असलियत को छुपाने वाले अक़्सर मुखोटा लगाते है
असलियत को छुपाने वाले अक़्सर मुखोटा लगाते है
झूठी हमदर्दी जता कर वो हमदर्द बन जाते है
गिर जाते है वो दूजो को नीचा दिखाने के लिए
झूठ बोल जो दूसरों को बरगलाते है
असलियत को छुपाने वाले अक़्सर मुखोटा लगाते है
झूठी हमदर्दी जता कर वो हमदर्द बन जाते है
गिर जाते है वो दूजो को नीचा दिखाने के लिए
झूठ बोल जो दूसरों को बरगलाते है