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मँहगाई के सामने सारे वादे फेल । नेताओं की बन आयी है जनता देखे खेल । धन्यवाद!
बहुत ही सुंदर रचना…… शृंगारिक छंद के साथ समसामयिकी का बखूबी चित्रण….. बहुत खूब
मँहगाई के सामने सारे वादे फेल ।
नेताओं की बन आयी है जनता देखे खेल ।
धन्यवाद!