Satish Sharma Tag: कविता 130 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Satish Sharma 16 Sep 2020 · 1 min read बिजली गिरी आज फिर बिजली गिरी बादल गरज कर ढल गया उस अभागे का बिना कारण से ही घर जल गया जिंदगी भर जिस भरोसे के भरोसे में रहा वह भरोसेमंद ही... Hindi · कविता 1 486 Share Satish Sharma 14 Sep 2020 · 1 min read हिंदी की गरिमा मातृभाषा हिंदी है अति मनभावन । इसके इक इक वर्ण जगत में पावन ।। रस छंद अलंकारों की शोभा न्यारी । लगती है सबको इसीलिये अति प्यारी ।। अन्तर मन... Hindi · कविता 2 2 495 Share Satish Sharma 13 Sep 2020 · 1 min read मत उतरो... हो गयी जर्जर तुम्हारी नाँव , मत उतरो नदी में.. जिंदगी भर तटों के उस पार से इस पार तक । आती जाती रही लहरों में उफनती धार तक ।।... Hindi · कविता 1 263 Share Satish Sharma 13 Sep 2020 · 1 min read जीवन जो यह कहते थे कि यह जीवन धन , अनमोल नहीं अंत समय तक वही ये कहते गए इसका कोई मोल नहीं ये तब कीमत भूल गए पहचान न थी... Hindi · कविता 1 430 Share Satish Sharma 10 Sep 2020 · 1 min read अभ्यास अभ्यास की निरंतरता कला कौशल की समृद्धि के लिए जरूरी होती है इसके अभाव में कला अपनी चमक स्वतः खोती है कला साधक अभ्यास का आदी होता है तभी संगीत... Hindi · कविता 1 2 403 Share Satish Sharma 8 Sep 2020 · 1 min read तेरे करिश्मे का तेरे करिश्मे का अब इंतजार सबको है एक तू ही तो है जिससे प्यार सबको है जहॉं में कौन है जो तुझसा दानदाता है कोई एक मांगे तू देता हजार... Hindi · कविता 4 1 237 Share Satish Sharma 7 Sep 2020 · 1 min read ओ , शाम गुजर ओ ,शाम गुजर धीरे - धीरे दिन भर के थके बटोही सब तेरे आँचल की छाया में विश्राम तनिक पा लेते हैं तेरी मन मोहक माया में शीतल मन्द पवन... Hindi · कविता 2 1 382 Share Satish Sharma 4 Sep 2020 · 1 min read उड़ा रंग.. उड़ा रंग परवाह नहीं है नूतन की ना चाह कहीं है मृत्यु पर न जोर किसी का जहां बदी थी हुई वहीं है पतित हो गया डाली से जो यह... Hindi · कविता 3 2 216 Share Satish Sharma 3 Sep 2020 · 1 min read आग जलती ही रहेगी आग जलती ही रहेगी हवाएं भी न रुकेंगी सूख करके तन चुकी जो डालियाँ भी न झुकेगी यह स्वतः पर एक दिन कटकर रहेगा आत्मा का बोझ जो तुम ढो... Hindi · कविता 2 349 Share Satish Sharma 18 Aug 2020 · 1 min read मत उतरो नदी में हो गयी जर्जर तुम्हारी नाँव , मत उतरो नदी में.. जिंदगी भर तटों के उस पार से इस पार तक । आती जाती रही लहरों में उफनती धार तक ।।... Hindi · कविता 1 293 Share Satish Sharma 12 Aug 2020 · 1 min read हे कृष्ण हे कृष्ण.... देवकी के आंचल में आकर मातृ स्नेह का सुख लिया और यशोदा के आंगन में वात्सल्य का छीर पिया मथुरा से गोकुल तक का यह सफर तुम्हारी लीला... Hindi · कविता 1 1 355 Share Satish Sharma 11 Aug 2020 · 1 min read स्वप्न स्वप्न जीवन प्रेरणा है रंग नित भरते चलो बात भले विचित्र है ये कल्पना के चित्र हैं ये डगर मंजिल की बताने सबसे अच्छे मित्र हैं ये एक नया संकल्प... Hindi · कविता 1 1 348 Share Satish Sharma 10 Aug 2020 · 1 min read प्रतीक्षा स्वप्न से रहे नैन निरुखे रीते के रीते करती रही प्रतीक्षा दिन