लक्ष्मी सिंह Tag: गीत 92 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid लक्ष्मी सिंह 29 Mar 2024 · 1 min read सत्य की खोज सत्य खोजने चला फकीरा, फिरता मारा-मारा। मकड़जाल में फँसा हुआ वह, घूम रहा जग सारा। स्वयं न अंतर्मन में झाँके,न स्वयं को पहचाने। सच की पगड़ंडी पर घूमे, मगर न... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · गीत 4 1 74 Share लक्ष्मी सिंह 7 Jul 2023 · 1 min read फितरत सियासत की रही फितरत बदलने की,भरी छल से सियासत है। अदब से पेश आते हैं,कुशल कौशल नजाकत है। अजब फितरत सियासत की, हमेशा खेल खेले है। भरोसा क्या करें इन पर, झमेले... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · गीत · विधाता छंद 7 10 228 Share लक्ष्मी सिंह 9 Oct 2022 · 1 min read चंद्र शीतल आ गया बिखरी गगन में चाँदनी। गीतिका छंद 2122 2122 2122 212 चंद्र शीतल आ गया बिखरी गगन में चाँदनी। छा गया सौन्दर्य अद्भुत है गजब की यामिनी। दुग्ध उज्ज्वल मोतियों से युक्त शीतल चंद्रमा। नभ... Hindi · गीत · गीतिका छंद 2 1 537 Share लक्ष्मी सिंह 16 Sep 2022 · 1 min read बच्चे थिरक रहे हैं आँगन। छम छम छम छम बरसे सावन। बच्चे थिरक रहे हैं आँगन। पाँव पटक कर छप छप करते। अपनी अँजुरी में जल भरते। झूम-झूम मृदु मुस्कानों सें- मंत्र मुग्ध हो मन... Hindi · गीत · चौपाई · बचपन · बाल कविता · सावन 5 3 287 Share लक्ष्मी सिंह 15 Aug 2022 · 1 min read अमृत महोत्सव आजादी का अमृत महोत्सव आजादी का,खुशियों का बजे मृदंगा। आओ हर घर के आँगन में,फहराये राष्ट्र तिरंगा। बालकनी के मुंडेरों पर,देहली और दलान पर। सभी घरों के छत के ऊपर,छोटे बड़े मकान... Hindi · गीत · लावणी /ताटंक छंद 6 2 277 Share लक्ष्मी सिंह 14 Jul 2022 · 1 min read जब सावन का मौसम आता जब सावन का मौसम आता, छा जाती हरियाली। बूँद-बूँद में भरा हुआ है,जीवन मोदक प्याली। पात पात सब निखर रहे हैं, झूम रही हर डाली। हरी-भरी है छटा सुहानी, मन... Hindi · गीत · ललित छंद/सार छंद · सावन 2 1 306 Share लक्ष्मी सिंह 15 Mar 2022 · 1 min read दूर क्षितिज के पार माँ! चल ले चल तू मुझे,दूर क्षितिज के पार। जहाँ हृदय हो पुष्प सा, स्वार्थ हीन हो प्यार ।। इंसा में इंसानियत,हो निर्मल व्यवहार। सत्य सुर्य सा हो प्रखर,करे झूठ... Hindi · गीत · दोहा · दोहा गीत · बाल कविता · माँ 4 3 273 Share लक्ष्मी सिंह 11 Jun 2021 · 3 min read बरसात 1) गीत शुन्य हृदय में प्रेम की,गहन जलद बरसात। गहन अँधेरा कर गयी, पावस की यह रात।। झुलस रही हूँ अग्नि-सी, बढ़ा दिया संताप। मुझ विरहण को यूँ लगे, दिया... