Amber Srivastava Language: Hindi 136 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Amber Srivastava 17 May 2024 · 1 min read मेरे पिता का गांव। बहती नदी लहलहाते खेत, कहीं धूप कहीं छांव, पूर्वजों का दिया आशीर्वाद ये, है मेरे पिता का गांव, समय धारा में बह कर गांव से, शहर आ गई जीवन की... Hindi · कविता 1 31 Share Amber Srivastava 1 Apr 2024 · 1 min read संपत्ति। सहेज के रखें तो माता पिता का, आशीर्वाद होती है संपत्ति, माता-पिता की मेहनत का, व्रतांत होती है संपत्ति, मन में हो खोट अगर तो, फसाद होती है संपत्ति, मोह... Hindi 67 Share Amber Srivastava 18 Mar 2024 · 1 min read अविरल धारा। ना जान सका गहराई कोई, ना ले सका कहीं कोई टोह, प्रेम है धारा अविरल जिसमे, नहीं है कहीं कोई मोह, ना इंतज़ार कि होगा मिलन कभी, ना भय कि... Hindi · कविता 59 Share Amber Srivastava 22 Feb 2024 · 1 min read अवसाद। मुश्किल है साथ हंसना किसी के, हर बात है बनती विवाद, चारों ओर है निराशा घोर, है पल-पल का अवसाद, दुनिया तो जन्म से पहले भी थी, और रहेगी मरण... Hindi · कविता 43 Share Amber Srivastava 31 Jan 2024 · 1 min read कुल्हड़-जीवन की झलक। मिट्टी से ही बनता कुल्हड़, फिर मिट्टी में ही मिल जाता है, कड़ी धूप में तपता कुल्हड़, फिर आग में भी जल जाता है, जब तक रहता अस्तित्व में कुल्हड़,... Hindi 1 68 Share Amber Srivastava 7 Dec 2023 · 1 min read गफलत। बंद कर दिए थे दरवाज़े सारे, छोड़ी ना मिलने की सूरत कहीं, जब रहना चाहिए था संपर्क में मेरे, तब थी मिलने की फुर्सत नहीं, ज़िंदगी तो आगे बढ़ती गई... Hindi · कविता 125 Share Amber Srivastava 22 Nov 2023 · 1 min read उन्तालीस साल। बहती धारा सा लगा कभी, कभी लगा ये जीवन जी का जंजाल, बिन मांगे मिले कुछ जवाब कभी, कुछ आज भी अनसुलझे हैं सवाल, खट्टे-मीठे अनुभवों से सजा ये जीवन,... Hindi 2 226 Share Amber Srivastava 14 Sep 2023 · 1 min read हिंदी दिवस। पूरे ज़ोर-शोर से आज हम, हिंदी दिवस मनाएंगे, कल से लेकिन फिर वही, हेलो,हाय और बाय में उलझ जाएंगे, गौरवान्वित होंगे हिंदी पर मगर, फिर अंग्रेज़ी पर ही इतराएंगे, जैसे... Hindi · कविता 212 Share Amber Srivastava 20 Aug 2023 · 1 min read प्रेम-बंधन। प्रेम-बंधन एक बंधन है ऐसा, जो बंध कर भी निर्बंध है, सम्बंध की प्रगाढ़ता बंधन में कहाँ, कि उन्मुक्तता में ही आनंद है, निश्चलता की डोरी से बंधा हो जो,... Hindi 126 Share Amber Srivastava 4 Aug 2023 · 1 min read टिंकू की दुकान। बचपन तो फिर ना आयेगा कभी, कि हो गये हम नादान से जवान, सजती है यारों की महफिल जहां, है वो अपने टिंकू की दुकान, खो के यादों की गलियों... Hindi · कविता 3 781 Share Amber Srivastava 14 Jul 2023 · 1 min read सूर्य-पुत्र-परास्त मगर पराक्रमी। अर्जुन से करने युद्ध को, जो हर पल रहता अधीर था, इतिहास साक्षी है गाथा का जिसकी, पराक्रम उसका बेनज़ीर था, भले ही हारा पर अर्जुन समान, उसका हर एक... Hindi · कविता 1 343 Share Amber Srivastava 22 May 2023 · 1 min read होता आज जो अंतिम दिन। होता आज जो अंतिम दिन, तो नहीं मैं किसी से झगड़ता, होता आज जो अंतिम दिन, तो रखता मैं चेहरे पे मुस्कान, हर एक गुज़रते पल को मैं, करता प्रेम... Hindi · कविता 1 290 Share Amber Srivastava 1 Mar 2023 · 1 min read असर-ए-इश्क़ कुछ यूँ है सनम, असर-ए-इश्क़ कुछ यूँ है सनम, कि मैं हो गया बिल्कुल गुम, मैं तो मैं अब रहा ही कहाँ, बस रह गईं बाक़ी तुम, सूफियाना इश्क़ रंग लाया ऐसे, कि मैं... Hindi · Quote Writer 487 Share Amber Srivastava 1 Mar 2023 · 1 min read रूठते-मनाते, रूठते-मनाते, हँसते-हँसाते, रहिए ज़िंदगी के, दिनों को बिताते। -अम्बर श्रीवास्तव Hindi · Quote Writer 1 254 Share Amber Srivastava 1 Mar 2023 · 1 min read एक ठंडी पेड़ की छाया। कुछ दिन पहले एक पेड़ के नीचे, मुझे लगा बहुत ही अच्छा, मुझसे कुछ वो बोला नहीं पर, लगा बड़ा ही सच्चा, बस यूं ही उसको देख के मैं, उसकी... Hindi · कविता 115 Share Amber Srivastava 17 Feb 2023 · 1 min read कुछ तेरी-कुछ मेरी। क्यों ना करूँ मैं माफ़ तुझे, क्यों करूँ सम्वाद में देरी, ग़लती तो हो ही जाती है दोस्त, कहीं कुछ तेरी तो कहीं कुछ मेरी, होंगे जवां दौर वो फिर... Hindi · कविता 1 129 Share Amber Srivastava 7 Feb 2023 · 1 min read तुम कहना और मैं सुनूंगा। हो दिल में जो बात कोई, तुम कहना और मैं सुनूंगा, हो बताना जो राज़ कोई, तुम कहना और मैं सुनूंगा, हो करनी जो शिकायत कोई, तुम कहना और मैं... Hindi · कविता 334 Share Amber Srivastava 26 Dec 2022 · 1 min read प्रेम-एक सत्य। कहते सुना है लोगों को कि, कोई प्रेम में पड़कर बर्बाद है, प्रेम नहीं वो कोई भ्रम ही होगा, कि प्रेम-मंत्र से तो दुनिया आबाद है, हर विषय पर विवाद... Hindi · कविता 1 254 Share Amber Srivastava 7 Oct 2022 · 1 min read नाम तेरा गुम जायेगा। अस्थि-पंजर बह जाएगा, बाकी सब यहीं रह जाएगा, नाम तेरा गुम जाएगा मगर, याद रहेगा जो तू कह जाएगा, अनंत शांति रहेगी कहीं, कहीं सन्नाटा रह जायेगा, छूटी जो डोरी... Hindi · Kavita 3 2 154 Share Amber Srivastava 27 Sep 2022 · 1 min read ख़ूबसूरती-मेरी नज़र से। हर ख़्याल है रौशन तसव्वुर से तुम्हारे, कि मेरे अल्फाज़ का आफताब हो तुम, किन लफ्ज़ो में तारीफ़-ए-जमाल कहूं, कि ज़मीं पे उतरा महताब हो तुम, जो लिखना भी चाहूँ... Hindi · Kavita 2 2 168 Share Amber Srivastava 5 Sep 2022 · 1 min read जीवन रूपी शिक्षक। अनचाहे-अंजाने जीवन में चाहे, कैसी भी मुश्किलें आईं, हर कदम पर जीवन ने, एक सीख नई सिखाई, कहता जीवन की बहते चलो, जैसे कोई बहता पानी, तुमसे भी बने इस... Hindi · कविता 1 132 Share Amber Srivastava 29 Jul 2022 · 1 min read एक क्षण-अलौकिक असामान्य। अविश्वास के बोझ से दबा हुआ, था मन मेरा तर्कों का मारा, फिर हुआ एक क्षण का अनुभव ऐसा, बह निकली आंखों से अश्रु धारा, समय तो आकर गुज़र गया,... Hindi · कविता 1 4 154 Share Amber Srivastava 11 Jul 2022 · 1 min read चिट्ठी- वो नीला रंग। बरसों पहले कोई डाकिया कभी, लाया करता था चिट्ठी, अपनों का अपनापन साथ लिए, आया करती थी चिट्ठी, नीला आसमानी रंग था उसका, कहलाती थी चिट्ठी, किसी अपने को चिट्ठी... Hindi · कविता 1 157 Share Amber Srivastava 8 Jul 2022 · 1 min read जनाब। यही अदा तो आपकी अक्सर, कर देती है हैरान जनाब, दूसरों को ऐतबार सिखाते मगर, देखें ना अपना गिरेबान जनाब, जानलेवा हुनर ये आपका, है अंदाज़ बड़ा ही लाजवाब, ख़ुद... Hindi · कविता 4 4 242 Share Amber Srivastava 18 Jun 2022 · 1 min read जीवन की जयकार। अक्सर अपनेआप से यही, प्रश्न मैं बार-बार करूं, मृत्यु सुन्दरी के आगोश में बैठूं, या जीवन से प्यार करूं, आलिंगन