पर दिन बीते सदियों से टूटी माटी मैं मिली हसरतें सारी अत्याचारों को सह सह कर भी न... Hindi · कविता 3 1 293 Share Satish Sharma 9 Aug 2020 · 1 min read अवसर जीवन में अवसर मत खोना जो एक बार चला जाता है बार बार न आ पाता है लाभ उठाने को आतुर हो भय के बस मत होना जीवन में अवसर... Hindi · कविता 1 227 Share Satish Sharma 7 Aug 2020 · 1 min read हम दीपक हम ही उजियारे जल उठते खुद सांझ सकारे , हम दीपक हम ही उजियारे ! चले अकेले हैं बचपन से डरे कभी न पथ निर्जन से अपना सीना तान निरन्तर बढ़ते जैसे मेघ... Hindi · कविता 1 468 Share Satish Sharma 2 Aug 2020 · 1 min read मेरा खुला है द्वार थकित नयनों से रही में निर्निमेष निहार । वापसी का आज भी मेरा खुला है द्वार ।। धेनु गोकुल की पुकारे श्याम घन को साथ जाना चाहती फिर मधुवन को... Hindi · कविता 2 2 279 Share Satish Sharma 1 Aug 2020 · 1 min read क्यों हो ? नाकामी अपनी छुपाते क्यों हो इल्जाम उन पर लगाते क्यों हो आज़ाद उड़ने दो पंछियों को जालों में उनको फँसाते क्यों हो पहचानते हैं सब अपना चेहरा आईना फिर तुम... Hindi · कविता 2 1 247 Share Satish Sharma 31 Jul 2020 · 1 min read लगता है.. लगता है अब कायनात में , पहले जैसी बात नहीं । मानव के अपने दिल में भी , पहले से जज्बात नहीं ।। यूँ तो सूरज चाँद सितारे , खूब... Hindi · कविता 3 3 204 Share Satish Sharma 30 Jul 2020 · 1 min read समय समय सतत चलता है कुछ लोगों को लगता है समय अच्छा है कुछ लोगों को समय बुरा लगता है परन्तु समय अच्छा या बुरा नहीं होता जैसी परिस्थिति होती है... Hindi · कविता 1 1 435 Share Satish Sharma 28 Jul 2020 · 1 min read दायरा सोच का दायरा जितना होगा उतना ही चिंतन मस्तिष्क में जगह बनाएगा सीमित क्षेत्र में असीमित चिंतन भीड़ भरे बाज़ारों के कोलाहल के सिवाय कुछ नहीं दर्शायेगा जहाँ निष्कर्ष के... Hindi · कविता 1 2 356 Share Satish Sharma 27 Jul 2020 · 1 min read शिव शंकर शिव शंकर डमरूधर। आशुतोष संकट हर ।। गले नाग जटा विशाल । कोटि सूर्य दीप्त भाल ।। भाल चंद्र अति शोभित । गौरी संग छवि मोहित ।। कर त्रिशूल बाघम्बर... Hindi · कविता 2 2 227 Share Satish Sharma 24 Jul 2020 · 1 min read सुख दुख सुख दुख बादल जैंसे हैं आते हैं और जाते हैं ढंग भी कैंसे कैंसे हैं , सुख दुख बादल जैंसे हैं बैठे बैठे रात कट गई रोते सोते दिन बीता... Hindi · कविता 1 3 373 Share Satish Sharma 22 Jul 2020 · 1 min read सफर जारी रखो मंजिल है अभी दूर सफर जारी रखो । है हौसला भरपूर सफर जारी रखो ।। न सोचो किनारा ही खुद आएगा सामने । इस मद में न हो चूर सफर... Hindi · कविता 4 4 597 Share Satish Sharma 18 Jul 2020 · 1 min read बरसो सावन रिम झिम रिम झिम बरसो सावन ऋतु लगे सुहानी मन भावन बूंदों के स्वर पर गीत फुहारों का गर्जन का घन हो ताल बहारों का काले मेघा उमड़ें घुमड़ें नभ... Hindi · कविता 4 1 386 Share Satish Sharma 17 Jul 2020 · 1 min read परिवर्तन ही जीवन है परिवर्तन ही जीवन है फिर इससे डरना कैंसा काल चक्र नित चलता है जड़ता पर मरना कैंसा जलधारा का रुख देखा और उसके अनुकूल हुए सहज बचे वे तट के... Hindi · कविता 3 2 431 Share Satish