ने कहा दो हजार में आ जाएगी । आपने अपनी जेब से दो हजार रुपए निकालकर उस लड़की को दे दिए । मामला चुटकियों में सुलझ गया । यद्यपि लड़की का पिता खुश नहीं था । आपने यह अनुभव किया है कि अनेक बार माता-पिता की दखलंदाजी से पति-पत्नी का दांपत्य जीवन बिखर जाता है। कई बार माता-पिता का लड़की को अपने साथ रखने में स्वार्थ होता है । विवाद का कारण कुछ भी हो ,आप की भूमिका मामले को खुशनुमा तरीके से निपटाने की रही ।
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल डॉ. चेन्ना रेड्डी से आपकी अच्छी मुलाकात रहती थी। आपके कथनानुसार तीन महीने में या तो चेन्ना रेड्डी साहब आपसे मिलने आ जाते थे या फिर लखनऊ राजभवन में आपको बुला लेते थे । यह निश्चल आत्मीयता से भरा संबंध था । आपने कभी भी अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए डॉक्टर चेन्ना रेड्डी से कुछ नहीं माँगा ।
सचमुच आप विचारों और कार्यों की दृष्टि से एक दिव्य चेतना से ओतप्रोत फकीर हैं । पुनः काव्य संग्रह की सराहना के लिए आपका हृदय से आभार ।।

1 Like · 327 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
स्पर्श
स्पर्श
Ajay Mishra
One day you will leave me alone.
One day you will leave me alone.
Sakshi Tripathi
मुद्दा
मुद्दा
Paras Mishra
इंद्रवती
इंद्रवती
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
राजनीतिक यात्रा फैशन में है, इमेज बिल्डिंग और फाइव स्टार सुव
राजनीतिक यात्रा फैशन में है, इमेज बिल्डिंग और फाइव स्टार सुव
Sanjay ' शून्य'
प्रेम निभाना
प्रेम निभाना
लक्ष्मी सिंह
फूल खिलते जा रहे
फूल खिलते जा रहे
surenderpal vaidya
माचिस
माचिस
जय लगन कुमार हैप्पी
■ मनोरोग का क्या उपचार...?
■ मनोरोग का क्या उपचार...?
*Author प्रणय प्रभात*
भीड़ पहचान छीन लेती है
भीड़ पहचान छीन लेती है
Dr fauzia Naseem shad
ਰਿਸ਼ਤਿਆਂ ਦੀਆਂ ਤਿਜਾਰਤਾਂ
ਰਿਸ਼ਤਿਆਂ ਦੀਆਂ ਤਿਜਾਰਤਾਂ
Surinder blackpen
हर ख्याल से तुम खुबसूरत हो
हर ख्याल से तुम खुबसूरत हो
Swami Ganganiya
तुम हो मेरे लिए जिंदगी की तरह
तुम हो मेरे लिए जिंदगी की तरह
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
आप अपनी DP खाली कर सकते हैं
आप अपनी DP खाली कर सकते हैं
ruby kumari
तुम जीवो हजारों साल मेरी गुड़िया
तुम जीवो हजारों साल मेरी गुड़िया
gurudeenverma198
*भरे मुख लोभ से जिनके, भला क्या सत्य बोलेंगे (मुक्तक)*
*भरे मुख लोभ से जिनके, भला क्या सत्य बोलेंगे (मुक्तक)*
Ravi Prakash
उर्दू
उर्दू
Shekhar Chandra Mitra
अनुसंधान
अनुसंधान
AJAY AMITABH SUMAN
घर के राजदुलारे युवा।
घर के राजदुलारे युवा।
Kuldeep mishra (KD)
भाई बहन का प्रेम
भाई बहन का प्रेम
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
विश्वास की मंजिल
विश्वास की मंजिल
Buddha Prakash
कोरोना का आतंक
कोरोना का आतंक
Dr. Pradeep Kumar Sharma
इरादे नहीं पाक,
इरादे नहीं पाक,
Satish Srijan
कलाकार
कलाकार
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
सावन के झूलें कहे, मन है बड़ा उदास ।
सावन के झूलें कहे, मन है बड़ा उदास ।
रेखा कापसे
2740. *पूर्णिका*
2740. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जुल्फें तुम्हारी फ़िर से सवारना चाहता हूँ
जुल्फें तुम्हारी फ़िर से सवारना चाहता हूँ
The_dk_poetry
शहर बसते गए,,,
शहर बसते गए,,,
पूर्वार्थ
घाव
घाव
अखिलेश 'अखिल'
पत्ते बिखरे, टूटी डाली
पत्ते बिखरे, टूटी डाली
Arvind trivedi
Loading...