इस सियासत का ज्ञान कैसा है,
इस सियासत का ज्ञान कैसा है,
हर कोई हाथ में इतिहास पकड़े बैठा है ।
राहों में गड्ढे खुद रहे हैं इतने ज्यादा,
फिर भी हर कोई कब्रिस्तान खोदने बैठा है.।।
इस सियासत का ज्ञान कैसा है,
हर कोई हाथ में इतिहास पकड़े बैठा है ।
राहों में गड्ढे खुद रहे हैं इतने ज्यादा,
फिर भी हर कोई कब्रिस्तान खोदने बैठा है.।।