353
posts
बेरोजगार
Bhupendra Rawat
आस्था के प्रतीक है, राम
Bhupendra Rawat
तेरे बिन घर जैसे एक मकां बन जाता है
Bhupendra Rawat
रिश्तों से अब स्वार्थ की गंध आने लगी है
Bhupendra Rawat
अब मै ख़ुद से खफा रहने लगा हूँ
Bhupendra Rawat
मैं ख़ुद से ज्यादा तुझसे प्यार करता हूँ
Bhupendra Rawat
पुकारती हुई पुकार आज खो गयी है कही
Bhupendra Rawat
We make Challenges easy and
Bhupendra Rawat
उलझा हूँ, ज़िंदगी की हरेक गुत्थियाँ सुलझाने में
Bhupendra Rawat
सज्जन पुरुष दूसरों से सीखकर
Bhupendra Rawat
We just dream to be rich
Bhupendra Rawat
विकास की जिस सीढ़ी पर
Bhupendra Rawat
तेरी यादों ने इस ओर आना छोड़ दिया है
Bhupendra Rawat
संघर्ष ज़िंदगी को आसान बनाते है
Bhupendra Rawat
कालः परिवर्तनीय:
Bhupendra Rawat
इंसान इंसानियत को निगल गया है
Bhupendra Rawat
मेरे पास, तेरे हर सवाल का जवाब है
Bhupendra Rawat
ख्वाबों में भी तेरा ख्याल मुझे सताता है
Bhupendra Rawat
तुम मुझे यूँ ही याद रखना
Bhupendra Rawat
किताबों से ज्ञान मिलता है
Bhupendra Rawat
ज़िंदगी एक कहानी बनकर रह जाती है
Bhupendra Rawat
ज़िंदगी मेरी दर्द की सुनामी बनकर उभरी है
Bhupendra Rawat
मैंने आईने में जब भी ख़ुद को निहारा है
Bhupendra Rawat
पहला श्लोक ( भगवत गीता )
Bhupendra Rawat
मैं ज़िंदगी के सफर मे बंजारा हो गया हूँ
Bhupendra Rawat
ज़िंदगी ने अब मुस्कुराना छोड़ दिया है
Bhupendra Rawat
माँ जब भी दुआएं देती है
Bhupendra Rawat
ज़िंदगी को मैंने अपनी ऐसे संजोया है
Bhupendra Rawat
मैं एक फरियाद लिए बैठा हूँ
Bhupendra Rawat
जब भी तू मेरे दरमियाँ आती है
Bhupendra Rawat
तुझे भूलना इतना आसां नही है
Bhupendra Rawat
अगर, आप सही है
Bhupendra Rawat
विद्यार्थी और विभिन्न योग्यताएँ
Bhupendra Rawat
बढ़ती उम्र के साथ मानसिक विकास (बदलाव) समस्या और समाधान
Bhupendra Rawat
तकनीकी युग मे स्वयं को यंत्रो से बचाने के उपाय
Bhupendra Rawat
न पूज तू पत्थर को,तू पूज इंसान
Bhupendra Rawat
माँ
Bhupendra Rawat
अपने लिए सब सोना चाहे,दूजे के लिए माटी
Bhupendra Rawat
खुद को खोकर तुझे पाया है मैंने
Bhupendra Rawat
हास्य व्यंग्य...... शादी के पश्चात
Bhupendra Rawat
चलो झूठ बोले
Bhupendra Rawat
शीर्षक-मैंने पढ़ है किताबों में
Bhupendra Rawat
दुनिया के सभी बंधन से मुक्त होकर स्वयं को क़ैद करना चाहता है
Bhupendra Rawat
अब्दुल कलाम- द मिसाइल मैन
Bhupendra Rawat
कहने को है बहुत कुछ शब्दों के बाज़ार में
Bhupendra Rawat
बस गयी हो मेरी रूह में तुम
Bhupendra Rawat
बहुत देखे किरदार ज़िन्दगी की किताबों में
Bhupendra Rawat
कहने को है बहुत कुछ शब्दों के बाज़ार में
Bhupendra Rawat
रिश्ते निभाए तूने दिल-ओ-जान से
Bhupendra Rawat
जिनके पांव में छाले है वो इतिहास बनाने वाले है
Bhupendra Rawat