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · गीत · बरसात 8 8 317 Share लक्ष्मी सिंह 4 Feb 2021 · 1 min read हूँ थोड़ी नादान सी हूँ थोड़ी नादान सी,इस जग से अनजानी। अपने ही धुन में रहूँ, करती हूँ मनमानी। चलूँ पवन के वेग से, कहीं नहीं मैं ठहरी । आँखों में सपने लिए,फिरूँ भरी... Hindi · गीत 2 291 Share लक्ष्मी सिंह 2 Feb 2021 · 1 min read विरह गीत _वीर_छंद आधारित विरह गीत लिखा हुआ है क्यों किस्मत में,इतना लंबा विरह-वियोग। लगा गये हो जाते-जाते, बड़ा-भयानक दिल का रोग। सुबक रही हूँ अबोध शिशु-सी, मन को समझाएगा कौन। नित... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · गीत · विरह · विरह गीत · वीर छंद 12 48 569 Share लक्ष्मी सिंह 30 Jan 2021 · 1 min read सीमा प्रहरी आधार छंद-लावणी अटल-अडिग सीमा पर रहता, हम सब का रखवाला है । धीर-वीर गंभीर निडर वह,महाकाल की ज्वाला है। रहा राष्ट्र का गौरव प्यारा, आजादी के रक्षक हैं। आँख उठे... Hindi · गीत · लावणी /ताटंक छंद · सीमा प्रहरी/सिपाही 1 212 Share लक्ष्मी सिंह 28 Jan 2021 · 1 min read वीर-सिपाही मैं भारत का वीर-सिपाही,भारत हमको प्यारा । भारत माँ की रक्षा करना,ये कर्तव्य हमारा । अपने जीवन में पल-पल मैं, देता हूँ कुर्बानी। सदा देश की सेवा में कर,देता त्याग... Hindi · गीत · ललित छंद/सार छंद · सीमा प्रहरी/सिपाही 1 179 Share लक्ष्मी सिंह 28 Jan 2021 · 1 min read नहीं वह मर्द होता है आधार छंद-विधाता 1222 1222 1222 1222 उठाये हाथ नारी पर, नहीं वह मर्द होता है। निरा वह तुक्ष प्राणी है, नहीं हमदर्द होता है। अहंकारी बड़ा पापी,करे अपमान पग-पग में।... Hindi · गीत · विधाता छंद 1 188 Share लक्ष्मी सिंह 27 Jan 2021 · 1 min read तिरंगा विधा:-विधाता छंद तिरंगा देश का अनुपम,अनोखा है निराला है। सजा है तीन रंगों से,हृदय में चक्र डाला है। बसंती रंग सुखदायी, सुशोभित कर रहा माथा। कथा बलिदान की कहता,सुनाये वीर... Hindi · गीत · विधाता छंद 3 3 496 Share लक्ष्मी सिंह 8 Dec 2020 · 1 min read जाने क्यों? जाने क्यों उनकी बात से, मुझे पहुँचती ठेस। बात बात में वो मुझे, जब देते उपदेश। घर केवल मुझ से चले, मैं लाता हूँ कैश। मैं तेरे जैसा नहीं, घर... Hindi · गीत · दोहा · दोहा गीत 2 322 Share लक्ष्मी सिंह 30 Mar 2020 · 1 min read अतिथि विधा-महाशृंगार छंद अतिथि बनकर आये भगवान, करें हम अभिनंदन, गुणगान| सुमन भावों का करती दान, नहीं इससे बढ़कर अनुदान | पधारे हैं यहाँ मेहमान, बनाईं मीठा-सा पकवान| सभी मिलजुल करिये... Hindi · गीत · महाशृंगार छंद 7 1 407 Share लक्ष्मी सिंह 21 Mar 2020 · 1 min read कोरोना विधा श्रृंगार छंद विकट है कोरोना का ज्वार| मचा है जग में हाहाकार|| सभी के संकट में है प्राण| नहीं मिलता है इससे त्राण| वाइरस का ऐसा संचार| मचा है... Hindi · गीत · श्रृंगार छंद 4 373 Share लक्ष्मी सिंह 16 Mar 2020 · 1 min read विरह गीत विधा -तंत्री छंद विधान-प्रति चरण 32 मात्रायें । 