Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Dec 2019 · 1 min read

भोर का आनंद लै लो

छन्द – रजनी

मापनी युक्त मात्रिक ।
23 मात्रा , 19 – 9 पर यति ।
यह छन्द राधा का वाचिक रूप है ।
मापनी – 2122 2122 2122 2

शांत सुन्दर-सी उषा की लालिमा छाई।
भोर का आनंद ले लो जाग जा भाई।

रात काली जा रही नव चाँदनी बिखरी।
स्वर्ण माला-सी सुनहरी हर दिशा निखरी।
ये मनोरम दृश्य है अत्यंत सुख दाई।
भोर का आनंद ले लो जाग जा भाई।

शुद्ध निर्मल मंद मनमोहक हवा चलती
ताजगी तन में सुखद नव चेतना भरती।
स्वप्न अलसाये सभी नव जिन्दगी पाई।
भोर का आनंद ले लो जाग जा भाई।

राग पंछी की मधुर रस कर्ण में घोले।
बाग में उड़ते भ्रमर -षटकीट दल डोले।
खिल गई कलियाँ सभी हर पुष्प मुस्काई
भोर का आनंद ले लो जाग जा भाई।

प्रात की बेला सुखद मन मुग्ध कर जाती।
सूर्य की पहली किरण दुख दर्द हर जाती।
सूर्य किरणें संग अपने रौशनी लाई।
भोर का आनंद ले लो जाग जा भाई।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली

302 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from लक्ष्मी सिंह
View all
You may also like:
--> पुण्य भूमि भारत <--
--> पुण्य भूमि भारत <--
Ms.Ankit Halke jha
इतना बेबस हो गया हूं मैं
इतना बेबस हो गया हूं मैं
Keshav kishor Kumar
दो शे'र
दो शे'र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
व्यस्तता जीवन में होता है,
व्यस्तता जीवन में होता है,
Buddha Prakash
#शीर्षक:-बहकाना
#शीर्षक:-बहकाना
Pratibha Pandey
*जटायु (कुंडलिया)*
*जटायु (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
कितने पन्ने
कितने पन्ने
Satish Srijan
चाँदी की चादर तनी, हुआ शीत का अंत।
चाँदी की चादर तनी, हुआ शीत का अंत।
डॉ.सीमा अग्रवाल
नीम करोरी वारे बाबा की, महिमा बडी अनन्त।
नीम करोरी वारे बाबा की, महिमा बडी अनन्त।
Omprakash Sharma
हम और तुम जीवन के साथ
हम और तुम जीवन के साथ
Neeraj Agarwal
यौवन रुत में नैन जब, करें वार पर  वार ।
यौवन रुत में नैन जब, करें वार पर वार ।
sushil sarna
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
अनकही दोस्ती
अनकही दोस्ती
राजेश बन्छोर
छात्रों का विरोध स्वर
छात्रों का विरोध स्वर
Rj Anand Prajapati
■ आज का शेर
■ आज का शेर
*Author प्रणय प्रभात*
क्योंकि मै प्रेम करता हु - क्योंकि तुम प्रेम करती हो
क्योंकि मै प्रेम करता हु - क्योंकि तुम प्रेम करती हो
Basant Bhagawan Roy
एकता
एकता
Dr. Pradeep Kumar Sharma
हवा तो थी इधर नहीं आई,
हवा तो थी इधर नहीं आई,
Manoj Mahato
चिलचिलाती धूप में निकल कर आ गए
चिलचिलाती धूप में निकल कर आ गए
कवि दीपक बवेजा
सुहासिनी की शादी
सुहासिनी की शादी
विजय कुमार अग्रवाल
गीत.......✍️
गीत.......✍️
SZUBAIR KHAN KHAN
"पड़ाव"
Dr. Kishan tandon kranti
सारी जिंदगी कुछ लोगों
सारी जिंदगी कुछ लोगों
shabina. Naaz
सारी उमर तराशा,पाला,पोसा जिसको..
सारी उमर तराशा,पाला,पोसा जिसको..
Shweta Soni
शमा से...!!!
शमा से...!!!
Kanchan Khanna
आरक्षण बनाम आरक्षण / MUSAFIR BAITHA
आरक्षण बनाम आरक्षण / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
चोट शब्दों की ना सही जाए
चोट शब्दों की ना सही जाए
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
3247.*पूर्णिका*
3247.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ए जिंदगी तू सहज या दुर्गम कविता
ए जिंदगी तू सहज या दुर्गम कविता
Shyam Pandey
हौसले से जग जीतता रहा
हौसले से जग जीतता रहा
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
Loading...