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29 Oct 2025 · 1 min read

कर्कश वाणी

कर्कश वाणी का कहर ,करता उर आघात।
उर फटता इक चीर सा,दृग करते बरसात।।

कर्कश वाणी केंद्र में,रहे अहम का भाव।
दिखलाने को रौब निज,देते हैं हम घाव।।

कर्कश वाणी से सदा,घटे मान सम्मान।
साधु संत कहते यही,वर्णित वेद विधान।।

कर्कश वाणी से सदा,कुंठित होता प्यार।
दीमक लगता भाव में,डोले सत आधार।।

कर्कश वाणी से कभी,बनता है क्या काम।
कुंठित होते हैं सभी,करते दूर प्रणाम।।

डॉ ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम

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