8/8/6/10 मात्राओं पर यति। दो- दो चरण समतुकांत होते हैं। चरणांत दो गुरु (2 2) से होता है । पिया लौट कर,... Hindi · गीत · तंत्री छंद · विरह · विरह गीत 2 1 251 Share लक्ष्मी सिंह 16 Mar 2020 · 1 min read प्रणय गीत छंद:-तंत्री(मापनीमुक्त मात्रिक) विधान:-कुल 32 मात्राएँ 8,8,6,10 पर यति अंत में गुरु-गुरु सबसे पावन, सुखमय, प्रियवर, लगता नित ,संग तुम्हारा है| उर की ज्वाला,शीतल करती, चंदन-सा ,अंग तुम्हारा है| सदियों से... Hindi · गीत · तंत्री छंद · प्रणय गीत 2 2 360 Share लक्ष्मी सिंह 13 Mar 2020 · 1 min read शिव वंदना विधा- तंत्री छंद_ #शिल्प विधान-८,८,६,१०चरणांत२२(वर्णिक) हे! शिव शंकर,औघरदानी, हे! भोले, शंभू त्रिपुरारी| हे! महाकाल, कर दो निहाल, है तेरी, सब महिमा न्यारी| हे! अमरनाथ, केदारनाथ, सोमनाथ, अर्ध चन्द्रधारी| हे!भूतनाथ, हे!आदिनाथ,... Hindi · गीत · तंत्री छंद · भजन · वंदना 1 413 Share लक्ष्मी सिंह 19 Feb 2020 · 1 min read विरह गीत _वीर_छंद आधारित विरह गीत लिखा हुआ है क्यों किस्मत में,इतना लंबा विरह-वियोग। लगा गये हो जाते-जाते, बड़ा-भयानक दिल का रोग। सुबक रही हूँ अबोध शिशु-सी, मन को समझाएगा कौन। नित... Hindi · गीत · विरह · विरह गीत · वीर छंद 3 2 516 Share लक्ष्मी सिंह 16 Feb 2020 · 1 min read आज खुशी भर जीवन में। कनक मंजरी छंद ----------------------------------- विधान- २३ वर्ण ,१३,१०पर यति वर्ण क्रम--११११+२११(भगण) की ६आवृति+गुरु दुखमय जीवन को बहला कर, आज खुशी भर जीवन में। क्षण भर आहत विश्व हँसा कर, पुष्प... Hindi · कनक मंजरी छंद · गीत 5 1 410 Share लक्ष्मी सिंह 6 Feb 2020 · 1 min read पूर्णिमा की रात आई। मनोरम छंद मापनी 2122,2122 = 14 मात्रा पूर्णिमा की रात आई। बाँटने सौगात आई। चाँद का सौन्दर्य प्यारा। दिव्य अनुपम प्रेम धारा। क्षीर सागर में उतारा। है बड़ा अद्भुत नज़ारा।... Hindi · गीत · मनोरम छंद 1 289 Share लक्ष्मी सिंह 3 Feb 2020 · 1 min read मधुमास विधा-मृदुगति /दिगपाल छंद 221 2122 221 2122 ********************* अनुपम मिठास लेकर, मधुमास आ गया है। सब राग रंग छलके, उल्लास आ गया है। बहती हुई हवाएँ, संवाद छेड़ती है। नित... Hindi · गीत · मृदुगति /दिगपाल छंद 3 1 207 Share लक्ष्मी सिंह 2 Feb 2020 · 1 min read बसंत विधा-दिगपाल छंद मापिनी-221 2122 221 2122 देखो वसंत आया,देखो वसंत आया। आनंद संग लाया,शोभा अनंत लाया। जब बैठ आम डाली,कोयल चकोर बोले। हर एक चेतना में, वो प्रेम राग घोले।... Hindi · गीत · बसंत · मृदुगति /दिगपाल छंद 3 391 Share लक्ष्मी सिंह 2 Feb 2020 · 1 min read बसंत विधा- विधाता छंद मापिनी-1222-1222, 1222-1222 सुखद ऋतु राज आये हैं,प्रकृति यह झूम कर गाई । खिले हैं पुष्प आशा के, लहर आनंद की छाई। खिली है खेत में सरसों, मटर... Hindi · गीत · बसंत · विधाता छंद 4 437 Share लक्ष्मी सिंह 1 Feb 2020 · 1 min read नहीं है पूर्ण आजादी #विधा - विधाता छंद अरे भारत! उठो आँखें, ज़रा तुम खोल कर देखो। यही है वक्त जगने का, हृदय को तोल कर देखो। हुए आज़ाद कहने को, नहीं है पूर्ण... Hindi · गीत · विधाता छंद 3 334 Share लक्ष्मी सिंह 26 Jan 2020 · 1 min read हमारा देश प्यारा है। विधाता छंद मापिनी-1222 1222 ,1222 1222 हमारी जान से ज़्यादा, हमारा देश प्यारा है। हमें है गर्व भारत पर, नयन का वो सितारा है। पखारे पाँव नित सागर, मुकुट जिसका... Hindi · गीत · विधाता छंद 2 421 Share लक्ष्मी सिंह 24 Jan 2020 · 1 min read प्रात काल जब सूरज निकला -विष्णुपद छंद विधान--२६ मात्रा १६,१०पर यति,और चरणान्त वर्णिक गुरु से प्रात काल जब सूरज निकला,फैला उजियाला । नव प्रकाश नव जीवन भरता,हरता तम काला। संदेशा दे आशाओं का,नव जागृति लाता।... Hindi · गीत · विष्णुपद छंद 2 2 451 Share लक्ष्मी सिंह 23 Jan 2020 · 1 min read बोलो कृष्ण कन्हैया। नमन छन्दप्रवाह विधा-मद लेखा छन्द(वर्णिक) (२२२ ११२ २) ********************************** बोलो कृष्ण कन्हैया। श्री बृंदावन छैया। ग्वाला धेनु चरैया। दाऊ के छुट भैया बंसी मुग्ध बजैया। हे !गोवर्धन धारी।बांके कुंज बिहारी।... Hindi · गीत · भजन · मद लेखा छन्द 3 2 346 Share लक्ष्मी सिंह 31 Dec 2019 · 1 min read शीत # -आनंद वर्धक छंद_ -------------------------------------- 2122 2122 212 सनसनाती है हवाएँ शीत की। ये कहानी कह रही है प्रीत की। राह सूनी शांत-सी है चुप खड़ी। पेड़ की भी आखिरी... Hindi · आनंद वर्धक छंद · गीत · शीत 3 244 Share लक्ष्मी सिंह 31 Dec 2019 · 1 min read नवल वर्ष का स्वागत करने,देखो सर्दी आई। ********************************** _ सार छंद नवल वर्ष का स्वागत करने,देखो सर्दी आई। नवल रूप धरती पर बिखरा,मंगलमय ध्वनि छाई। हीरे मोती सजे घास पर, चमक रही हर क्यारी। रंग-बिरंगे फूल खिले... Hindi · गीत · ललित छंद/सार छंद 2 272 Share लक्ष्मी सिंह 30 Dec 2019 · 1 min read सागर की लहरें सुनों #विधा_दोहा_गीत सागर की लहरें सुनों, तुम से करूँ गुहार। झूठ-मूठ का ही सही,हमसे कर लो प्यार। । मोती मानिक से भरे,तुम हो बहुत विशाल। लहर-लहर कर हर घड़ी, मारो नहीं... Hindi · गीत · दोहा गीत · प्रेम गीत 1 208 Share लक्ष्मी सिंह 15 Dec 2019 · 1 min read राह कोई नयी-सी बनाते चलो। ◆छंद:-वाचिक