Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Jun 2023 · 1 min read

अपने आसपास “काम करने” वालों की कद्र करना सीखें…

अपने आसपास “काम करने” वालों की कद्र करना सीखें…
ना कि “कान भरने” वालों की…

1 Like · 417 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तुमसे इश्क करके हमने
तुमसे इश्क करके हमने
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
एक तूही ममतामई
एक तूही ममतामई
Basant Bhagawan Roy
देश से दौलत व शुहरत देश से हर शान है।
देश से दौलत व शुहरत देश से हर शान है।
सत्य कुमार प्रेमी
ख्वाब सस्ते में निपट जाते हैं
ख्वाब सस्ते में निपट जाते हैं
सिद्धार्थ गोरखपुरी
आज कल रिश्ते भी प्राइवेट जॉब जैसे हो गये है अच्छा ऑफर मिलते
आज कल रिश्ते भी प्राइवेट जॉब जैसे हो गये है अच्छा ऑफर मिलते
Rituraj shivem verma
"आत्मावलोकन"
Dr. Kishan tandon kranti
इस सियासत का ज्ञान कैसा है,
इस सियासत का ज्ञान कैसा है,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
* मुक्तक *
* मुक्तक *
surenderpal vaidya
यादों के सहारे कट जाती है जिन्दगी,
यादों के सहारे कट जाती है जिन्दगी,
Ram Krishan Rastogi
घिरी घटा घन साँवरी, हुई दिवस में रैन।
घिरी घटा घन साँवरी, हुई दिवस में रैन।
डॉ.सीमा अग्रवाल
यादों के बादल
यादों के बादल
singh kunwar sarvendra vikram
कोई दौलत पे, कोई शौहरत पे मर गए
कोई दौलत पे, कोई शौहरत पे मर गए
The_dk_poetry
ओ! महानगर
ओ! महानगर
Punam Pande
बाल कविता: लाल भारती माँ के हैं हम
बाल कविता: लाल भारती माँ के हैं हम
नाथ सोनांचली
जीवन के रंग
जीवन के रंग
Dr. Pradeep Kumar Sharma
रिश्ते सम्भालन् राखियो, रिश्तें काँची डोर समान।
रिश्ते सम्भालन् राखियो, रिश्तें काँची डोर समान।
Anil chobisa
■ विडम्बना
■ विडम्बना
*Author प्रणय प्रभात*
प्रकृति
प्रकृति
Sûrëkhâ Rãthí
यही पाँच हैं वावेल (Vowel) प्यारे
यही पाँच हैं वावेल (Vowel) प्यारे
Jatashankar Prajapati
ऐसे हैं हम तो, और सच भी यही है
ऐसे हैं हम तो, और सच भी यही है
gurudeenverma198
*वंदे मातरम् (मुक्तक)*
*वंदे मातरम् (मुक्तक)*
Ravi Prakash
वो जहां
वो जहां
हिमांशु Kulshrestha
वक़्त के साथ वो
वक़्त के साथ वो
Dr fauzia Naseem shad
(1) मैं जिन्दगी हूँ !
(1) मैं जिन्दगी हूँ !
Kishore Nigam
शब्द
शब्द
Ajay Mishra
🙏 *गुरु चरणों की धूल*🙏
🙏 *गुरु चरणों की धूल*🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
जाने कहां गई वो बातें
जाने कहां गई वो बातें
Suryakant Dwivedi
चार कंधों पर मैं जब, वे जान जा रहा था
चार कंधों पर मैं जब, वे जान जा रहा था
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
💐अज्ञात के प्रति-146💐
💐अज्ञात के प्रति-146💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
तेरी हर ख़ुशी पहले, मेरे गम उसके बाद रहे,
तेरी हर ख़ुशी पहले, मेरे गम उसके बाद रहे,
डी. के. निवातिया
Loading...