Sharma 14 Jul 2020 · 1 min read वैदेही वनवास वैदेही वनवास गई। विकल हुए सब जीव अवध के महा विपत्ति भई ।। दशरथ नृप अरु भरत रिपुदमन कौशिल्यादि सब रानी । तीनहुँ भगनि परि पुरजन ज्यों व्यथित मीन बिनु... Hindi · कविता 1 3 447 Share Satish Sharma 10 Jul 2020 · 1 min read हर सावन हरा नहीं होता हर सावन हरा नहीं होता । हर सोना खरा नहीं होता ।। पत्थर दिल वाली आंखों में । अश्रु जल भरा नहीं होता ।। सागर में प्यासी रहे सीप ,... Hindi · कविता 1 329 Share Satish Sharma 7 Jul 2020 · 1 min read बुजुर्गों से दूर.. बुजुर्गों से दूर तुम होते रहोगे अपने मन की शांति खोते रहोगे इनके अनुभव के है मोती कीमती ले लो वरना ता उमर रोते रहोगे पसीने से सींच कर पैदा... Hindi · कविता 2 404 Share Satish Sharma 4 Jul 2020 · 1 min read मुश्किल है... कौन खरा खोटा यहाँ पर कहना मुश्किल है। बेरों के वन में केरों का रहना मुश्किल है ।। गले तलक आ जाये पानी तो भी सह लेंगे । अगर डुबाना... Hindi · कविता 1 1 360 Share Satish Sharma 3 Jul 2020 · 1 min read नीर भरे बदल आये अब नीर भरे बादल निरख मची भू पर हलचल शीतल पवन बही मन्थर ग्रीष्म तपन काँपी थर थर गगन वधु ने आँज लिया है काले नयनों में काजल आये... Hindi · कविता 1 4 199 Share Satish Sharma 30 Jun 2020 · 1 min read नदिया है... नदिया है बह जाने दो अगर कोई उन्मादी कुछ कहता है कह जाने दो आँधी आती उड़ती धूल नहीं टूटते कोमल फूल बड़ी खुशी से लहराता है हवा के ऊपर... Hindi · कविता 1 2 500 Share Satish Sharma 29 Jun 2020 · 1 min read जिंदगी को ढूँढता बाँधकर आंखों पे पट्टी रोशनी को ढूंढता छोड़कर अपनों को कोई अजनबी को ढूंढता जिंदा था तब जिंदगी की क़दर भी जानी नहीं एक मुर्दा फिर से अपनी जिंदगी को... Hindi · कविता 2 297 Share Satish Sharma 28 Jun 2020 · 1 min read सृजन का अस्तित्व सृजन कभी रुकता नहीं है ध्वंशों के सामने भी झुकता नहीं है जैंसे सुबह का उदित रवि सन्ध्या में अस्त होकर पुनः दूसरी सुबह आता है वैसे ही सृजन मिटता... Hindi · कविता 1 2 295 Share Satish Sharma 27 Jun 2020 · 1 min read चलो देखकर जीवन की आड़ी तिरछी पगडंडी पर खतरा न हो फिर भी तो तुम चलो देखकर आस्तीन के सांप छिपे बैठे रहते हैं ईर्ष्यावश कुछ लोग यूँ ही ऐंठे रहते हैं... Hindi · कविता 4 2 379 Share Satish Sharma 26 Jun 2020 · 1 min read छोड़कर चले गए छोड़कर चले गए जग में वो निशानियाँ स्वर्ण अक्षरों में लिखी जाएंगी कहानियाँ मातृ भूमि के सपूत माँ की आंख के तारे देश की रक्षा के हित प्राण जिनने है... Hindi · कविता 2 494 Share Satish Sharma 21 Jun 2020 · 1 min read हरे कृष्णा अधर बांसुरी अति शोभित अनुपम सुंदर छवि जग मोहित कुंचित केश ज्यों भ्रमर पुञ्ज साजित रूप मधुर निकुञ्ज गोपाल कृष्ण जग दुख हारी वसुधा की पूर्ण विपति टारी देवकी सुअन... Hindi · कविता 1 1 565 Share Satish Sharma 17 Jun 2020 · 1 min read गुंजाइश संघर्षों में भी हँसने की गुंजाइश तो रहती है बीहड़ वन में भी बसने की गुंजाइश तो रहती है अपने बड़े हौसलों से जो ज्वाला ताप रहे हैं जोश कदम... Hindi · कविता 1 210 Share Satish Sharma 16 Jun 2020 · 1 min read जिंदगी रोज दिन निकलता