डॉ ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम Tag: ओम की रचनाएँ 71 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid डॉ ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम 5 Nov 2025 · 1 min read गुरु पूर्णिमा कार्तिक होता दिव्य महीना,रखिए उर विश्वास। लक्ष्मी गणेश तुलसी कुबेर ,करें धरा पर वास।। पर्वों की है वसुधा अपना *अपनी* ,पावन भारत देश। दिव्य प्रकृति है इसकी माया,शोभित है परिवेश।... Hindi · ओम की रचनाएँ · सरसी छंद 1 96 Share डॉ ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम 31 Oct 2025 · 1 min read बिन मौसम बरसात से बिन मौसम बरसात से,अतिशय व्यथित किसान। बिगड़ी सारी है फसल,बिगड़े सकल विधान।। सरसों गायब हो रही,भीगा सारा धान। देख दशा निज खेत की,रोते सभी किसान।। कैसा आया है समय, फसलें... Hindi · ओम की रचनाएँ · ओम के दोहे · दोहा 1 56 Share डॉ ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम 29 Oct 2025 · 1 min read कर्कश वाणी कर्कश वाणी का कहर ,करता उर आघात। उर फटता इक चीर सा,दृग करते बरसात।। कर्कश वाणी केंद्र में,रहे अहम का भाव। दिखलाने को रौब निज,देते हैं हम घाव।। कर्कश वाणी... Hindi · ओम की रचनाएँ · ओम के दोहे · दोहा 53 Share डॉ ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम 29 Oct 2025 · 1 min read उन्नति के सपने सपने उन्नति के लखें ,करें यथोचित कर्म। जीवन इससे हो सफल, विज्ञ बताते मर्म। विज्ञ बताते मर्म,लक्ष्य जीवन का जानें। सत्य भाव के साथ,सोच अन्तस की मानें। रखें सदा ही... Hindi · ओम की रचनाएँ · कुण्डलिया 47 Share डॉ ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम 17 Oct 2025 · 1 min read पावन धनतेरस आई धनतेरस है पावन आई। आँचल में धन वैभव लाई।। क्रय विक्रय भी समुचित करिए। निज जीवन में खुशियाँ भरिए।। सोना चांदी बर्तन लाओ। लक्ष्मी माँ का ध्यान लगाओ।। झाड़ू कौड़ी... Hindi · ओम की रचनाएँ · चौपाई 1 49 Share डॉ ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम 3 Aug 2025 · 1 min read मित्र इत्र दोनों सदा मित्र इत्र दोनों सदा,चुनिए अति पहचान। उचित अगर तुमको मिले,बढ़े सदा सम्मान।। गलत चुना जो आपने,मुश्किल आती द्वार। गुण दोषों समझ समझ,करो उचित व्यवहार।। कृष्ण सुदामा मित्रता,रखते जो भी मित्र।... Hindi · ओम की रचनाएँ · दोहा 1 65 Share डॉ ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम 30 Jul 2025 · 1 min read नशा पतन का कारक नशा नाश की मूल है,सकल पतन का सार। दूषित करके बुद्धि को,बदले यह व्यवहार।। कंटक से भी है बुरा,कुटिल नशे का जाल। फँसकर इसमें खुद मनुज,पास बुलाता काल।। आदत से... Hindi · ओम की रचनाएँ · दोहा 1 109 Share डॉ ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम 28 Jul 2025 · 1 min read भोले के दरबार में भोले के दरबार में, पहुँचे जो भी व्यक्ति। होती प्रभुवर की कृपा,जगती उर में भक्ति। जगती उर में भक्ति,कर्म उत्तम तब भाते। मिटते हृदय विकार,कष्ट भी गुम हो जाते। हर्षित... Hindi · ओम की रचनाएँ · कुण्डलिया · शिव स्तुति 1 104 Share डॉ ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम 25 Jul 2025 · 1 min read कलियुग की महिमा न्यारी कलियुग की महिमा न्यारी कलियुग की है महिमा न्यारी, मनुज जानकर भूलें करता। पाप पुण्य की चिन्ता तजकर,कोश अर्थ से अपने भरता। धर्म कर्म करने से पहले,माया का अति गणित... Hindi · ओम की रचनाएँ · गीत 1 120 Share डॉ ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम 25 Jul 2025 · 1 min read न्यारी महिमा शम्भु की न्यारी महिमा शम्भु की,रहते गौरा साथ । जीवन दाता मातु हैं,पालक भोलेनाथ। पालक भोलेनाथ,ध्यान हैं सबका रखते। हित अनहित हर काज,सभी भक्तों का लखते। निर्मल श्रद्धा भक्ति,लगे भोले को प्यारी।... Hindi · ओम की रचनाएँ · कुण्डलिया 96 Share डॉ ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम 23 Jul 2025 · 1 min read गणपति वंदन कर प्रथम गणपति वंदन कर प्रथम, हो दिन जब शुरुआत। श्रेष्ठ सोच प्रबलित रहे,मिले नवल सौगात।। उचित कर्म साधक करे,रखे जगत हित ध्यान। भूले से भी भूलकर,तोड़े नहीं विधान।। धर्म कर्म अरु... Hindi · ओम की रचनाएँ · दोहा 125 Share डॉ ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम 16 Jul 2025 · 1 min read कटु पर सत्य अधिक आधुनिक बन मनुज,भूले निज संस्कार। उचित पंथ को त्यागता, लख झूठे आधार।। लोभी बनता अर्थ का,करता फैशन साज। मातु पिता को भूलता,तजकर सारी लाज।। डॉ ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम Hindi · ओम की रचनाएँ · दोहा 2 142 Share डॉ ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम 14 Jul 2025 · 1 min read भोले बाबा आ गए भोले बाबा आ गए,बरसाने जग वरदान। पूजन वंदन हम करें,जैसे बने विधान। जैसे बने विधान,भक्ति अपनी दर्शाएँ। भाँग धतूरा संग,श्वेत अरु नीर चढ़ाएँ। भक्ति भाव के साथ,हृदय शिव मय हो... Hindi · ओम की रचनाएँ · कुण्डलिया 100 Share डॉ ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम 12 Jul 2025 · 1 min read गुरु महिमा जीवन का सत पंथ, हमें गुरुवर समझाते। देकर उत्तम ज्ञान,शिष्य को सफल बनाते।। उन्नति कर के शिष्य,शिखर पर जब है जाता। सर्वप्रथम यह देख,अधिक गुरु ही हर्षाता।। गुरुवर का आशीष,शिष्य... Hindi · ओम की रचनाएँ · गुरु वंदन · रोला छंद 1 279 Share डॉ ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम 3 Jul 2025 · 1 min read छाया कलियुग अब अधिक छाया कलियुग अब अधिक,सकल जगत में आज। रिश्ते खोते प्रेम सत,मिटी आँख की लाज। मिटी आँख की लाज,भाव दूषित हैं पलते। संस्कृति चिंतक आज,हाथ अपने हैं मलते। मिटा प्रेम का... Hindi · ओम की रचनाएँ · कलियुग · कुण्डलिया 1 86 Share डॉ ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम 30 Jun 2025 · 1 min read बरखा रानी आ गई रानी बरखा आ गईं,करने को उपकार। रिमझिम रिमझिम नीर दे,करें प्रकृति शृंगार। करें प्रकृति शृंगार, बढ़ाकर भू हरियाली। दिखे हरित आगाज, जहाँ थी वसुधा खाली। हर्षित हुआ किसान,देख चुनर भू... Hindi · ओम की रचनाएँ · कुण्डलिया · प्रकृति प्रेम 1 80 Share डॉ ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम 26 Jun 2025 · 1 min read उत्तम शिक्षा उन्नति आधार शिक्षा संस्कृति योग से,उन्नति करे समाज। ज्ञानी कहते तथ्य यह,करो युगल हित काज। करो युगल हित काज, त्याग सारी मजबूरी। रक्षण इनका आज,देश में बहुत जरूरी। इनसे रहकर दूर,मिले पथ... Hindi · ओम की रचनाएँ · कुण्डलिया · शिक्षा का महत्त्व 2 885 Share डॉ ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम 20 Jun 2025 · 1 min read नित्य योग करके मनुज नित्य योग करके मनुज,रहता सदा निरोग। काया रहती स्वस्थ है, सुफलित हो उद्योग।। योग साधना से सदा, बढ़ती तन मन शक्ति। प्रमुदित रहता है सदा,ऐसा हर इक व्यक्ति।। ओम योग... Hindi · ओम की रचनाएँ · दोहा · योग दिवस विशेष 1 69 Share डॉ ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम 20 Jun 2025 · 1 min read वैवाहिक वर्षगांठ निधि मनीष की बहुत बधाई आपको,निधि मनीष जी आज। पावन परिणय का दिवस,प्रभुवर का सत साज।। धीमे-धीमे हो गए,पूरे सोलह वर्ष। हँसी खुशी जीवन चले,पा उन्नति उत्कर्ष।। प्यारी मीना मातु का,मिलता आशीर्वाद। नोक... Hindi · ओम की रचनाएँ · दोहा · निधि मनीष की वैवाहिक वर्षगांठ 1 165 Share डॉ ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम 20 Jun 2025 · 1 min read करते जो नित योग करते जो नित योग,काया सुंदर तत् रहे। दूरी रहते रोग,विद्वत कहते यह सही।। रहता सदा निरोग,योग नियम से जो करे। खाकर सात्विक भोग,जीवन मधुरिम अति रहे।। योग बना उद्योग,आज सभी... Hindi · ओम की रचनाएँ · योग दिवस विशेष · सोरठे 1 60 Share डॉ ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम 19 Jun 2025 · 1 min read रखता योग निरोग रहना जिसे निरोग,बनानी सुंदर काया। करे नित्य ही योग,त्याग आलस की माया।। रखता योग निरोग,बताते ज्ञानी सारे। बहता जिससे स्वेद,भागते रोग हमारे।। ज्ञान ध्यान अरु योग,मनुज जो भी अपनाते। सुखी... Hindi · ओम की रचनाएँ · रोला छंद 194 Share डॉ ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम 18 Jun 2025 · 1 min read माता रानी द्वार पर माता रानी द्वार पर,बहे कृपा की धार। जो भी आए भाव से,पाए कृपा अपार।। धन यश वैभव मातु दें,भरें सकल भण्डार। मानव चलकर पंथ सत,पाए सबका प्यार।। जीवन में सत... Hindi · ओम की रचनाएँ · दोहे · भक्ति दोहे · मातु दुर्गा उपासना 1 96 Share डॉ ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम 16 Jun 2025 · 1 min read गणपति देवा आपसे गणपति देवा आपसे ,विनती बारम्बार। उचित पंथ मुझको दिखा,करिए कृपा अपार। करिए कृपा अपार, ज्ञान भी समुचित दीजै। द्वेष-दर्प का भाव,दूर मुझसे श्री वर कीजै। करूँ काव्य शृंगार, रहे मेरी... Hindi · ओम की रचनाएँ · कुण्डलिया · भक्ति 2 644 Share डॉ ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम 15 Jun 2025 · 1 min read मातु पिता और पुत्र ममता भरती मातु सुत,पिता भरे सत शक्ति। युगल गुणों से भर बने,बालक उत्तम व्यक्ति।। बालक उत्तम व्यक्ति, बनाते दोनों पालक। श्रेष्ठ सजाते साज, काटते सारे जालक। मातु पिता के त्याग,नहीं... Hindi · ओम की रचनाएँ · कुण्डलिया 69 Share डॉ ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम 15 Jun 2025 · 1 min read माया काया दर्प से माया काया दर्प में,बिगड़ी मानव चाल। करे अनैतिक कर्म अति,रख माया की ढाल। रख माया की ढाल,गलत पथ बढ़ता जाता। बने प्रकृति का शत्रु,नहीं बिल्कुल घबराता। सोचे मन में ओम,जगत... Hindi · ओम की रचनाएँ · कुण्डलिया · माया काया दर्प 2 1 74 Share डॉ ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम 14 Jun 2025 · 1 min read जीवन का आनन्द जीवन का जो आनन्द उठाना,जिंदादिल रहना। कितनी भारी मुश्किल आ जाए,धीरज रख सहना। जीवन अनुपम मानव का पाया,सीखो यह जीना। द्वेष दर्प के कड़वे घूँटों को, हँसकर के पीना।। लोभ... Hindi · ओम की रचनाएँ · नव सृजित राम सिया छंद पर गीत · राम सिया छंद 1 81 Share डॉ ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम 13 Jun 2025 · 1 min read राम लला के दर्श को राम लला के दर्श को,चला अयोध्या धाम। यात्रा मेरी हो सफल,विनय करूँ श्री राम।। राम दर्श समुचित मिलें,दर्श मिलें हनुमान। प्रभुवर राजा राम जी,रखना उचित विधान।। राम कृपा मिलती रहे,शोभित... Hindi · अयोध्या धाम · ओम की रचनाएँ · दोहा 1 110 Share डॉ ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम 12 Jun 2025 · 1 min read प्रकृति का परोपकार प्रकृति हमारी नित्य,करती उत्तम कृत्य, प्राण वायु भोजन दे,परोपकार करे। त्याग सभी के ही भ्रम,मौसम रखते क्रम, ताप शीत वर्षा दे के, भोग भण्डार भरे। प्रकृति औषधि देती, रोग कई... Hindi · ओम की रचनाएँ · मनहरण घनाक्षरी 1 66 Share डॉ ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम 11 Jun 2025 · 1 min read कविवर श्रेष्ठ कबीर मसि कागद को बिन छुए,लिखे विषय गम्भीर। नमन आपको जग करे,कविवर श्रेष्ठ कबीर।। जाति-धर्म के भेद का,समुचित किया निदान। बिरले मिलते आप से,जग में अब विद्वान।। हिन्दू-मुस्लिम फर्क को,किया यथोचित... Hindi · ओम की रचनाएँ · ओम के दोहे · कबीर 2 508 Share डॉ ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम 11 Jun 2025 · 1 min read हे गणपति देवा हे गणपति देवा,करता सेवा, सुन लो आप पुकार। सत पंथ दिखाओ, ज्ञान बढ़ाओ,विनय करो स्वीकार।। हम भक्त तिहारे,आए द्वारे, भक्ति भाव ले सार। प्रभु कृपा दिखाओ,गले लगाओ,भरो शब्द भण्डार।। यह... Hindi · ओम की रचनाएँ · मरहटा छंद 136 Share Page 1 Next