Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Dec 2019 · 1 min read

शीत

# -आनंद वर्धक छंद_
————————————–
2122 2122 212
सनसनाती है हवाएँ शीत की।
ये कहानी कह रही है प्रीत की।

राह सूनी शांत-सी है चुप खड़ी।
पेड़ की भी आखिरी पत्ती झड़ी।
पत्तियों पर ओस की बूंदे जमी
रात की बीमार परछाई पड़ी।
याद अब आने लगी है मीत की।
सनसनाती है हवाएँ शीत की।

है हवा में धुंध की चादर तनी।
हर दिशाएँ ऊँधती-सी अनमनी
सूर्य रथ का बावरा घोड़ा डरा-
धूप कमसिन हो गई है गुनगुनी।
कह रही कोई कहानी जीत की।
सनसनाती है हवाएँ शीत की।

इस धरा पर रूप की सरिता बहे।
वाटिका रंगी हथेली बिन कहे।
कोहरे में सब तिलिस्मी जैसा लगे-
कल्पना की तूलिका कविता गहे।
धुन सुनाई दे रही संगीत की।
सनसनाती है हवाएँ शीत की।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली

3 Likes · 232 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from लक्ष्मी सिंह
View all
You may also like:
सत्यता और शुचिता पूर्वक अपने कर्तव्यों तथा दायित्वों का निर्
सत्यता और शुचिता पूर्वक अपने कर्तव्यों तथा दायित्वों का निर्
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
एक पूरी सभ्यता बनाई है
एक पूरी सभ्यता बनाई है
Kunal Prashant
Ghazal
Ghazal
shahab uddin shah kannauji
2611.पूर्णिका
2611.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
शर्म करो
शर्म करो
Sanjay ' शून्य'
मै ज़िन्दगी के उस दौर से गुज़र रहा हूँ जहाँ मेरे हालात और मै
मै ज़िन्दगी के उस दौर से गुज़र रहा हूँ जहाँ मेरे हालात और मै
पूर्वार्थ
माँ मेरा मन
माँ मेरा मन
लक्ष्मी सिंह
तुम याद आए
तुम याद आए
Rashmi Sanjay
अगन में तपा करके कुंदन बनाया,
अगन में तपा करके कुंदन बनाया,
Satish Srijan
बाबू जी की याद बहुत ही आती है
बाबू जी की याद बहुत ही आती है
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
जिंदगी एक सफ़र अपनी 👪🧑‍🤝‍🧑👭
जिंदगी एक सफ़र अपनी 👪🧑‍🤝‍🧑👭
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
నమో గణేశ
నమో గణేశ
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
*वाह-वाह क्या बात ! (कुंडलिया)*
*वाह-वाह क्या बात ! (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
सराब -ए -आप में खो गया हूं ,
सराब -ए -आप में खो गया हूं ,
Shyam Sundar Subramanian
उसने मुझे बिहारी ऐसे कहा,
उसने मुझे बिहारी ऐसे कहा,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
शेष कुछ
शेष कुछ
Dr.Priya Soni Khare
आज समझी है ज़िंदगी हमने
आज समझी है ज़िंदगी हमने
Dr fauzia Naseem shad
Struggle to conserve natural resources
Struggle to conserve natural resources
Desert fellow Rakesh
सांत्वना
सांत्वना
भरत कुमार सोलंकी
जमाने से सुनते आये
जमाने से सुनते आये
ruby kumari
खाने पीने का ध्यान नहीं _ फिर भी कहते बीमार हुए।
खाने पीने का ध्यान नहीं _ फिर भी कहते बीमार हुए।
Rajesh vyas
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मन की डोर
मन की डोर
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
हसीनाओं से कभी भूलकर भी दिल मत लगाना
हसीनाओं से कभी भूलकर भी दिल मत लगाना
gurudeenverma198
'सरदार' पटेल
'सरदार' पटेल
Vishnu Prasad 'panchotiya'
मनोरमा
मनोरमा
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
दोस्ती
दोस्ती
Mukesh Kumar Sonkar
!! प्रेम बारिश !!
!! प्रेम बारिश !!
The_dk_poetry
।।अथ श्री सत्यनारायण कथा चतुर्थ अध्याय।।
।।अथ श्री सत्यनारायण कथा चतुर्थ अध्याय।।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
कलयुग मे घमंड
कलयुग मे घमंड
Anil chobisa
Loading...