करूं इस अटल सत्य का, और मृत्यु को अंगीकार करूं,... Hindi · कविता 1 2 168 Share Amber Srivastava 10 Jun 2022 · 1 min read प्रेम भाव। ना कहीं कोई शत्रु मेरा, ना मेरा कोई मित्र है, हर तरफ अब दिल में मेरे, बस प्रेम भाव का चित्र है, ना जुड़ाव है ना लगाव है, ना किसी... Hindi · कविता 1 356 Share Amber Srivastava 14 May 2022 · 1 min read किताब। शायद आपसे बाकी है कोई, पिछले जन्म का हिसाब, इसीलिए आपको भेजता हूं, मैं अक्सर कोई किताब, ना गिनिए कि अब तक आपको, मैंने दी हैं कितनी किताब, निस्वार्थ भाव... Hindi · कविता 1 282 Share Amber Srivastava 28 Mar 2022 · 1 min read शरीर छूटे और मैं जाऊं। लगता नहीं इस जहाँ का मैं, किसी और ग्रह का नज़र आऊं, समझ के परे हैं बातें यहां की, बेवजह मैं जिनमें उलझता जाऊं, ऐसा तो कोई गिला नहीं पर,... Hindi · कविता 1 164 Share Amber Srivastava 25 Mar 2022 · 1 min read प्रिय प्रेयसी। याद है मुझे हर बात प्रिय, जो थी तुमने मुझसे कही, कम ही रही हर बात प्रिय, जो प्रशंसा में तुम्हारी मैंने कही, हंसती- छेड़ती तुम मुझको प्रिय, अपने आप... Hindi · कविता 181 Share Amber Srivastava 13 Mar 2022 · 1 min read सखी- अधूरा प्रेम। सच है कि दिखने में सखी, प्रेम ये अपना अधूरा लगे, पर देखो तुम्हारी एक मुस्कान से सखी, संसार ये मेरा पूरा लगे, संवाद से सजा ये संबंध है सखी,... Hindi · कविता 743 Share Amber Srivastava 4 Mar 2022 · 1 min read वो। यूं तो सब से हर रोज़ है मिलता, कभी कहीं खो जाता वो, कभी हालात ने निवाला दूर किया, कभी ख़ुद ही भूखा सो जाता वो, जीवन लगता पहाड़ सरीखा,... Hindi · कविता 211 Share Amber Srivastava 16 Jan 2022 · 1 min read कुछ। आप कहेंगे कुछ, फिर मैं कहूंगा कुछ, मैं बताऊँगा कुछ, आप समझेंगे कुछ, मैं बोलूंगा कुछ, आप सुनेंगे कुछ, कुछ कहने कुछ सुन ने में, हो जाएगा कुछ का कुछ,... Hindi · कविता 322 Share Amber Srivastava 22 Nov 2021 · 1 min read पूरे सैंतीस साल। हंसते खेलते बीत गए आज, ये पूरे सैंतीस साल, कभी ढलती धूप कभी चढ़ते सूरज के जैसे, ये पूरे सैंतीस साल, कुछ दोस्तों कुछ रिश्तों में सिमटे हुए, ये पूरे... Hindi · कविता 2 7 497 Share Amber Srivastava 29 Oct 2021 · 1 min read तो चलूं। मय मयस्सर हो तुम्हारी आँखों में अगर , ज़रा पीं लूं तो चलूं , ज़िंदगी सी हो तुम ऐ हसीं तुम्हें , ज़रा जी लूँ तो चलूं , हो गुस्ताख़ी... Hindi · कविता 378 Share Amber Srivastava 30 Aug 2021 · 1 min read शहर मुरादाबादI नब्बे मील दूर बरेली से, एक शहर है मुरादाबाद, एक दिन के लिए मैं आया था, यहां अपने भाई के पास, अंदेशा ज़रा भी था नहीं, कि लॉक डाउन के... Hindi · कविता 2 281 Share Amber Srivastava 11 Aug 2021 · 1 min read कुछ भी नहीं। जिंदगी और कुछ भी नहीं, बस बात है चंद लम्हात की, आज नहीं तो कल होगी, कोई घड़ी आख़री मुलाकात की, मुरझाया है जो आज, वो गुलशन एक दिन फिर... Hindi · कविता 282 Share Amber Srivastava 17 Jun 2021 · 1 min read एक छोटा सा हादसा। एक छोटा सा हादसा मुझसे, करा गया मेरा सामना, दिल में मेरे अब बाकी है बस, सबके भले की कामना, अब कहीं बाकी कोई द्वेष नहीं, आपका जो भी हो... Hindi · कविता 3 326 Share Amber Srivastava 10 Jun 2021 · 1 min read कभी-कभी। याद तो हमेशा रहेगा ये, कि हम कभी मिले थे, आज है जो बस ख़्वाबों में, कभी हकीकत के सिलसिले थे, कुछ वक्त जो साथ गुज़ारा हमने, और साथ में... Hindi · कविता 3 489 Share Amber Srivastava 15 May 2021 · 1 min read तेरी यादों में ही संसार। मौसम पे आई बहार ऐसे, तेरी पायल की झंकार हो जैसे, झोंका हवा का आया ऐसे, गया तूने मल्हार हो जैसे, तेरी हंसी गूंजी कानों में ऐसे, रिमझिम बरसती फुहार... Hindi · कविता 355 Share Amber Srivastava 12 May 2021 · 1 min read आज आसमान साफ है। कुछ दिन भयानक तूफान था, पर आज आसमान साफ है, आंसुओं के सैलाब में उफान था, पर आज आसमान साफ है, थी छाई डरावनी काली घटा, पर आज आसमान साफ... Hindi · कविता 1 428 Share Amber Srivastava 10 May 2021 · 1 min read नज़रिया। कदम-कदम पे ये ज़िंदगी भी, करती है क्या-क्या इशारे, नज़र में हो जो नज़रिया अगर, तो नायाब हो जाते हैं नज़ारे, जब फूटन लगते हैं होंठों से, अपने हंसी के... Hindi · कविता 2 6 425 Share Amber Srivastava 1 Feb 2021 · 1 min read प्रेम-एक कल्पना। यूं ही मेरे ख़्यालों में तुम, बिन कहे चली आती हो, इतना तो बताओ ऐ काल्पनिक साथी, तुम क्या मेरी कहलाती हो, तुम शामिल मेरे ख़्यालों मे हो, एक सौगात... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 21 71 1k Share Amber Srivastava 15 Jan 2021 · 1 min read शिकवे-शिकायतें। तूने दी ना कभी कोई आवाज़ मुझे, मैने भी कभी तुझे पुकारा ना होगा, चल मिलते है अहम को कर के किनारे, कि गुज़रता ये पल फिर हमारा ना होगा।... Hindi · शेर 4 2 470 Share Amber Srivastava 31 Dec 2020 · 1 min read जाता और एक साल। हर मुश्किल घड़ी जीवन की, अपने आप में कमाल है, तमाम अनुभवों का तोहफा देकर, जाता और एक साल है, क्या मिलेगी दिशा नई जीवन को, हर पल यही सवाल... Hindi · कविता 4 3 336 Share Amber Srivastava 17 Dec 2020 · 1 min read कुदरत। जाने कैसे मुकाम पे आकर, ये दुनिया गई ठहर है, पिंजड़े में जानवरों को रखता था इंसान, आज कैद घर में हर पहर है, जाने कैसी शाम है ये, और... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 31 74 2k Share Amber Srivastava 29 Nov 2020 · 1 min read जीवन-आनंद। कभी थोड़ा सा तीखा है, तो कभी है कलाकंद, कुछ तो बात है जीवन में, कि हर पल है आनंद, कौन जाने कब थमें ये सांसे, धड़कन हो जाए बंद,... Hindi · कविता 6 6 491 Share Amber Srivastava 5 Nov 2020 · 1 min read नन्ही सदस्य। घर में एक नन्हीं सदस्य आई मेरे भाई की बेटी 5 नवंबर 2018 को उस का आगमन हुआ इस दुनिया में सभी बहुत खुश थे,मैं भी और मेरी माता जी... Hindi · लेख 1 2 421 Share Amber Srivastava 22 Aug 2020 · 1 min read कुछ जज़्बात। कुछ जज़्बात ऐसे भी हैं जो, लफ्ज़ों में किसी को दिखा नहीं सकते, ऐसा कुछ भी किसी से कहिए मत, जिसे आप निभा नहीं सकते, आपका साथ मुझसे, कुछ ऐसे... Hindi · शेर 7 6 459 Share Amber Srivastava 21 Aug 2020 · 1 min read आज में सिमटी हैं ख़ुशियाँ। यादों के जुगनूओं सा चमकता हुआ, गुज़रा हुआ हर पल होगा, आज में सिमटी हैं ख़ुशियाँ तमाम, फिर मेरे बिना एक कल होगा, अनबन कहिए या मन-मुटाव, हर तनाव का... Hindi · कविता 8 8 443 Share Amber Srivastava 20 Aug 2020 · 1 min read कौन सा मैं चुप रह गया? जिसको जब जो ठीक लगा, वो कह गया जो कह सका, दूध का धुला तो मैं भी नहीं, कि कहां मैं सब कुछ सह सका, भावनाओं में या आवेश में... Hindi · कविता 6 2 468 Share Page 1 Next