Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 May 2024 · 1 min read

शिवाजी

१६६४ को मुगल अधीन भारत में, यों ऐसा कार्य भी नेक हुआ था।
जिस रोज़ मराठा साम्राज्य में, शिवाजी का राज्याभिषेक हुआ था।
वे शस्त्र के संग में जानते थे, तैराकी, निशानेबाजी और घुड़सवारी।
शास्त्रीय संगीत, साहित्य सृजन और साथ में मनमोहक चित्रकारी।

पिता से पाया अटल संयम व माता ने दिलाई राजनीति की शिक्षा।
यूॅं मराठा वंश के आगमन से, पूरी हो गयी भारत देश की प्रतीक्षा।
एक संरक्षिका ने पुत्र में भरे सारे गुण, यूं बनकर माता जीजाबाई।
शस्त्र-शास्त्र दोनों सहस्त्र दिए, रगों में स्वराज्य की ज्योति जगाई।

मुगलों में छाया सत्ता का नशा, पूर्ण भारत को हड़पने का लोभ।
शिवा की धमक से उड़ी चमक, उन सभी में भरने लगा विक्षोभ।
शिवाजी को कभी हरा न सका, कपटी, क्रूर, कायर औरंगज़ेब।
मुग़ल साम्राज्य की नींव हिली, दम्भ को बंद किया अपनी जेब।

मुगलों के समस्त प्रहारों का, शिवाजी देते गए मुंहतोड़ जबाव।
उनका अतुल्य साहस देखकर, नतमस्तक हो गए सभी नवाब।
अंतिम श्वास तक शत्रु से लड़े, प्रतापी मराठा शिवाजी भोंसले।
इनके तेज से प्रत्यक्ष दिख जाते, अखण्ड भारतवर्ष के हौंसले।

साहस, शौर्य व स्वाभिमान का, जो स्वरूप दिखा शिवाजी में।
बाद में, वही छवि उजागर हुई, उनके तेजस्वी पुत्र संभाजी में।
“तुझसे नया युग उदय होगा”, साक्षात भवानी ने यह कहा था।
शिवाजी जैसा साहस पाकर, पूर्ण रूप से सशक्त हुए मराठा।

2 Likes · 22 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
View all
You may also like:
पत्नी-स्तुति
पत्नी-स्तुति
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
दोहे
दोहे
अशोक कुमार ढोरिया
Kabhi kitabe pass hoti hai
Kabhi kitabe pass hoti hai
Sakshi Tripathi
2915.*पूर्णिका*
2915.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ये शास्वत है कि हम सभी ईश्वर अंश है। परंतु सबकी परिस्थितियां
ये शास्वत है कि हम सभी ईश्वर अंश है। परंतु सबकी परिस्थितियां
Sanjay ' शून्य'
जिन्दगी की यात्रा में हम सब का,
जिन्दगी की यात्रा में हम सब का,
नेताम आर सी
चिंतन
चिंतन
ओंकार मिश्र
हमको तू ऐसे नहीं भूला, बसकर तू परदेश में
हमको तू ऐसे नहीं भूला, बसकर तू परदेश में
gurudeenverma198
"पाठशाला"
Dr. Kishan tandon kranti
आप अपनी नज़र से
आप अपनी नज़र से
Dr fauzia Naseem shad
खालीपन
खालीपन
करन ''केसरा''
नवरात्रि के सातवें दिन दुर्गाजी की सातवीं शक्ति देवी कालरात्
नवरात्रि के सातवें दिन दुर्गाजी की सातवीं शक्ति देवी कालरात्
Shashi kala vyas
15)”शिक्षक”
15)”शिक्षक”
Sapna Arora
मुक्तक
मुक्तक
Rajesh Tiwari
आँखे नम हो जाती माँ,
आँखे नम हो जाती माँ,
Sushil Pandey
जीवन के अंतिम दिनों में गौतम बुद्ध
जीवन के अंतिम दिनों में गौतम बुद्ध
कवि रमेशराज
मंत्र  :  दधाना करपधाभ्याम,
मंत्र : दधाना करपधाभ्याम,
Harminder Kaur
कोशिश करना छोड़ो मत,
कोशिश करना छोड़ो मत,
Ranjeet kumar patre
नव वर्ष आया हैं , सुख-समृद्धि लाया हैं
नव वर्ष आया हैं , सुख-समृद्धि लाया हैं
Raju Gajbhiye
कभी कभी
कभी कभी
Shweta Soni
कठपुतली की क्या औकात
कठपुतली की क्या औकात
Satish Srijan
#ग़ज़ल-
#ग़ज़ल-
*Author प्रणय प्रभात*
*जी लो ये पल*
*जी लो ये पल*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
मुक्तक
मुक्तक
नूरफातिमा खातून नूरी
लौट आयी स्वीटी
लौट आयी स्वीटी
Kanchan Khanna
नयकी दुलहिन
नयकी दुलहिन
आनन्द मिश्र
*ये सावन जब से आया है, तुम्हें क्या हो गया बादल (मुक्तक)*
*ये सावन जब से आया है, तुम्हें क्या हो गया बादल (मुक्तक)*
Ravi Prakash
मायका
मायका
Mukesh Kumar Sonkar
दुआ किसी को अगर देती है
दुआ किसी को अगर देती है
प्रेमदास वसु सुरेखा
मेरे पापा
मेरे पापा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Loading...