सृग्विणी ◆मापनी:-212 212 212 212 राह कोई नयी-सी बनाते चलो। दूरियाँ मंजिलों की मिटाते चलो। जिंदगी में खुशी के कभी फूल हैं। तो कभी कष्टदायी कई शूल हैं। शूल... Hindi · गीत · वाचिक सृग्विणी छंद 1 2 198 Share लक्ष्मी सिंह 14 Dec 2019 · 1 min read कविता गीतिका छंदाधारित गीत भावना के फूल खिलते,तब कहीं कविता बने। तूलिका से भाव बह कर, काव्य की सरिता बने। जब हृदय में ताप बढ़ती, दर्द की बौछार हो। दर्द जब... Hindi · कविता · गीत · गीतिका छंद 2 357 Share लक्ष्मी सिंह 14 Dec 2019 · 1 min read करो नारी खुद पर विश्वास ************************** श्रृंगार छंद 16मात्रा/आरंभ में त्रिकल, द्विकल फिर त्रिकल अनिवार्य ★★★★★★★★★★★★ करो नारी खुद पर विश्वास। जन्म तेरा है सबसे खास। कभी मत होना कुंठा ग्रस्त। नहीं होना विपदा से... Hindi · गीत · नारी शक्ति · श्रृंगार छंद 372 Share लक्ष्मी सिंह 14 Dec 2019 · 1 min read वीर बालिका नन्हीं-मुन्हीं वीर बालिका, भय नाशक अरु देश सेविका । शीश उठाकर सीना ताने। ये दीवाने हैं मस्ताने। खाकी वर्दी टोपी डाले। कांधे पर बंदूक सँभाले। श्रम बिन्दु का लगा के... Hindi · कविता · गीत · चौपाई · बाल कविता · बेटी/बेटियां 1 888 Share लक्ष्मी सिंह 13 Dec 2019 · 1 min read भोर महाश्रृंगार छंद सृजन भोर ने जब भी खोली आँख, लालिमा लेकर अपने संग। मिटा अवसादों का हर जाल, दिशा हो जाती है खुश रंग। मलय -सा माथे पर है सूर्य,... Hindi · गीत · महाशृंगार छंद · विहान/भोर 1 276 Share लक्ष्मी सिंह 13 Dec 2019 · 1 min read नारी महाशृंगार_छंद_सृजन_ ईश करते नारी में वास,यही देवी दुर्गा अवतार। भरे नित जीवन में उल्लास,जगत जननी ये पालन हार । बहन ,बेटी, बहु, भाभी, मात, लिये नारी ने कितने रूप। जगत... Hindi · गीत · नारी शक्ति · महाशृंगार छंद 1 157 Share लक्ष्मी सिंह 11 Dec 2019 · 1 min read मँहगाई श्रृंगार छंद 16मात्रा/आरंभ में त्रिकल, द्विकल फिर त्रिकल अनिवार्य नित्य मँहगाई करे कमाल। आम जनता की उधड़े खाल। तीन सौ के लहसुन है पार। प्याज कहता मुझको मत तार। मटर... Hindi · गीत · श्रृंगार छंद 1 2 151 Share लक्ष्मी सिंह 10 Dec 2019 · 1 min read गधा चला पढ़ने विद्यालय, सार छंद ???????????? गधा चला पढ़ने विद्यालय, ले हाथों में बस्ता। चलते-चलते भूल गया वह, विद्यालय का रस्ता। इधर- उधर वह देख रहा था नजर न कोई आया। सोच रहा... Hindi · गीत · ललित छंद/सार छंद · हास्य कविता · हास्य गीत 254 Share लक्ष्मी सिंह 9 Dec 2019 · 1 min read प्याज श्रृंगार छंद रोज गिर रहा दीन पर गाज। हुआ है कितना मँहगा प्याज़। प्याज़ मिलता है ऊँचे दाम। नमक मिर्ची से चलता काम। नहीं अब कटता प्याज़ सलाद। प्याज़ बिन... Hindi · गीत · श्रृंगार छंद 379 Share लक्ष्मी सिंह 9 Dec 2019 · 1 min read गौरैया विधा.. लावणी छंद ★★★★★★★★★ बिन वर्षा जंगल सूखा है, सूखे सब ताल तलैया। सूखी टहनी पर बैठी हूँ,मैं गुमसुम-सी गौरैया। उजाड़ दिया आधुनिकता ने, मेरा हर एक ठिकाना। छोटे से... Hindi · गीत · लावणी /ताटंक छंद 2 223 Share लक्ष्मी सिंह 7 Dec 2019 · 1 min read बोल बम-बम कांवड़िया बोल। शृंगार छन्द 16मात्रा/आरंभ में त्रिकल, द्विकल फिर त्रिकल अनिवार्य बोल बम-बम कांवड़िया बोल। सदा शिव की मस्ती में डोल। पुण्य सावन का आया माह। पूर्ण होगी तेरी हर चाह। लिए... Hindi · गीत · भजन · श्रृंगार छंद 348 Share लक्ष्मी सिंह 7 Dec 2019 · 1 min read देव अब जो करना निर्माण। ******************** शृंगार छंद 16मात्रा/आरंभ में त्रिकल, द्विकल फिर त्रिकल अनिवार्य ******************* देव अब जो करना निर्माण। पुरुष से नारी हो बलवान। लौह तन सांकल-सी शक्ति। अटल हो प्रभंजन अभिव्यक्ति। शख्त... Hindi · गीत · नारी शक्ति · श्रृंगार छंद 1 1 166 Share लक्ष्मी सिंह 3 Dec 2019 · 1 min read भोर का आनंद लै लो छन्द - रजनी मापनी युक्त मात्रिक । 23 मात्रा , 19 - 9 पर यति । यह छन्द राधा का वाचिक रूप है । मापनी - 2122 2122 2122 2... Hindi · गीत · रजनी छंद · विहान/भोर 316 Share लक्ष्मी सिंह 3 Dec 2019 · 1 min read बालमा ओ बालमा (विरह गीत) विधा-रूपमालाछंद ★★★★★★★★★★ बालमा ओ बालमा जी,क्यों गये परदेश। चार पैसे के लिए दिल,पर लगा कर ठेस। हाय तेरी नौकरी से, छिन गया सुख चैन। ढ़ूंढ़ते- फिरते तुम्हें ही नित्य पागल... Hindi · गीत · रूपमाला छंद · विरह · विरह गीत 1 190 Share लक्ष्मी सिंह 2 Dec 2019 · 1 min read सर्द की रात( विरह) रूपमाला छंद शिल्प-14'10की यति पर चरणान्त गुरु लघु मापनी-2122,2122, 2122 21 ********************************* काटते कटती नहीं है ,सर्द की यह रात। याद आती है मुझे प्रिय ,प्रेम की हर बात। नींद... Hindi · गीत · रूपमाला छंद · विरह · विरह गीत 1 199 Share लक्ष्मी सिंह 28 Nov 2019 · 1 min read सरस्वती वंदना रूपमाला छन्द ★★★★★★★★ हे भवानी! भारती! मुझ पर करो उपकार। हाथ जोड़े हूँ खड़ी कर लो नमन स्वीकार। दीप आशा की जलाये आ गई हूँ द्वार। हर दिवस लिखती रहूँ... Hindi · गीत · भजन · रूपमाला छंद · वंदना · स्तुति 2 2 501 Share लक्ष्मी सिंह 28 Nov 2019 · 1 min read सरस्वती वंदना हरिगीतिका छंद ★★★★★★★ हे भारती! तप साधिका विद्या,कला,शुभदायिनी। हे मात! नत मस्तक नमन है, वंदना नित नंदिनी। माँ!सौम्य रूपा,चंद्र वदनी,श्वेत वर्णी योगिनी। है श्वेत सारी में सजी ब्रह्मा सुता सन्यासिनी।... Hindi · गीत · भजन · वंदना · स्तुति · हरिगीतिका छंद 1 1 519 Share Page 1 Next