अक़्सर थक कर हार जाते है जो लोग
अक़्सर थक कर हार जाते है जो लोग
मंज़िलों तक रास्ते नहीं बना पाते वो लोग
तिमीर को बनाकर अपनी राह का साथी
क़िस्मत का दीपक नहीं जला पाते है वो लोग
अक़्सर थक कर हार जाते है जो लोग
मंज़िलों तक रास्ते नहीं बना पाते वो लोग
तिमीर को बनाकर अपनी राह का साथी
क़िस्मत का दीपक नहीं जला पाते है वो लोग