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14 Sep 2020 · 1 min read

हिंदी की गरिमा

मातृभाषा हिंदी है अति मनभावन ।
इसके इक इक वर्ण जगत में पावन ।।

रस छंद अलंकारों की शोभा न्यारी ।
लगती है सबको इसीलिये अति प्यारी ।।

अन्तर मन के सब भाव व्यक्त हो जाते ।
जो अन्य भाषा में न सम्भव हो पाते ।।

संगीत के स्वर में पगी अलौकिक भाषा ।
जनमानस के जीवन की है अभिलाषा ।।

साधना जगत की सभी सफल हो जाती ।
अध्यात्म मोक्ष तक की यह गाथा गाती ।।

सौभाग्यशाली हैं जो हिंदी आराधक ।
प्रिय मातृ भाषा के जो हैं सेवक साधक ।।

कानों में मीठा स्वर घुल घुल जाता है ।
जब कोई इसमें गीत सुरीले गाता है ।।

हिन्दी पूजित सर्वत्र माथे का चंदन है ।
जीवन भर इसका शत शत अभिनंदन है ।।

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 481 Views
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