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1 Jan 2025 · 1 min read

अतीत की बुरी यादों को छोड़

अतीत की बुरी यादों को छोड़
गुजरे वर्ष को अलविदा करते है
गिले शिकवे भूलकर
रिश्तों की फिर से
नींव भरते हैं
गुजरे वक़्त के
खूबसूरत पलो को
संजोकर हम सब
नववर्ष के रंग मे ढ़लते है

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