है और शाम होती है जिंदगी रफ्ता रफ्ता यूँ तमाम होती है सुख दुख के मेले हैं और कई झमेले हैं आदमी ने शदियों से यही सब... Hindi · कविता 1 213 Share Satish Sharma 15 Jun 2020 · 1 min read उसके बस की बात नहीं है बहता दरिया रोक के रखना । उसके बस की बात नहीं है ।। जलते अंगारों पर चलना । उसके बस की बात नहीं है।। जो फूलों सी पगडंडी पर ।... Hindi · कविता 4 1 249 Share Satish Sharma 14 Jun 2020 · 1 min read रेखाएँ सब कुछ कहतीं हैं रेखाएँ सब कुछ कहती हैं हथेली के धरातल पर सरिताओं जैसी बहती है पढ़ने वाले पढ़ लेते हैं अर्थ इन्हीं के गढ़ लेते हैं मील का पत्थर मान इन्हें मंजिल... Hindi · कविता 3 1 325 Share Satish Sharma 11 Jun 2020 · 1 min read बच्चों की दुनिया है कोई रहनुमा यहाँ क्या । जो बच्चों की बातें सुने ।। रात चाँदनी में परियों की । जो किस्सों के ख्वाब बुने ।। बच्चा बनकर जो बच्चों के ।... Hindi · कविता 1 1 371 Share Satish Sharma 5 Jun 2020 · 1 min read अपने मन के अपने मन के खालीपन को भरते जाओ । दुनिया में गर आये हो कुछ करते जाओ ।। जलने वालों को तो निंदा करने दो । खुद के कष्ट हरो दूजों... Hindi · कविता 1 1 195 Share Satish Sharma 4 Jun 2020 · 1 min read शापित पुष्प कुछ सुंदर पुष्प सुवासित होते हैं । कुछ केवल दिखने में ही सुंदर होते हैं । । कुछ सुंदर होकर दुर्गन्धों के दायी हैं । कुछ ने घ्रणित भाव की... Hindi · कविता 1 1 217 Share Satish Sharma 4 Jun 2020 · 1 min read अपने मन के अपने मन के खालीपन को भरते जाओ । दुनिया में गर आये हो कुछ करते जाओ ।। जलने वालों को तो निंदा करने दो । खुद के कष्ट हरो दूजों... Hindi · कविता 2 6 226 Share Satish Sharma 2 Jun 2020 · 1 min read बुल बुल का गीत सुबह सबेरे छत पर आकर जब गाती है बुल बुल गीत कितना मधुर सुरीला होता है उसका अनुपम संगीत... अपनी मस्ती में खो जाती स्वयं शारदा कण्ठ में आती जब... Hindi · कविता 2 1 340 Share Satish Sharma 1 Jun 2020 · 1 min read जल गहरा है रुको जरा यह जल गहरा है । नीरव शांत और ठहरा है ।।... ध्वनि करता जो बहता पानी । उथलेपन की यही निशानी ।। सस्ती धातु अधिक खनकती । खाली... Hindi · कविता 3 1 227 Share Satish Sharma 31 May 2020 · 1 min read पद का मद पद के मद में चूर हुए आदत से मजबूर हुए पास गए जब गैरों के तब अपनों से दूर हुए भूल गए सेवा करना जब से बड़े हजूर हुए आसमान... Hindi · कविता 2 412 Share Satish Sharma 30 May 2020 · 1 min read गजानन जग की विपति हरो गजानन जग की विपति हरो । हे देवाधिदेव गण नायक संकट दूर करो । प्रथम पूज्य गिरजा नंदन सब देवन नाम धरो । एक विषाणु के भय से संसार सकल... Hindi · कविता 2 244 Share Satish Sharma 26 May 2020 · 1 min read खाना बदोश ये धरती आकाश बना है मेरा अपना रेन बसेरा नहीं किसी से लेना देना फिर क्या तेरा , फिर क्या मेरा न तो हूँ में जोगी रमता और नहीं में... Hindi · कविता 1 217 Share Satish Sharma 25 May 2020 · 1 min read उन्मुक्त पंछी हमारी चहक में न अंतर पड़ा है । न कोई हमें रोक करके खड़ा है ।। हमें भी किसी से न शिकवा गिला है । हमें जो मिला है प्रकृति... Hindi · कविता 177 Share Previous Page 2 Next