Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Feb 2024 · 1 min read

सब्र रखो सच्च है क्या तुम जान जाओगे

सब्र रखो सच्च है क्या तुम जान जाओगे
मैं जो कहता हूॅ॑ खुदा कसम मान जाओगे
ये जिंदगी है तुम्हारी सुनो एक अबुझ पहेली
आसान दिखती है मगर नहीं आसान पाओगे—सब्र.
न तेरा दिल होगा न जिस्म सब ये राख होगी
तूॅ॑ जिस सूरत पे इतराता है वो भी खाक होगी
वक्त गुजरने दो ना खुद को हीं पहचान पाओगे—सब्र
ये जागीर ये दौलत कौन कहाॅ॑ पर ले जाएगा
तूॅ॑ खाली हाथ आया यूॅ॑ ही खाली हाथ जाएगा
जिस दिन जाओगे श्मशान खुद ही मान जाओगे–सब्र
ये रिश्तों की डोर है जो बहुत भरमाएगी
तूॅ॑ जिसे मोहब्बत समझता ना साथ जाएगी
बेनाम आए थे जमाने में और गुमनाम जाओगे—सब्र
‘V9द’ बातें जमाने की तुमको रूलाएंगी
कुछ तो मिठी यादें रख जो जख्म सहलाएंगी
खुद में जीना सीख लोगे तो ही खुदा को पाओगे–सब्र

2 Likes · 68 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from VINOD CHAUHAN
View all
You may also like:
मरा नहीं हूं इसीलिए अभी भी जिंदा हूं ,
मरा नहीं हूं इसीलिए अभी भी जिंदा हूं ,
Manju sagar
प्रेम पीड़ा
प्रेम पीड़ा
Shivkumar barman
हिन्दी दोहा
हिन्दी दोहा "प्रहार"
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
एक अजीब सी आग लगी है जिंदगी में,
एक अजीब सी आग लगी है जिंदगी में,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
“सुरक्षा में चूक” (संस्मरण-फौजी दर्पण)
“सुरक्षा में चूक” (संस्मरण-फौजी दर्पण)
DrLakshman Jha Parimal
जन्म मरण न जीवन है।
जन्म मरण न जीवन है।
Rj Anand Prajapati
गुलाबी शहतूत से होंठ
गुलाबी शहतूत से होंठ
हिमांशु Kulshrestha
** मुक्तक **
** मुक्तक **
surenderpal vaidya
स्कूल चलो
स्कूल चलो
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मुस्किले, तकलीफे, परेशानियां कुछ और थी
मुस्किले, तकलीफे, परेशानियां कुछ और थी
Kumar lalit
एक नज़्म - बे - क़ायदा
एक नज़्म - बे - क़ायदा
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मेरा प्यार तुझको अपनाना पड़ेगा
मेरा प्यार तुझको अपनाना पड़ेगा
gurudeenverma198
मुझको मेरी लत लगी है!!!
मुझको मेरी लत लगी है!!!
सिद्धार्थ गोरखपुरी
शब्द क्यूं गहे गए
शब्द क्यूं गहे गए
Shweta Soni
वो मेरे दिल के एहसास अब समझता नहीं है।
वो मेरे दिल के एहसास अब समझता नहीं है।
Faiza Tasleem
*बाल गीत (मेरा सहपाठी )*
*बाल गीत (मेरा सहपाठी )*
Rituraj shivem verma
मेरी नज़रों में इंतिख़ाब है तू।
मेरी नज़रों में इंतिख़ाब है तू।
Neelam Sharma
लोग गाली देते हैं,👇👇👇👇👇
लोग गाली देते हैं,👇👇👇👇👇
SPK Sachin Lodhi
सुख दुख जीवन के चक्र हैं
सुख दुख जीवन के चक्र हैं
ruby kumari
“मां बनी मम्मी”
“मां बनी मम्मी”
पंकज कुमार कर्ण
सम्बंध बराबर या फिर
सम्बंध बराबर या फिर
*Author प्रणय प्रभात*
बड़ी कथाएँ ( लघुकथा संग्रह) समीक्षा
बड़ी कथाएँ ( लघुकथा संग्रह) समीक्षा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
पिछले पन्ने 4
पिछले पन्ने 4
Paras Nath Jha
प्रेम
प्रेम
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
जिन्हें नशा था
जिन्हें नशा था
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*डंका बजता योग का, दुनिया हुई निहाल (कुंडलिया)*
*डंका बजता योग का, दुनिया हुई निहाल (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
विरहणी के मुख से कुछ मुक्तक
विरहणी के मुख से कुछ मुक्तक
Ram Krishan Rastogi
एक ही पक्ष में जीवन जीना अलग बात है। एक बार ही सही अपने आयाम
एक ही पक्ष में जीवन जीना अलग बात है। एक बार ही सही अपने आयाम
पूर्वार्थ
एक तरफा दोस्ती की कीमत
एक तरफा दोस्ती की कीमत
SHAMA PARVEEN
फिर भी करना है संघर्ष !
फिर भी करना है संघर्ष !
जगदीश लववंशी
Loading...